भारत में किसानों को फायदा पहुंचाने के लिए यहां के कृषि वैज्ञानिक दिन-रात मेहनत करते हैं. दरअसल, भारत एक कृषि प्रधान देश है और यहां की ज्यादातर आबादी आज भी खेती किसानी पर आश्रित है. इसलिए सरकार की भी इस जुगत में रहती है कि किसानों को किसी भी हाल में इतनी मदद पहुंचाई जा सके ताकि उनकी रोजी रोटी चलती रहे. यही वजह है कि वैज्ञानिकों ने अब एक नए किस्म के कटहल की खोज की है, चलिए आज आपको इसके फायदे बताते हैं.
किस तरह का है ये नया कटहल
जिस नए कटहल की खोज वैज्ञानिकों ने की है वो भी किसी नॉर्मल कटहल की तरह खाने वाला कटहल ही है, लेकिन ये नया कटहल व्यावसायिक प्रसंस्करण के लिए काफी ज्यादा उपयुक्त है. इस नए कटहल को सिद्दू और शंकरा कहा जाता है. इसे मिलाकर अब तक वैज्ञानिकों ने कटहल की तीन किस्मों की खोज कर ली है. ये तीनों किस्में भारत में पाई जाती हैं. सबसे बड़ी बात की अब तक व्यावसायिक तौर सिर्फ दो किस्मों की ही उपज होती थी, लेकिन नई किस्म मिलने के बाद अब तीन किस्में उगाई जा सकेंगी.
कहां पाया गया ये नए किस्म का कटहल
आईआईएचआर-बेंगलुरु के वैज्ञानिकों को ये कटहल हाल ही में बेंगलुरु के ही बाहरी इलाके के एक किसान नागराज के खेत में मिला. वैज्ञानिकों के मुताबिक, ये फसल अपने असाधारण स्वाद और पोषण मूल्यों के लिए जाना जाता है. इस नई किस्म के साथ सबसे अच्छी बात ये है कि इसकी उपज अन्य किस्मों से कहीं ज्यादा होती है. सबसे बड़ी बात की इस नए किस्म के एक कटहल का वजन लगभग 25 से 32 किलोग्राम तक होता है. यानी अगर आप कटहल की खेती कर उससे मुनाफा कमाना चाहते हैं तो ये नई किस्म आपके लिए सबसे ज्यादा उपयुक्त है. वैज्ञानिकों का कहना है कि वह किसान नागराज के साथ एक समझौता कर रहे हैं और कटहल के इस नए किस्म को और बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं. अगर सब कुछ सही रहा तो कुछ वर्षों में ये नया कटहल पूरे भारत में लगने लगेगा और हर साल किसानों को मोटा मुनाफा देगा.
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