New Variety of Maize: वैज्ञानिकों ने ईजाद की मक्का की 4 शानदार किस्में, 95 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक उत्पादन देंगी
Maize Cultivation: व्यावसायिक खेती के लिये मक्का की हाइब्रिड किस्मों में कम फाइटिक एसिड वाली पीएमएच-1 एलपी की काफी सराहना हो रही है, जो मैदानी इलाकों में करके 95 क्विंटल से अधिक उत्पादन दे सकती है.
New Maize Varieties: भारत में मक्का की गिनती प्रमुख नकदी फसल के तौर पर जाती है. यहां मक्का की खेती (Maize Cultivation) रबी और खरीफ सीजन में की जाती है. यह फसल कार्बोहाइड्रेट का बेहतरीन स्रोत है, जिसके चलते इसे खाद्यान्न और चारा के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. यही कारण है कि दोहरे लाभ वाली मक्का फसल की खेती (Commercial Farming of Maize) बड़े पैमाने पर की जाती है. कई किसान इसकी व्यावसायिक खेती और कांट्रेक्ट फार्मिंग (Contract Farming of Maize) भी करते हैं, लेकिन अच्छी आमदनी की उम्मीद में कभी-कभी मक्का की फसल से ज्यादा उत्पादन (Maize Production) नहीं ले पाते. इन्हीं समस्याओं का समाधान करते हुये आईसीएआर-आईआईएमआर (ICAR-IIMR) ने मक्का की चार नई हाइब्रिड किस्मों को लॉन्च किया है.
मक्का की नई हाइब्रिड किस्में
व्यावसायिक खेती के लिये जारी मक्का की हाइब्रिड किस्मों में कम फाइटिक एसिड वाली पीएमएच-1 एलपी (Maize PMH-1 LP) की काफी सराहना हो रही है. इसके अलावा, आईएमएच-222(IMH-222), आईएमएच- 223 (IMH-223) और आईएमएच-224 (IMH-224) उन्नत किस्में भी शामिल है.
पीएमएच 1-एलपी ने बटोरी सुर्खियां
जानकारी के लिये बता दें कि देशभर के ज्यादातर किसान मक्का का बेहतर उत्पादन लेने के लिये पीएमएच-1 किस्म से खेती करते हैं, जिसे पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी (Punjab Agriculture University) ने साल 2007 में विकसित और लॉन्च किया था. इसी किस्म का विकास करके उन्नत वर्जन पीएमएच-1 एलपी लॉन्च किया गया है. फाइटिड एसिड की कम उपलब्धता वाली ये किस्म उत्तर-पश्चिमी मैदानी क्षेत्र के लिये सबसे उपयुक्त रहेगी.
- किसान चाहें तो पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और दिल्ली के निकटवर्ती इलाकों में पीएमएच-1 एलपी किस्म की व्यावसायिक खेती करके 95 क्विंटल से अधिक उत्पादन ले सकते हैं.
- विशेषज्ञों की मानें तो पिछली पीएमएच-1 के मुकाबले पीएमएच-1 एलपी किस्म में 36% कम फाइटिक एसिड और अकार्बनिक फॉस्फेट की 140% तक उपलब्धता होती है.
फसल में नहीं लगेंगी बीमारियां
आईआईएमआर, लुधियाना (IIMR, Ludhiana) द्वारा लॉन्च की गई पीएमएच-1 एलपी (Maize PMH-1 LP) की फसल में कीट-रोगों की भी काफी कम संभावना होती है.
- यह किस्म मेडिस लीफ ब्लाइट, टरसिकम लीफ ब्लाइट, चारकोल रोट जैसे फसल रोगों के खिलाफ सुरक्षा कवच का काम करती है.
- इसके अलावा मक्का स्टेम बेधक और फॉल आर्मीवर्म जैसे कीटों की संभावना भी कम ही रहती है.
इन किसानों को मिलेगा फायदा
विशेषज्ञों के मुताबिक, मक्का की नई चार हाइब्रिड किस्में (Hybrid Varieties of Maize) खाद्यान्न के साथ-साथ चारा संबंधी आवश्यकताओं को भी पूरा करने में सक्षम हैं. खासकर पोल्ट्री क्षेत्र में इसे मुर्गियों को दाने देने के लिये इस्तेमाल कर सकते हैं. इन किस्मों में (New Maize Varieties) फाइटिक एसिड की कम मात्रा और लोहे और जस्ता जैसे खनिज तत्वों की भरपूर मात्रा मौजूद होती है.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारियों पर आधारित है. ABPLive.com किसी भी तरह की जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
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