Seasonal Farming: मानसून और उमस के बीच बंपर उपज देंगी ये 5 सब्जियां, अगस्त माह में खेती के लिये कर लें तैयारी
Farming in August: गाजर, शलजम, फूलगोभी, पालक, धनिया और चौलाई की खेती के लिये अगस्त का महीना जलवायु अनुकूल रहता है और इस मौसम में फसलों में अंकुरण और पौधों का विकास तेजी से होता है.
Vegetable Farming in August: मानसून और आर्द्रता के बीच अगस्त का महीना किसानों के लिये खास अहमियत रखता है. इस दौरान मिट्टी में काफी नमी होती है और तेज बारिश के चलते किसानों को भी वर्षा जल संचयन (Rain Water Harvesting) का मौका मिल जाता है. इससे खेती का खर्च तो बचता ही है, साथ ही इस मौसम में पौधों का विकास भी तेजी से होता है. कृषि विशेषज्ञों की मानें तो खरीफ फसलों की पछेती खेती और सर्दी फसलों की तैयाारियां के लिये अगस्त का मौसम बेहतर रहता है. जिन किसानों ने अपने खेत में कोई भी फसल नहीं लगाई है, वे बागवानी फसलों (Horticulture Crops) की खेती करके अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. जिन किसानों ने अपने खेत में कोई नकदी फसल लगाई है, वे सब्जियों की सह-फसल खेती (Co-cropping of Vegetbales & Fruits) करके अतिरिक्त आमदनी का इंतजाम भी कर सकते हैं.
इन सब्जियों की बुवाई करें
बरसात के मौसम के बीच खेती करने का सबसे बड़ा फायदा सही है कि अलग से सिंचाई साधनों की जरूरत नहीं होती, बल्कि प्राकृतिक पानी गिरने से ही फसलों को बेहतर उत्पादन मिल जाता है. खासकर सब्जियों की बात करें तो इस मौसम में फसलों में अंकुरण और पौधों का विकास तेजी से होता है. खासकर गाजर, शलजम, फूलगोभी, पालक, धनिया और चौलाई आदि फसलों की खेती के लिये अगस्त का महीना सबसे अच्छा समय लेकर आता है. इन फसलों की खेती से अच्छा उत्पादन लेने के लिये उन्नत किस्म के बीजों को बोना फायदेमंद रहता है.
गाजर की बुआई (Carrot Farming)
गाजर की खेती के लिये खेत में जैविक विधि अपनायें और 2 से 3 फीट गहरी जुताईयां लगायें. हर जुताई के बाद खेत में पाटा जरूर लगायें, जिससे मिट्टी की संरचना भुरभुरी और खिली-खिली रह सके. समतलीकरण के बाद खेत में कंपोस्ट खाद डालें, जिससे मिट्टी को नमी मिल सके. ध्यान रखें कि उन्नत किस्म के रोगरोधी बीजों से ही गाजर की बुवाई करें और बीज प्रमाणित स्थान से ही खरीदें. गाजर की उन्नत किस्मों में पूसा केसर, घाली, पूरा यमदग्नि, नेन्ट्स आदि शामिल हैं.
शलजम की खेती (Turnip Cultivation)
अगस्त का महीना शलजम की खेती के लिये सर्वोत्तम रहता है, लेकिन शलजम की खेती से अच्छा उत्पादन लेने के लिये बलुई और रेतीली मिट्टी में ही बुवाई करनी चाहिये. मिट्टी में सख्ती और चिकनापन दूर करने के लिये बुवाई से पहले गहरी 3 से 4 जुताईयां लगायें और पाटा लगाकर पूरे खेत में कंपोस्ट फैलायें. बता दें कि शलजम एक कंद यानी जमीन में उगने वाली फसल है, जिसकी खेती सब्जी और औषधी दोनों के उद्देश्य से की जाती है.
फूलगोभी की खेती (Cauliflower Cultivation)
बारिश के साथ हल्की ठंडक लिये अगस्त का महीना फूलगोभी की बुवाई के लिये बेस्ट रहता है. किसान चाहें तो इसी महीने से फूलगोभी की पौधशाला तैयार कर सकते हैं, जिसके बाद सर्दियों की फूलगोभी की रोपाई सिंतबर तक हो जाती है. इसकी खेती से बेहतर क्वालिटी का स्वस्थ उत्पादन लेने के लिये जैविक विधि से खेत की तैयारी और जल निकासी का प्रबंध कर लें. कृषि विशेषज्ञों की मानें तो फूलगोभी की खेती के लिये मिट्टी की जांच जरूर करवानी चाहिये.
पालक की खेती (Spinach Cultivation)
अगस्त में पालक की बुवाई करने पर सर्दियों तक पालक की तीन बार बेहतरीन पैदावार ले सकते हैं. वैसे तो सालभर पालक की मांग बनी रहती है, लेकिन सर्दियों में पालक के पकौड़े से लेकर, सब्जी और जूस का ज्यादा सेवन किया जाता है, इसलिये इसकी खेती में सावधानियां बरतनी चाहिये. पालक की फसल को अधिक पानी की जरूरत होती है, इसलिये अगस्त में इसकी खेती करने के अलग ही फायदे मिलते हैं. किसान चाहें तो जैविक विधि से पालक की खेती करके अच्छी आमदनी ले सकते हैं.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारियों पर आधारित है. ABPLive.com किसी भी तरह की जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
इसे भी पढ़ें:-
Crop Management: अलग-अलग फसलों में कब और कैसे करें वर्मीकंपोस्ट खाद का इस्तेमाल, यहां जानें