Skill Development Mission Scheme:  जैसा कि हमेशा कहा जाता है कि असली भारत तो गांव में ही बसता है. एक बड़ी आबादी आज भी गांव में गुजर बसर कर रही है. करीब 60 फीसदी जनता अपनी आजीविका के लिए खेती-किसानी और संबंधित कामों पर निर्भर करती है. खेतिहर मजदूर भी गांव में छोटे-मोटे काम करते दिहाड़ी कमाते हैं. गांव में वो सब कुछ है, जो शहर की भागदौड़ भरी जिंदगी में नहीं मिल सकता. गांव में लगभग हर तरह के प्राकृतिक संसाधन मौजूद हैं, जो इनकी अहमियत समझते हैं वो खेती-किसानी के साथ-साथ इको फ्रैंडली बिजनेस से जुड़ जाते हैं.


वहीं जिन लोगों को ग्रामीण अर्थव्यवस्था में भविष्य नजर नहीं आता, वो शहरों की ओर पलायन करते हैं. इनमें सबसे ज्यादा संख्या बेरोजगार युवाओं और खेतिहर मजदूरों की होती है. इन लोगों को गांव से जोड़े रखने और गांव में ही स्व-रोजगार के अवसर मुहैया करवाने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें कई योजनाओं पर काम कर रही हैं.


लगातार जागरुकता अभियान चलाए जा रहे हैं. इस कड़ी में बिहार सरकार ने भी कौशल विकास मिशन योजना चलाई है. इसमें बिहार के बेरोजगार युवाओं, युवतियों, किसानों आदि को कौशल प्रशिक्षण देने की योजना है, ताकि वो अपने क्षेत्र में रोजगार-स्व-रोजगार के जरिए आत्मनिर्भर बन सकें. इस काम में कृषि विज्ञान केंद्र और आत्मा संस्था भी बढ़-चढ़कर कौशल प्रशिक्षण में अपना योगदान दे रही हैं.


कौशल विकास मिशन योजना 
देश का कृषि क्षेत्र लगातार मजबूत बनकर उभर रहा है. पिछले 2 साल में पूरी दुनिया की खाद्य आपूर्ति सुनिश्चित करके भारत ने साबित कर दिखाया है कि अभी भी कृषि के क्षेत्र में हम महाशक्ति हैं, हालांकि कृषि क्षेत्र में चुनौतियां कम नहीं है, लेकिन नवाचारों और अथक प्रयासों से इन चुनौतियों को भी दूर किया जा सकता है. तभी तो कई राज्यों में गांव में रहने वाली महिलाओं, किसानों और युवाओं को कौशल प्रशिक्षण दिया जाता है.


इन दिनों बिहार सरकार ने कौशल विकास मिशन योजना चलाई है, जिसके तहत तमाम गांव में प्रशिक्षण केंद्र खोलने की योजना है. इन प्रशिक्षण केंद्रों में कृषि विज्ञान केंद्रों के कृषि वैज्ञानिक और एक्सपर्ट्स के साथ आत्मा संस्था भी गांव में रहकर किए जाने वाले कामों की ट्रेनिंग  देंगे. इससे लोगों का झुकाव कृषि क्षेत्र में बढ़ेगा और खेती-किसानी के साथ-साथ अतिरिक्त आय सलेने में भी मदद मिलेगी.






किन क्षेत्रों में मिलेगा कौशल प्रशिक्षण
बिहार कृषि विभाग की ओर जारी एक ऑफिशियल ट्वीट में बताया गया है कि राज्य में कौशल प्रशिक्षण के जरिए स्वरोजगार को बढ़ावा दिया जाएगा. इसके लिए  कुल 23 पाठ्यक्रमों या 23 विषयों की ट्रेनिंग का प्रावधान है. इसमें मशरूम उत्पादन, बीज उत्पादन, मधुमक्खी पालन, गार्डनिंग (बागवानी), जैविक उत्पादन, वर्मी कंपोस्ट उत्पादक, फ्लोरीकल्चरिस्ट (फ्लावर गार्डन), माइक्रो इरिगेशन (सूक्ष्म सिंचाई), बीज प्रसंस्करण संयंत्र तकनीकी में कौशल प्रशिक्षण शामिल है.


खेती में बढ़ेगा मशीनीकरण
खेती में समय, मेहनत और लागत की बचत के लिए मशीनीकरण को बढ़ावा दिया जा रहा है. बिहार सरकार ने हाल ही में कृषि यंत्रीकरण योजना चलाई थी, जिसके तहत 90 तरह के कृषि यंत्रों को सब्सिडी पर उपलब्ध करवाया जा रहा है. वहीं अब फार्म मशीनरी बैंक और कस्टम हायरिंग सेंटर खोलने के लिए भी युवाओं और किसानों को आमंत्रित किया जा रहा है.


इससे खेती में कृषि यंत्रों और उपकरणों का इस्तेमाल बढ़ेगा. यही वजह है कि कृषि क्षेत्र में कार्यरत या गांव के युवाओं को कृषि यंत्रों के संचालन की ट्रेनिंग, मरम्मत और रख-रखाव का भी प्रशिक्षण दिया जाएगा. इस तरह किसानों को भी शहरों में नहीं भटकना पड़ेगा और गांव में ही मशीनीकरण से जुड़ी सुविधाएं मिल जाएंगी.


कहां मिलेगी ट्रेनिंग
यदि आप भी बिहार के किसान है और कौशल विकास मिशन योजना से जुड़कर स्किल ट्रेनिंग पाना चाहते हैं तो अपने जिले के नजदीकी कृषि विभाग के कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं. कृषि विज्ञान केंद्र और आत्मा संस्था भी समय-समय पर कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन करती हैं, जहां तकनीकी ट्रेनिंग दी जाती है. अधिक जानकारी के लिए कृषि विभाग द्वारा जारी हेल्पलाइन नंबर- 18001801551 पर कॉल कर सकते हैं. 


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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