Agri Tech: ये चश्मा लगाएं और देखें फसल का भविष्य और वर्तमान, कीट-रोग लगने पर अलर्ट कर देगा सेंसर
Agritech Startup: कितना अच्छा रहेगा, यदि फसल में कीट-रोग लगने से पहले ही किसानों को अलर्ट मिल जाए. अब ये मुमकिन है इस खास डिवाइस की बदौलत, जिसका सेंसर 15 दिन पहले ही कीट-रोगों के लिए अलर्ट देता है.
Agri Startup Conclave 2022: पूरी दुनिया में सबसे पुराना व्यवसाय कृषि ही है. भारत की बड़ी आबादी भी आजीविका के लिए खेती-किसानी पर ही निर्भर करती है. ये एक अनिश्चितताओं से भरा काम है, जहां किसानों को मौसम की मार से लेकर कीट-रोगों का प्रकोप पर तक झेलना पड़ जाता है, हालांकि मौसम की बेरुखी तो प्राकृतिक है, लेकिन कीट-रोगों के प्रकोप को रोकना को पूरी तरह से किसानों के हाथ में है.
अभी तक किसान कीटनाशकों पर हजारों रुपये खर्च कर देते थे, लेकिन अब महाराष्ट्र के ठाणे की एक एग्री स्टार्टअप (Agri Startup) कंपनी 'इंडोसेपियन एग्रो टैक्नोलॉजी' ने इस समस्या का भी तोड़ निकल लिया है. इस कपंनी ने एक ऐसा डिवाइस बनाया है, जिसे चश्मे की तरह पहना जाता है. इसे पहनकर खेतों में निगरानी करने से कीट-रोगों की जानकारी मिल जाती है.
आधुनिक उपकरण बनाती है एग्री स्टार्टअप कंपनी
ये कंपनी अब ऐसे उपकरण तैयार कर रही है, जिससे फसलों की सुरक्षा और निगरानी हो सके. इन्हीं आधुनिक उपकरणों में शामिल है ये चश्मे जैसा डिवाइस. इस डिवाइस के जरिये किसानों को फसल की वर्तमान स्थिति की जानकारी तो मिलती ही है, साथ ही अगले 15 दिन में फसलों में कौन-कौन से समस्याएं दस्तक दे सकती हैं.
एग्री स्टार्टअप 'Inosepians Agro Technology' का तकनीकी उपकरण बनाता है, जो सेंसर की मदद से फसलों में लगने वाले हानिकारक कीटों की जानकारी देने में मदद करता है। #PMKisan #agristartup #KisanSammelan #agritech #aatmanirbharkisan pic.twitter.com/tBOBuDTRxl
— Agriculture INDIA (@AgriGoI) October 14, 2022
इसके बारे में ये डिवाइस एक अलर्ट देता है. इतना ही नहीं, फसल की वर्तमान की स्थिति और भविष्य की समस्याओं के आधार ये डिवाइस एक एडवायजरी (Agriculture Advisory) भी जारी करती है. इससे किसानों को ये पता लग जाता है कि फसलों में कौन-कौन से रोकथाम के उपाय तुरंत शुरू करने होंगे.
किसानों को मिलेगी ये एडवायजरी
कई कृषि विशेषज्ञों से इसे एक नायाब आविष्कार बताया है. एक ऐसा डिवाइस जो आने वाले 10 से 15 दिन के जोखिमों के बारे में अवगत करवाता है. इससे किसानों को पहले से ही रोकथाम और इसके उपाय करने का मौका मिल जाता है. इस डिवाइस की मदद से किसानों को कीट-रोगों के होने वाले बड़े नुकसान से भी बचा सकते हैं.
उदाहरण के लिये इस बार खरीफ फसलों में कीट-रोगों के कारण किसानों को काफी नुकसान झेलना पड़ गया. सोयाबीन के साथ-साथ दलहनी, बागवानी और धान की फसलें तक कीट और बीमारियों की चपेट में आ गईं. ऐसे ही जोखिमों को कम करने के लिये आजकल के युवा कृषि तकनीकों (Agriculture Technology) पर काम कर रहे हैं, जिससे किसानों की मुश्किलें हर हो सकें.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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