(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Agriculture Start Up: घर बैठे मालामाल बना देगा केंचुआ, यहां जानें वर्मी कंपोस्ट यूनिट लगाने का पूरा लेखा-जोखा
Organic Farming StartUp: अगर किसान और पशुपालक खेती-किसानी के साथ वर्मीकंपोस्ट यूनिट लगाते हैं तो खेती का खर्च कम होगा, साथ ही वर्मीकंपोस्ट औक केंचुआ बेचकर अतिरिक्त आमदनी कमा सकते हैं.
Vermicompost & Earthworms Business: भारत में जलवायु परिवर्तन (Climate Change) के जोखिमों को कम करने के लिये किसान अब पर्यावरण अनुकूल जैविक खेती (Nature Friendly Organic Farming) को बढ़ावा दे रहे हैं. जैविक खेती को कम खर्च में अधिक उत्पादन और बंपर मुनाफे का साधन कहते हैं, जिसमें वर्मीकंपोस्ट (Vermicompost) अहम भूमिका निभाती है. इससे मिट्टी में पोषक तत्वों की आपूर्ति, मिट्टी को बांधने की क्षमता, भू-जल संरक्षण और क्वालिटी उत्पादन लेने में मदद मिलती है.
खेती के साथ-साथ किसानों के लिये भी वर्मीकंपोस्ट काफी फायदेमंद साबित हो सकती है. अगर किसान खेती-किसानी के साथ-साथ वर्मीकंपोस्ट यूनिट (Vermicompost Unit)लगाते हैं तो खेती का खर्च कम होगा, साथ ही वर्मीकंपोस्ट औक केंचुआ (Earthworms)बेचकर अतिरिक्त आमदनी कमा सकते हैं. पशुपालकों के लिये भी ये कृषि स्टार्ट अप (Agriculture Start Up) मुनाफे का सौदा साबित हो सकता है.
कैसे बनती है वर्मीकंपोस्ट (How to Make Vermicompost)
वर्मीकंपोस्ट को बनाने में गोबर को कच्चा माल की तरह और केंचुआ को मजदूर की तरह काम पर लगाया जाता है. ये केंचुये ही हैं, जो कुछ हजारों के खर्च को लाखों में बदल देते हैं. बता दें कि वर्मीकंपोस्ट खाद बनाना और केंचुआ पालना संयुक्त व्यवसाय ही है, जिसमें केंचुये की उन्नत नस्लों को बढ़िया गुणवत्ता की खाद के उत्पादन के लिये गड्ढों या प्लास्टिक बैग्स में रखा जाता है. इन गड्ढों और बड़े-बड़े प्लास्टिक बैग्स में गोबर भरा जाता है, जिन पर केंचुये छोड़े जाते हैं. ये केंचुये गोबर का अपघटन करके कार्बनिक पदार्थों के निर्माण में मदद करते हैं.
जानें केंचुआ और वर्मीकम्पोस्ट के फायदे (Benefits of Earthworms and Vermicompost in Agriculture)
वर्मी कंपोस्ट को मिट्टी का अमृत कहना गलत नहीं होगा, क्योंकि साधारण गोबर में केंचुये की मदद से कई पोषक तत्व और कार्बनिक पदार्थों के अपघटन में मदद मिलती है. इससे बीजों का अंकुरण बेहतर ढंग से होता है और पौधों की पैदावार तेजी से होने लगती है.
- वर्मीकंपोस्ट से पौधों की वृद्धि बढ़ाने वाले हार्मोन्स का विकास होता और मिट्टी की संरचना में भी सुधार होता है.
- इसकी मदद से मिट्टी में पानी और पोषक तत्वों को सोखने की क्षमता का भी विकास होता है और मिट्टी के कटाव से मुक्ति मिलती है.
- पारंपरिक खाद की तुलना में वर्मीकंपोस्ट मिट्टी और वातावरण नाइट्रोजन का स्थिरीकरण बढ़ाती है.
- खेतों में वर्मीकंपोस्ट के इस्तेमाल रासायनिक उर्वरकों की जरूरत नहीं पड़ती, जिससे पर्यावरण अनुकूल खेती को बढ़ावा मिलता है.
कहां बेचें वर्मीकंपोस्ट और केंचुआ (Market of Vermicompost & Earthworms)
केंचुआ खाद (Vermicompost) को बेचना बेहद आसान है. किसान या पशुपालक गांव में निजी संपर्क या जिले में निजी व्यवसाय के रूप में वर्मीकंपोस्ट खाद (Vermicompost Fertilizer)को बेच सकते है.
- बड़े-बड़े फार्म हाउस(Farm House), बागवान (Gardeners) और नर्सरी (Plant Nursery)में भी वर्मीकंपोस्ट की काफी मांग रहती है.
- पशु चारा के अलावा किसी भी फसल की खेती करने वाले किसान आसानी से वर्मीकंपोस्ट खाद को खरीद लेते हैं.
- चाहें तो बड़े-बड़े होटलों को भी जैव कचरा रीसाइकलर (Bio Waste Recycling) के रूप में केंचुये बेचे जा सकते हैं.
- शहरों में भी जैविक बागवानी (Urban Farming) का चलन बढ़ता जा रहा है, इसलिये वहां भी केंचुये और केंचुये खाद को बेचा जा सकता है.
- किसान और पशुपालक चाहें तो अपना जीएसटी नंबर बनवाकर ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर वर्मीकंपोस्ट और केंचुये की बिक्री (Online Business of Vermicompost & Earthworms) कर सकते हैं.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारियों पर आधारित है. ABPLive.com किसी भी तरह की जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
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