Shimla Mirch Production: हरी के अलावा लाल, पीली, बैंगनी रंग की शिमला मिर्च की करें खेती, फायदा का है सौदा
देश में लाल, पीली, हरी समेत कई रंगोें में शिमला मिर्च पाई जाती हैं. किसान शिमला मिर्च उत्पादन से किसान लाखों रुपये की कमाई कर सकते हैं. बस इसके ेिलए सही समय और सही बीज के चयन की जरूरत है
Shimla Mirch Production In India: रबी हो या खरीफ हर फसल में किसान मुनाफा ढूंढता है. लेकिन बाढ़, बारिश और सूखा जैसी नेचुरल आपदाएं किसानों के इसी मुनाफे के गणित को बिगाड़ देती हैं. हर साल फसलों में किसानों को करोड़ों का नुकसान होता है. लेकिन किसान पारंपरिक खेती से हटकर भी कमाई कर सकते हैं. आज हम ऐसी ही खेती की बात करने जा रहे हैं. शिमला मिर्च बेहद कम लागत में होने वाली ऐसी ही फसल है, जिसे किसान बोकर मोटा मुनाफा कमा सकते हैं.
जानिए, आखिर कितने रंग की होती है शिमला मिर्च
आपने शिमला मिर्च को कहीं पीले, कहीं लाल, कहीं और किसी और रंग में देखा होगा. आप सोचते भी होंगे कि शिमला मिर्च आखिर कितने रंग की होती हैं. तो हम बता दें हैं. शिमला मिर्च 5 रंगों में पाई जाती हैं. इनमें लाल, पीली, बैंगनी, नारंगी और हरा रंग शामिल है.
भारत में कहां होती है शिमला मिर्च की खेती
भारत में शिमला मिर्च की खेती कई राज्यों में की जाती है. हरियाणा, पंजाब, मध्य प्रदेश, झारखंड, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक में शिमला मिर्च की खेती होती हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि इन राज्यों में शिमला मिर्च उत्पादन के अनुकूल एनवायरमेंट हैं.
तो कब करें शिमला मिर्च की बुवाई
किसी भी फसल के बेहतर उत्पादन के लिए उसका समय महत्वपूर्ण होता है. विशेषज्ञों के अनुसार, शिमला मिर्च की खेती एक साल में 3 बार हो सकती हैं. पहली बुआई जून से जुलाई, दूसरी अगस्त से सितंबर और तीसरी नवंबर से दिसंबर के महीने में की जा सकती है.
शिमला मिर्च तैयार होने में कितना समय लगता है
शिमला मिर्च की बुवाई से लेकर उत्पादन होने में अधिक समय नहीं लगता है. इसकी पफसल 60 से 75 दिनों की होती हैं. पॉली हाउस में खेती का सही समय अगस्त से सितंबर तक हो सकता है. शिमला मिर्च की उपज 9 महीने तक ली जा सकती है.
कितने रुपये में मिलता है बीज
ऐसा निश्चित नहीं होता है कि शिमला मिर्च एक कीमत पर ही मिलेगी. अलग अलग किस्म के हिसाब से इसे के बीजों की दर तय होती है. नॉर्मली 10 ग्राम बीज 2200 से 3500 रुपये तक मिल जाता है.
इन रोगों से फसल को बचाकर रखिए
अन्य फसलों की तरह शिमला मिर्च भी रोग का शिकार हो जाती हैं. शिमला मिर्च में लगने वाले रोगों में थ्रिप्स, माइट्स, एफिड्स,पेपर मोटल वायरस, पेपर माइल्ड मोटेल वायरस, और चिली लीफ कर्ल वायरस शामिल हैं. इन रोगों से बचाव के लिए कीटनाशक दवा का छिड़काव करना चाहिए.
इतनी हो जाती है कमाई
शिमला मिर्च की खेती में खर्च की बात करें तो एक एकड़ में 4 लाख रुपये तक का खर्चा आता है. उत्पादन देखें तो एक एकड़ में 15,000 किलोग्राम शिमला मिर्च हो जाती है. बाजार में शिमला मिर्च का दाम 50 से 55 रुपये किलो तक बिक जाता है. 50 रुपये किलो के हिसाब से भी देखें तो 15000 किलोग्राम शिमला मिर्च 7,50,000 रुपये बिकेगी. नेट
साढ़े 3 लाख रुपये का मुनाफा किसान कमा सकता है.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारियों पर आधारित है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
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