Shimla Mirch Production: देश में किसान खेती को तकनीकी सूझबूझ से कर लाखों रुपये की कमाई करते हैं. किसान भी कोशिश करते हैं कि उन्हें अच्छी उपज मिले. वैज्ञानिक भी लगातार ऐसे बीज तैयार करने की कोशिश कर रहे हैं, जिनकी बुवाई कर किसान अच्छी पैदावार पा सकते हैं. वैज्ञानिकों की ओर से विकसित की गई नई प्रजातियों में पानी की जरूरत कम होती है. लागत कम आती है, जबकि कमाई बंपर होती है. भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान शिमला ने पहाड़ी राज्यों के लिए शिमला पफसल का ऐसा ही बीज तैयार किया है. इस बीज की उपज करकिसान ढाई गुना तक पैदावार पा सकते हैं.
किसान 50 क्विंटल प्रति हेक्टेयर पा सकेंगे उत्पादन
इस बीज से किसान बंपर पैदावार कर सकेंगे. वैज्ञानिकों का कहना है कि हाइब्रिड शिमला 562 बीज विकसित किया गया है. इससे किसान 35 क्विंटल प्रति हेक्टेयर का उत्पादन ले सकेंगे. अभी तक इन राज्यों 20 क्विंटल प्रति हेक्टेयर ही उत्पादन हो रहा था. लेकिन नई प्रजाति वाली फसल की सिंचाई करने पर किसान ढाई गुना तक पैदावार ले सकेंगे. सिंचाई मिलने पर फसल उत्पादन 50 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक बढ़ जाएगा.
इन राज्यों में किसान कर सकेंगे बुवाई
वैज्ञानिकों का कहना है कि नई प्रजाति को विकसित करने के लिए राज्य विशेष का एनवायरमेंट, मिटटी, सिंचाई की उपलब्धता और अन्य कारकों को भी ध्यान में रखा गया है. इस लिहाज से देखें तो हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, उत्तरखंड का पर्यावरण बीज के लिए अनुकूल मिला है. यहां किसान इसकी बुवाई कर अच्छी उपज पा सकेंगे.
हिमाचल को मिला 200 क्विंटल ब्रीडर बीज
आईसीएआर शिमला के वैज्ञानिकों ने हाइब्रिड बीज देश के तीन पहाड़ी राज्यों के लिए तैयार किया है. इन तीन राज्यों को आईसीएआर शिमला सेंटर 300 क्विंटल ब्रीडर बीज उपलब्ध कराएगा. इसमें से अकेले हिमाचल के खाते में 200 क्विंटल ब्रीडर बीज जाएगा.
100 किलो ब्रीडर बीज, तैयार हो जाता है 2000 क्विंटल बीज
आईसीएआर शिमला ब्रीड बीज राज्य सरकारों को भी मुहैया करा रहा है. वैज्ञानिकों का कहना है कि 100 किलो ब्रीडर बीज से 2000 क्विंटल बीज तैयार कर दिया जाता है. इतना अधिक बीज होने से किसानों की बुवाई प्रक्रिया आसान हो जाती है. किसानों को बीज के लिए भटकना नहीं पड़ता है. राज्य सरकार आसानी से बीज उपलब्ध करा देती है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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