Wheat farming: गेहूं का बीज अच्छी क्वालिटी का है या नहीं, इस तरह चुटकियों में करें पहचान
Identification of Wheat: अगर बीज की क्वालिटी खराब होगी तो ना बीजों का जमाव होगा और ना ही अंकुरण ठीक से हो पायेगा. इससे पौधे भी कम संख्या में बनेंगे, साथ ही फसल को खाद-उर्वरकों की ज्यादा जरूरत पडेगी.
Tips for Wheat Identification: भारत की प्रमुख नकदी फसलों में गेहूं (Wheat) का नाम टॉप पर आता है. भारत में घरेलू खपत से लेकर बेकरी उत्पादों में गेहूं का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर किया जाता है. यही कारण है कि इसकी खेती भी बड़े पैमाने पर की जाती है. गेहूं की बिजाई (Wheat farming) 20 अक्टूबर से ही शुरू हो जाती है. हर किसान चाहता है कि उसकी फसलों से बेहतर उत्पादन (Wheat Production) मिल और बेहतर उत्पादन के लिये जरूरी है अच्छी क्वालिटी के बीजों (Quality Check of Wheat Seeds) से बुवाई करना. वैसे तो बाजार में कई देसी और हाइब्रिड किस्में (Wheat Hybrid Varieties) मिल जाती है, लेकिन अकसर कुछ बीज भंडार और दुकानदार किसानों को नकली यानी घटिया गेहूं का बीज पकड़ा देते हैं. जागरुकता की कमी के कारण किसान भी बिना परीक्षण किये उन्हीं बीजों को खरीदकर खेती करते हैं, लेकिन बुवाई के कुछ दिन बाद ही नकली बीजों का सच सामने आ जाता है और किसानों को भारी नुकसान भुगतना पड़ता है.
अच्छा गेहूं-बुरा गेहूं
सही मायनों में अच्छा बीज वही है, जिसकी अंकुरण क्षमता अधिक हो, कीट-रोगों का प्रकोप ना हो, साथ ही खरपतवार और जोखिमों से भी फसल पर बुरा असर ना पड़े. वहीं अगर बीज की क्वालिटी खराब होगी तो ना बीजों का जमाव होगा और ना ही अंकुरण ठीक से हो पायेगा. इससे पौधे भी कम संख्या में बनेंगे, साथ ही फसल को खाद-उर्वरकों की ज्यादा जरूरत पडेगी. इसके अलावा, खेत में बीज डालने के बाद खरपतवारों के साथ-साथ कीट-रोगों का भी प्रकोप रहेगा. इससे किसानों की पूरी मेहनत बर्बाद हो जाती है.
क्या है अच्छे बीज की पहचान
कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक, अच्छी किस्म की गेहूं के बीजों की पहचान करना बेहद आसान है. इसके लिये बीज खरीदने से पहले प्रमाणित बीज भंडार या बीज विक्रेता से सैंपल मांग सकते हैं.
- ध्यान रखें कि गेहूं के दिखने में साफ-सुथरे होने चाहिये. यदि इनमें किसी भी तरह की मिट्टी, कचरा, कंकड़, पत्थर या कैमिकल की कोटिंग दिख रही है तो बीजों का ना खरीदें.
- बीजों का आकार, रंग और बनावट भी गुणवत्ता का मानक होते हैं. इस बीच ध्यान रखें कि गेहूं का रंग और आकार एक समान होना चाहिये.
- यदि बीज-छोटे बड़े आकार के हैं तो समझ जायें कि गेहूं में मिलावट की गई है. ऐसी स्थिति में बीज भंडार या विक्रेता की शिकायत भी कर सकते हैं.
- हमेशा खरपतवार से मुक्त बीज खरीदें. बीजों में सांवा ,अकरी ,मुर्दों ,केना आदि के बीज नहीं होने चाहिये. ये फसल में खरपतवारों को बढ़ाते हैं.
- इसके अलावा बीजों के पैकेट या बोरी पर भी नमी की मात्रा, बीजों की परिपक्वता, बीजों की अंकुरण क्षमता और बीजों की अवधि जांचकर क्वालिटी चैक कर सकते हैं.
- गेहूं के बीजों की पहचान का एक पारंपरिक तरीका भी है. बीजों की बड़ी खेप को खरीदने से पहले सैंपल के बीजों को पानी में डालकर भी देखा जाता है.
- यदि पानी से भरे बर्तन में बीज तुरंत डूब जायें तो गुणवत्ता अच्छी है और यदि कुछ देर तैरने के बाद बीज डूबते हैं तो बीजों में मिलावट हो सकती है.
इन बातों का रखें खास ख्याल
गेहूं के बीजों को हमेशा प्रमाणित बीज भंडार या रजिस्टर्ड विक्रेता से ही खरीदें. बीज की उन्नत किस्मों या नाम बताकर अच्छी कंपनी के ही बीजों की खेप से बुवाई करें.
- दुकानदार से गेहूं बीजों का सैंपल (Wheat Seeds Identification) मांगे. यदि गेहूं का बीज कटा या टूटा हुआ है तो अंकुरण (Seed Germination) कम होगा और पौधे नहीं बनेंगे. इन बीजों को ना खरीदें.
- हमेशा कीट और रोगमुक्त बीज खरीदें, जिससे कीटनाशक और रोगनाशी दवाओं का खर्च ना बढ़े.
- बीज का आकार छोटा या सूखा नहीं होना चाहिये. ये बीज ज्यादा पुराने होते है, जिनसे पैदावार घट जाती है.
- गेहूं की फसल से अच्छी पैदावार के लिये हमेशा बीजों की किस्मों की अदल-बदल कर ही बुवाई करनी चाहिये.
- बीजों को किसी प्रमाणित संस्थान से ऑनलाइन ऑर्डर करके या कृषि विशेषज्ञ की सलाह के अनुसार बुकिंग करके मंगवा सकते हैं.
- किसान चाहें तो मिट्टी की जांच (Soil Test) के आधार पर भी गेहूं की उन्नत किस्मों (Top Wheat Varieties) का चयन कर सकते हैं. इससे बिना किसी जोखिम के अच्छा उत्पादन लेने में मदद मिलती है.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारियों पर आधारित है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
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