Sowing Seeds: खरीफ फसलों की कटाई शुरू हो गई है. रबी सीजन की शुरुआत होने वाली है. किसान भी खेतों में रबी फसलों की बुवाई में जुट गए हैं. बाजार से बीज खरीद रहे हैं लेकिन कुछ किसानों के सामने दिक्कत है कि कौन सा बीज फसल में बोया जाए और कौन सा नहीं.
ICAR ने जारी एडवाइजरी में कहा है कि अक्टूबर से लेकर नवंबर तक अगेती, सामान्य और पछेती फसल बोने की तारीखें हैं उनके बीच में फसल बोकर किसान अच्छी पैदावार पा सकते हैं. एडवाइजरी में बताया गया है कि कौन सी फसल कब और कैसे बोई जानी है. आइए इसी के बारे में जानते हैं.
10 से 25 नवंबर तक कर लें बुवाई
ICAR ने एडवाइजरी में कहा है कि समय से पहले बुवाई बिल्कुल ना करें. समय से पहले बुवाई करने पर प्रोडक्शन घट सकता है. गेहूं की अगेती किस्म की बुवाई 20 अक्टूबर से 10 नवंबर के बीच की जा सकती है.
इस बुवाई की फसल को एक सिंचाई की जरूरत होगी. समय से होने वाली गेहूं की बुवाई 10 से 25 नवंबर के बीच की जा सकती है. इस फसल को चार से पांच सिंचाई की आवश्यकता होगी. यदि कोई किसान पछेती किस्म की फसल बो रहा है तो उसे भी चार से पांच सिंचाई की आवश्यकता होगी.
दो किस्मों को एक साथ न मिलाएं
ICAR ने जारी एडवाइजरी में कहा है कि एक ही तरह के बीजों का प्रयोग फसल में ना करें और इसका भी ध्यान रखें कि दोनों बीजों को एक साथ भी ना मिलाएं. बीजों के कलेक्शन में सावधानी बरतें. यदि किसी भी केंद्र से या दुकान से प्रमाणित बीज नहीं मिल रहा है तो उसकी पहले जांच कर ले. थाइरम और कैप्टन का प्रयोग बीज के तौर पर किया जा सकता है. बीज को छाया में सुखाकर ही खेतों में लगाएं. इससे पैदावार अच्छी होगी.
खेतों में न करें गहरी जुताई
जुताई करते समय भी किसानों को बेहद सावधानी बरतने की सलाह दी गई है. किसानों से कहा गया है कि खरीफ की फसल कट गई है. किसान गहरी जुताई ना करें. ऐसा करने पर कई बार बीज बहुत गहराई में चले जाते हैं. इससे वह अंकुरित नहीं हो पाते हैं और किसानों को मनचाही फसल की पैदावार नहीं मिल पाती है. किसान एक बात का विशेष तौर पर ध्यान रखें की कटाई के बाद 1 सप्ताह में खेतों की जुताई कर ले. इससे खेतों में नमी बनी रहेगी.