Crop Management: सोयाबीन की खेतों में बजी खतरे की घंटी, समय रहते कर लें कीट-पतंग और बीमारियों की रोकथाम
Soyabean Cultivation: सोयाबीन की फसल की उम्र 20 से 25 दिन की होने पर खेत में निगरानी बढ़ा दें और फसल की क्वालिटी कायम रखने के लिये जैविक समाधान ही अपनायें.
Precaution & Crop Management For Soyabean Farming: खरीफ सीजन (Kharif Season 2022) में ज्यादातर किसानों अपने खेत में सोयाबीन की फसल (Soyabean Farming) लगाई है, जिसमें अगस्त तक काफी विकास हो जाता है. इस समय सोयाबीन समेत कई फसलों में प्रबंधन कार्य (Crop Management in Soyabean)करने की जरूरत होती है, क्योंकि मौसम बदलते समय कीट-पतंग और रोगों की संभावना काफी बढ़ जाती है. ऐसी स्थिति में किसानों को सोयाबीन की फसल में निरंतर निगरानी करते रहना चाहिये. खासकर इस समय सोयाबीन की फसल में निराई-गुड़ाई करके खरपतवार को निकालें (Weed Management in Soyabean crop) और पोषण प्रबंधन (Fertilizer for Soyabean crop) का कार्य भी समय रहते निपटा लें.
खरपतवारों का प्रबंधन (Weed Management in Soyabean)
सोयाबीन की फसल में इस समय खरपतवार बढ़ने लगते हैं, ये पौधों का पोषण सोखकर कीच-पतंगों को आकर्षित करते हैं. इनकी रोकथाम के लिये बुवाई के समय ही खरपतवारनाशी दवा को खेत में डाला जाता है.
- जो किसान खरपतवारनाशी का प्रयोग नहीं कर पाये, वे कीटनाशक दवा में इसे घोलकर छिड़काव कर सकते हैं.
- इस समय फसलों में तना मक्खी, तम्बाकू की इल्ली और पत्ती खाने वाली इल्लियों का भी प्रकोप बढ़ जाता है. ऐसी स्थिति में विशेषज्ञों की सलाहनुसार कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करें
- सोयाबीन की जैविक खेती करने वाले किसान खेत में नीम और गौमूत्र से बने कीटनाशकों का छिड़काव करें.
- फसल में पोषण बनाये रखने के लिये जीवामृत बनाकर फसल की जड़ों में डालें. इससे फसलों को पोषण और कीट-रोगों की संभावना काफी कम हो जाती है.
बरतें ये सावधानी (Precaution during Soyabean Cultivation)
अगस्त के महीने में हल्की छिटपुट बारिश के आसार बने रहते हैं, लेकिन तेज बारिश की संभावना होने पर खेतों में पानी भर जाता है, जिससे पौधों की जड़ें गलने लगती हैं. ऐसी स्थिति से बचने के लिये खेत में जल निकासी का प्रबंध कर दें.
- समय-समय सोयबीन के 3 से 4 पौधों को हिलाकर कीट या इल्लियों के प्रकोप जांचते रहें.
- कीट-पतगों के बिना रासायानिक प्रबंधन के लिये खेत में पीला स्टिकी ट्रैप (Yellow Sticky Trap), फैरोमेन ट्रेप (Pheromone Trap) या लाइट ट्रेप (Light Trap) लगा सकते हैं.
- फसल में कीट-रोगों के नियंत्रण के लिये कीटभक्षी पक्षियों की मदद भी ले सकते हैं. इन पक्षियों के बैठने के लिये खेत में "T" आकार के बर्ड-पर्चेस लगाने चाहिये.
- सोयाबीन की फसल (Soyabean Crop) की उम्र 25 दिन की होने पर खेत में निगरानी बढ़ा दें और फसल की क्वालिटी कायम रखने के लिये जैविक समाधान (Organic Spray for Pest & Disease Control) ही अपनायें.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारियों पर आधारित है. ABPLive.com किसी भी तरह की जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
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