Rain Based Vegetable Farming: फूलगोभी (Cauliflower) को भारत की प्रमुख सब्जी फसल कहते हैं. इसकी खेती प्रमुख रूप से गर्मी और बरसात के समय (Rain based Farming)  की जाती है, ताकि सर्दियों तक बाजार मांग को पूरा किया जा सके. भारत के कई  राज्यों में इसकी खेती होती है, लेकिन बिहार, उत्तर प्रदेश, उड़ीसा, असम, मध्य प्रदेश, गुजरात और हरियाणा के किसान इसे बड़े पैमाने पर उगाते हैं. किसान चाहें तो खाली खेतों में या फूलगोभी की सह फसल खेती (Co-croping of Cauliflower)करके अच्छी आमदनी ले सकते हैं. इसके अच्छे उत्पादन के लिये जुलाई के महीने में उन्नत बीजों (Advanced Seeds) से बुवाई का काम करना चाहिये, जिससे कि अक्तूबर इसकी फसल पककर तैयार हो जाये.


फूलगोभी की खेती (Cauliflower Cultivation)
फूलगोभी की खेती के लिये जल निकासी वाली दोमट मिट्टी सबसे अच्छी रहती है. जुलाई में इसकी खेती करने के अलग ही फायदे हैं, क्योंकि बारिश के बाद खेतों की जुताई करना आसान हो जाता है और मिट्टी में भी नमी कायम रहती है. हालांकि तेजी से सूखने वाली मिट्टी में फूलगोभी का क्वालिटी उत्पादन ले सकते हैं.




  • खेत या नर्सरी की तैयारी फूलगोभी की खेती से अच्छा उत्पादन लेने के मिट्टी की जांच करवाना बेहद जरूरी है, ताकि जरूरत के अनुसार खाद-बीज और उर्वरकों का प्रयोग किया जा सके. 

  • बुवाई-रोपाई से पहले खेतों में ठीक प्रकार से गहरी जुताई का काम करें और आखिरी जुताई से पहले मिट्टी में खेत में गोबर की खाद मिलायें.

  • बुवाई से पहले प्रति हेक्टेयर के हिसाब से 150-200 क्विंटल गोबर की खाद के साथ 200 किग्रा. नाइट्रोजन, 75 किग्रा. फास्फोरस और 75 किग्रा. पोटेशियम का मिश्रण भी डालें.

  • नाइट्रोजन की आधी मात्रा को बचाकर रखें और 20-25 दिन बाद निराई-गुड़ाई के समय खेतों में डाल दें.


बीजों की बुवाई और रोपाई (Seeding or Plantation of Cauliflower)
इसकी प्रमुख किस्मों की खेती अगस्त तक की जाती है, इसलिये समय रहते इसके उन्नत बीजों से नर्सरी तैयार कर लेनी चाहिये.



  • बुवाई से पहले थीरम और कैप्टान की 2 ग्राम मात्रा को पानी में घोलकर बीजों का उपचार कर लेना ठीक रहता है.

  • बेड़ बनाकर बीजों की बुवाई करना फायदेमंद रहता है, इसलिये 1 मीटर चौड़ाई और 15 सेमी. ऊंचाई वाला बेड़ बनायें.

  • इसमें बुवाई-रोपाई के लिये बीजों के बीच 8-10 सेमी. की दूरी और पक्तियों के बीच 15-20 सेमी की दूरी होनी चाहिये.

  • ध्यान रखें कि बीजों को 1.5 से 2 सेमी की गहराई में बोयें, जिससे ठीक प्रकार अंकुरण हो सके. 




  • बता दें कि बुवाई के 4 से 5 सप्ताह में फूलगोभी के पौधे रोपाई के लिये तैयार हो जाते हैं. 

  • रोपाई के तुरंत बाद खेत में हल्की सिंचाई का काम कर दें.

  • फसल में खरपतवारों की रोकथाम के लिये निराई-गुड़ाई करते रहें.

  • कीड़े और बीमारियों की भी निगरानी करें और जैविक कीट नाशकों का छिड़काव करें


लागत और आमदनी (Income & Expenses in Cauliflower Farming) 
करीब एक एकड़ खेत में फूलगोभी उगाने (Cauliflower Farming)  पर 100 क्विंटल तक पैदावार मिल जाती है. ये उपज रिटेल मार्केट में 30-40 रुपये किलो और मंडियों में 20-25 रुपये किलो के भाव पर बिकती हैं. इस प्रकार अगेती फूलगोभी (Early Cauliflower Crop)की पहली उपज से 4 महीने में ही कम से कम ढ़ाई लाख रुपये की कमाई हो जाती है. इस आमदनी में से अगर बीज, खाद-उर्वरक, कीट नाशक और मजदूरी का खर्च निकला दें, तो 2 लाख रुपये का शुद्ध लाभ मिल जाता है. 



Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारियों पर आधारित है. ABPLive.com किसी भी तरह की जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.


इसे भी पढ़ें:-


Farming Technology: जैविक खेती करने वाले किसानों का मसीहा है ये पोर्टल, फोन पर भी खरीद-बेच सकेंगे जैविक उत्पाद


Organic Fertilizer: ना पैसों का खर्च, ना कैमिकल का स्प्रे, फसल का उत्पादन बढ़ायेंगे ये 5 देसी नुस्खे