Vegetable Farming Along with Kharif Crops: लगभग सभी किसानों ने अपने-अपने खेतों में खरीफ फसलों (Kharif Crops) की बुवाई-रोपाई का काम कर लिया है, जिनमे अब प्रबंधन कार्य (Kharif Crop Management) तेजी से किये जा रहे हैं. कुछ फसलों में निराई-गुड़ाई का काम किया जा रहा है, तो वहीं कुछ फसलों में कीट-रोगों की निगरानी की जा रही है. इस दौरान आईसीएआर-आईएआरआई, पूसा (ICAR-IARI, Pusa) के वैज्ञानिकों ने मौसम पूर्वानुमान और मौसम आधारित खेती (Weather Based Farming) करने की सलाह जारी की है, जिसके तहत खरीफ फसलें के प्रबंधन कार्यों के साथ-साथ सब्जियों की सह-फसल खेती (Co-cropping of Vegetables) करने की भी हिदायत दी गई है.
तैयार करें सब्जियों की नर्सरी
खरीफ सीजन की हल्की छिटपुट बारिश के बीच सब्जियों की नर्सरी लगाने पर पौधों का तेजी से विकास होता है और बीजों का अंकुरण भी बेहतर ढंग से हो पाता है. सब्जियों की नर्सरी तैयार करते समय रासायनिक उर्वरकों की जगह कार्बनिक पदार्थों से भरपूर वर्मी कंपोस्ट का इस्तेमाल करें. इस समय टमाटर, हरी मिर्च, बैंगन व अगेती फूलगोभी की पौधशाला तैयार करके मेड़ों पर इनकी रोपाई कर सकते हैं.
इन सब्जियों की खेती करें
किसान चाहें तो सब्जियों की मेड़ों पर सीधी बिजाई भी कर सकते हैं. इसके लिये ग्वार की पूसा नव बहार और दुर्गा बहार किस्मों का प्रयोग करें.
- मेड़ों पर मूली की खेती के लिये पूसा चेतकी और भिंडी उगाने के लिये पूसा ए-4 किस्म के बीजों को कम गहराई में लगायें.
- लोबिया की पूसा कोमल और सेम की पूसा सेम 2 या पूसा सेम 3 किस्मों की समय रहते मेड़ों पर बिजाई कर दें.
- पत्तेदार सब्जियों की बिजाई के लिये भी समय उत्तम है, इसलिये पालक की पूसा भारती और चौलाई की पूसा लाल चौलाई या पूसा किरण किस्मों के बीज क्यारियों में लगा सकते हैं.
- यह समय स्वीट कॉर्न और बेबी कॉर्न की खेती के लिये उपयुक्त है, बेबी कॉर्न की माधुरी या विन ऑरेंज और बेबी कोर्न की एच एम-4 के बीजों को खेतों में लगा सकते हैं.
मेड़ों पर उगायें गाजर
खरीफ सीजन की खड़ी फसलों की खाली मेड़ों पर गाजर की खेती करके अच्छा उत्पादन और मुनाफा कमा सकते हैं. इसके लिये गाजर की उन्नत किस्म पूसा वृष्टि का बीज उपचार करके ही बुवाई का काम करें.
- प्रति एकड़ खेत की मेड़ों पर गाजर की बिजाई के लिये 6 किग्रा बीज काफी रहेंगे, जिनका शोधन केप्टान की 2 ग्राम प्रति किग्रा. बीज की दर के हिसाब से करना चाहिये.
- गाजर के बीज लगाने से पहले खेत में कंपोस्ट के साथ फास्फोरस उर्वरक जरूर मिलायें.
फूल और फलों की खेती
- खेत में खाली पड़े छायादार स्थानों का सदुपयोग करें और गेंदा (Marigold Farming) की पूसा नारंगी (Pusa Narangi) की नर्सरी तैयार कर लें. नर्सरी में बीज लगाने से पहले मिट्टी में वर्मीकंपोस्ट मिलायें और जल निकासी की व्यवस्था करें.
- इस समय फलों की नर्सरी (Fruit Plant Nursery) भी तैयार कर सकते हैं, क्योंकि इस जलवायु में फलों के बीजों का अंकुरण और पौधों का विकास तेजी से होता है. इसके लिये आम, नींबू और अमरुद की उन्नत किस्मों का चयन करें.
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