Coffee Cultivation: किसानों के लिये खुलेंगे तरक्की के द्वार, इन राज्यों में शुरु करें कॉफी की खेती
Co-Cropping of Coffee: एक बार कॉफी की बुवाई-रोपाई करके के बाद करीब 50-60 साल तक इसके बीजों का बंपर उत्पादन लिया जा सकता है.
Grow Coffee to get High Profitable Income: दुनिया भर में कॉफी (Coffee) की खपत बढ़ती जा रही है. भारत के बड़े-बड़े शहरों में भी लोग चाय की जगह कॉफी पीना ज्यादा पसंद करते हैं. कॉफी की प्रोसेसिंग (coffee Processing) करके कई ब्यूटी प्रॉडक्ट्स और खाने-पीने की चीजें भी बनाई जाती है. यही कारण है कि सब्जी और फलों की तरह बाजार में कॉफी की मांग भी बढ़ती जा रही है. कॉफी की वैश्विक मांग को पूरा करने के लिये भारत के अलावा 6 देश और इसकी खेती करते हैं, इसलिये किसान चाहें तो कॉफी की खेती (Coffee Cultivation) करके शुरुआत से ही मोटा मुनाफा कमा सकते हैं.
इन राज्यों में करें कॉफी की खेती (Indian States Growing Coffee)
कॉफी का अच्छी क्वालिटी वाला उत्पादन लेने के लिये सही जलवायु और मिट्टी में ही इसकी खेती करनी चाहिये. विशेषज्ञों की मानें तो सम शीतोष्ण जमीन में इसकी खेती करना फायदे का सौदा साबित हो सकता है. भारत में कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु ही ऐसे राज्य है, जहां के कई किसान वर्षों से कॉफी की खेती कर रहे हैं. बता दें कि एक बार कॉफी की बुवाई-रोपाई करके के बाद करीब 50-60 साल तक इसके बीजों का बंपर उत्पादन लिया जा सकता है.
कॉफी की खेती में सावधानी (Precaution in Coffee Farming)
खुले और तेज धूप वाले स्थानों पर कॉफी की खेती करने से बचना चाहिये. छायादार स्थानों पर ही इसकी अच्छी उपज ले सकते हैं.
- इसकी खेती के लिये अधिक सिंचाई की जरूरत नहीं होती. बस फसल में खाद और उर्वरक डालने पर बेहतर क्वालिटी की कॉफी का उत्पादन मिल जाता है.
- इसकी बुवाई के लिये जून से जुलाई का समय बेहतर रहता है.
- पहाड़ी इलाकों में इसकी खेती के लिये बीजों के बजाय कलम यानी ग्राफ्टिंग विधि (Grafting Technique) से बुवाई करनी चाहिये.
- मैदानी इलाकों में दोमद मिट्टी में कार्बनिक पदार्थों की पूर्ति करके बेहतर उत्पादन ले सकते हैं.
- भारत में केरल को सबसे बड़ा कॉफी उत्पादक राज्य कहते हैं, जहां कॉफी की अरेबिका (Arabica Coffee) किस्म को उगाया जाता है.
- कॉफी की फसल में कीड़े और बीमारियों की ज्यादा प्रकोप नहीं रहता, लेकिन फिर भी नीम के तेल (Neem Oil) का घोल बनाकर या जैविक कीट नाशकों (Neem Pesticide) का छिड़काव कर सकते हैं.
- फसल में निराई-गुड़ाई करने पर भी पौधों में ऑक्सीजन का संचार बना रहता है और बढ़वार तेजी से होती है.
कैसे बढेगी किसानों की आमदनी
कॉफी की खेती के जरिये किसानों की आय को बढ़ती ही है, साथ ही वे दूसरी फसलों को सह-फसल के रूप में उगाकर दोगुना आमदनी अर्जित कर सकते हैं.
- एक बार रोपाई करने के बाद कॉफी का पौधा 4-5 साल में बीज देने के तैयार हो जाता है.
- जिसके बाद लगभग 50-60 साल तक कॉफी के बागों से बंपर उत्पादन ले सकते हैं.
- एक अनुमान के मुताबिक, एक एकड़ जमीन से करीब 2.5 से 3 क्विंटल तक कॉफी के बीजों की उपज मिल जाती है.
- इसकी व्यावसायिक खेती करने पर किसानों कम से कम सालाना 80,000 रुपये कमा सकते हैं.
- किसान चाहें तो कॉफी के साथ-साथ दलहन और तिलहनी फसलों की खेती कर सकते हैं.
- ऐसा करने पर मिट्टी की उपजाऊ शक्ति बढ़ जायेगी और कम खाद-पानी के खर्च में किसानों को बेहतर आमदनी भी मिल जायेगी.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारियों पर आधारित है. ABPLive.com किसी भी तरह की जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
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