Rabi Seasonal Vegetable Farming: खेतों में खरीफ सीजन की फसलें (Kharif Season Crop) अधपकी अवस्था में खड़ी है और अगस्त माह की फसलों की बुवाई का काम भी हो चुका है. इस बीच कई किसान भाईयों के खेत बिल्कुल खाली पड़े हैं, जिन्होंने बारिश की बेरुखी के कारण अपने खेतों में कोई भी फसल नहीं लगाई है. अब सितंबर माह से रबी फसलों (Rabi Season Crops) की तैयारियां शुरु हो जायेंगी. ऐसी स्थिति में चाहें तो सब्जियों की खेती के लिये नर्सरी (Nursery for Vegetable Farming) तैयार कर सकते हैं, जिससे समय से पहले बाजार मांग को पूरा करते हुये अच्छा पैसा कमा सकते हैं.


हरी मिर्च  
हरी मिर्च (Green Chili Farming)  एक सदाबहार फसल है, जिसे उगाने और खाने के अलग ही फायदे है. खरीफ सीजन के बाद किसान चाहें तो हरी मिर्च की फसल लगाकर अच्छी आमदनी कमा सकते हैं. इसकी खेती मेडों पर या मुख्य फसल के रूप में भी कर सकते  हैं. सिंतबर के शुरुआत में इसकी बुवाई के लिये ऐसी उन्नत किस्मों का चयन करें, जिनकी बाजार में अधिक डिमांड हो.


बैंगन
भारतीय मंडियों में बैंगन (Brinjal Cultivation) की काफी मांग रहती है. सितंबर माह में इसकी खेती शुरु लेने के लिये जरूरी है कि जैविक विधि के अनुसार ही खेत की तैयार और दूसरे काम किये जाये. वैसे तो इस सब्जी को उगाना बेहद आसान है, लेकिन बैंगन की फसल से अच्छा उत्पादन लेने के लिये इसकी उन्नत किस्मों का ही चयन करें.


शिमला मिर्च 
बाजार में सालभर शिमला मिर्च (Capsicum Cultivation) की मांग बनी रहती है, इसलिये कई किसान इसकी संरक्षित खेती भी करते हैं. रबी सीजन के लिये इसकी बुवाई का काम सितंबर में शुरु हो जाता है, इसलिये जो किसान कम समय में अच्छा पैसा कमाना चाहते हैं, वो शिमला मिर्च की नर्सरी तैयार कर सकते हैं. 
  
पपीता
पपीता सेहत के लिये तो फायदेमंद होता ही है, साथ ही किसानों की आय बढ़ाने में भी इसका अहम रोल है. किसान चाहें तो कम खर्च में पपीता की खेती (Papaya Cultivation) भी कर सकते हैं. शुरुआत में इसके उन्नत किस्म के पौधों की रोपाई करें और फलों की तुड़ाई तक लगभग सभी प्रबंधन कार्य जैविक विधि से किये जाते है.


ब्रोकली
इस विदेशी सब्जी की मांग बाजार में बढ़ती जा रही है. वैसे तो ब्रोकली (Broccoli Farming) गोभीवर्गीय प्रजाति की सदस्य सब्जी है, लेकिन इसकी खेती करने का तरीका कुछ अलग है. ये आम गोभी के मुकाबले थोड़ी महंगी भी होती है, जो बाजार में 50 से 100 रुपये किलो के भाव पर बिकती है. इसकी खेती के लिये अगस्त माह से ही नर्सरी (Broccoli Nursery) की तैयारी की जाती है, जिसके बाद सिंतबर माह में खेतों में इसकी रोपाई का काम किया जाता है. रोपाई के 60 से 90 दिनों के अंदर ब्रोकली की फसल (broccoli Crop) पककर तैयार हो जाती है. 


Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारियों पर आधारित है. ABPLive.com किसी भी तरह की जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.


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