Wheat Cultivation: रबी सीजन की बुवाई शुरू हो गई है. किसान बाजार में बीज खरीदने जा रहे हैं. खरीफ की मुख्य फसल धान कहलाती है तो गेहूं को रबी सीजन की प्रमुख फसल माना जाता है. केंद्र और राज्य सरकार का फोकस भी इन फसलों की खरीद पर अधिक होता है. राज्य सरकार बीजों पर सब्सिडी देकर किसानों की मदद करती है. सब्सिडी मिलने का लाभ यह होता है कि किसान को सस्ते दामों पर बीज मिल जाते हैं. प्रॉपर लेवल पर बीजों को खेतों में बोकर अच्छी पैदावार भी मिल जाती हैं. अब हिमाचल प्रदेश सरकार ने गेहूं के बीज पर सब्सिडी देकर किसानों की मदद की है. 


18.10 रुपये प्रति किलोग्राम मिलेगा बीज


मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हिमाचल प्रदेश में किसानों को गेहूं का बीज 18.10 रुपये प्रति किलो की दर से दिया जाएगा. इसमें राज्य सरकार की ओर से 16 रुपये सब्सिडी दी जा रही है. एक किलो की कीमत 34 रुपये है, इसमें से 16 रुपये किसानों बतौर सब्सिडी दी जाएगी. किसानों के लिए बिक्री मूल्य 18.10 रुपये तय किया गया है. एक क्विंटल गेहूं के बीज की कीमत बाजार में 1,810 रुपये निर्धारित की गई है.


लाखों किसानों को मिलेगा लाभ


कम कीमत पर गेहूं उपलब्ध कराने से प्रदेश भर के लाखों किसानों को लाभ मिलेगा. पिछले साल गेहूं के बीज की कीमत 20 रुपये प्रति किलो निर्धारित की गई थी. इस पर 13 रुपये की सब्सिडी दी गई थी. एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट के अफसरों का कहना है कि सरकार के दिशा-निर्देश अनुसार प्रदेश के सभी जिलों में गेहूं पहुंचाया गया है. किसान तय सब्सिडी पर गेहूं खरीद सकते हैं. इससे किसान बेहद सस्ती दर में गेहूं बो सकते हैं. 


केंद्र सरकार के पास गेहूं का पर्याप्त भंडार


रिकॉर्ड के मुताबिक सरकार के पास सरकारी गोदामों में 227 टन गेहूं हैं, जबकि बफर का अनिवार्य स्केल 205 लाख टन है. देश में 22 लाख टन अधिक गेहूं का भंडारण है. सरकारी अधिकारियों का कहना कि किसी को भी परेशान होने की जरूरत नहीं है. सरकार के पास प्रॉपर खाद्यान्न भंडार है. अनाज की किल्लत किसी भी सूरत में नहीं होगी. वर्ष 2022 में खाद्यान्न खरीद शुरू हो गई है.


मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, केंद्र सरकार के अफसरों का कहना है कि 1 अप्रैल 2023 तक गेहूं का आवश्यक बफर स्केल 75 लाख टन होना चाहिए, जबकि इस बार गेहूं खरीद की स्थिति को देखते हुए यह 113 लाख टन हो सकता है. केंद्र सरकार के पास बफर स्टॉक का जो लेवल है. वह राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम और अन्य योजनाओं के संचालन के लिए पर्याप्त है. अप्रैल से गेहूं खरीद शुरू होनी है. ऐसे में गेहूं का स्टॉक भी तेजी से बढ़ता जाएगा.


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