Kisan Diwas पर बड़ा ऐलान....देसी गाय खरीदने के लिए 25,000 रुपये, हरे चारे की साइलेज यूनिट के लिए 50 लाख रुपये का अनुदान
Animal Husbandry: प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए देसी गाय की खरीद पर 25,000 रुपये का अनुदान दिया जाएगा. हरे चारे की साइलेज इकाई और एफपीओ बनाने के लिए भी स्टेट गवर्नमेंट सब्सिडी देती है.
Dairy Farming: कृषि के क्षेत्र में जलवायु परिवर्तन की वजह से काफी नुकसान देखने को मिला है. कई जगहों पर खेती की लागत भी बढ़ गई है, जिससे किसान भी सही आमदनी नहीं ले पा रहे. इन सभी समस्याओं के समाधान के लिए अब किसानों को प्राकृतिक खेती से जुड़ने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. हाल ही में किसान दिवस के मौके पर हरियणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल ने बताया कि ज्यादा नहीं तो कम से कम अपनी आजीविका के लिए किसानों को प्राकृतिक खेती, जैविक खेती अपनानी चाहिए.
इस काम को और भी आसान बनाने के लिए प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों को देसी गाय खरीद पर 25,000 रुपये का अनुदान दिया जाएगा. कृषि विश्वविद्यालय और कृषि विभाग भी प्राकृतिक खेती के बारे में किसानों को जागरूक करने के लिए तकनीकी ज्ञान और ट्रेनिंग सेशन भी आयोजित करते हैं, साथ में सरकार भी आर्थिक मदद करेगी.
पशुपालन को बढ़ाने के लिए टॉप योजनाएं
किसान दिवस के मौके पर हिसार स्थित चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुए हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल ने बताया कि मछली पालन के बिजनेस से 10,000 किसानों को अच्छी आमदनी होने की संभावना है. पिछले कुछ समय से हरे चारे की कमी देखी जा रही है, जिसके लिए साइलेज बिजनेस करने पर 50 लाख रुपये तक की आर्थिक मदद का भी प्रावधान है.
31 दिसंबर तक करवाएं फसल का बीमा
हरियाणा में रबी फसलों का बीमा करवाने के लिए 31 दिसंबर डेडलाइन रखी गई है. इससे पहले ही किसान अपनी फसल का रजिस्ट्रेशन करके आशवस्त हो सकते हैं. किसान दिवस के मौके पर कृषि मंत्री दलाल ने बताया कि हरियाणा अकेला राज्य है, जहां किसानों को फसल बीमा का प्रीमियम भरने के बाद 500 करोड़ रुपये का क्लेम दिया गया है.
यहां किसान अपनी फसलें ज्यादातर न्यूनतम समर्थन मूल्य पर ही बेच रहे हैं. कृषि विभाग भी लगातार किसानों के विकास और खेती के विस्तार के लिए संवेदनशील होकर काम कर रहा है.
खेती के लिए सब्सिडी और सम्मान
हरियाणा में पारंपरिक फसलों की खेती तो हो ही रही है, साथ में बागवानी की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित किया जा रहा, हालांकि राज्य में लघु-सीमांत किसानों की आबादी भी ज्यादा है, जो कृषि की नई तकनीकों का लाभ नहीं ले पाते.
ऐसी स्थिति में किसानों को संगठित किया जा रहा है. केंद्र और राज्य सरकार मिलकर किसान उत्पादक संगठन स्कीम पर काम कर रही है. एफपीओ को 90% सब्सिडी दी जा रही है, जिससे किसानों को मुसीबत के समय आर्थिक मदद मिल जाती है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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