PM Fasal Beema Yojana: देश के कई इलाकों में बेमौसम बारिश के चलते किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ गया है. तेज आंधी, ओलावृष्टि के कारण गेहूं की फसल खेतों में बिछ गई हैं. वहीं खेतों में सुखाने के लिए रखी गई फसल भी जलमग्न हो गई हैं. सबसे ज्यादा नुकसान की संभावना गेहूं की फसल में है. सरसों, चना, अरहर समेत रबी की दलहनी और तिलहनी फसलें भी बर्बाद हुई हैं. किसानों पर आफत बनकर बरसे इन बादलों ने किसानों की पूरे सीजन की मेहनत पर पानी फेर दिया है. इधर सरकारें भी किसानों के लिए राहत अनुदान का ऐलान कर रही हैं. केंद्र सरकार की तरफ से कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने मदद का आश्वासन दिया है. राज्य सरकारों से नुकसान की रिपोर्ट मिलते ही राष्ट्रीय आपदा राहत कोष में से मुआवजा दिया जाएगा.
इधर राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा और पंजाब की सरकारें भी नुकसान के आकलन की गिरदावरी रिपोर्ट तैयार करने, प्राकृतिक आपदा राहत कोष से मुआवजा दिलवाने और पीएम फसल बीमा योजना से क्लेम दिलवाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता स्पष्ट कर रही हैं.
यूपी में फसल, पशु, मकान और जानहानि पर मुआवजा
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के विभिन्न जिलों में बारिश और ओलावृष्टि के कारण हुए नुकसान के मद्देनजर राहत-बचाव कार्यों के निर्देश जारी कर दिए हैं. मकान या पशु हानि होने पर तत्काल वित्तीय सहायता देने को कहा गया है.
वहीं फसलों में हुए नुकसान के लिए जिलों से 2 दिन के अंदर रिपोर्ट तैयार करने को कहा गया है, ताकि समय पर किसानों को भरपाई की जा सके. यूपी के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप साही ने भी आश्वासन दिया है कि बारिश से हुए फसल नुकसान के लिए किसान भाईयों को हर संभव मदद दी जाएगी. यदि आकाशीय बिजली गिरने से किसान की जानहानि हुई है तो किसान परिवार को 4 लाख रुपये की मदद की घोषणा की गई है.
फसल बीमा कंपनी को दें सूचना
यूपी में जिन किसानों ने अपनी रबी फसलों का बीमा करवाया है वो बारिश या ओलावृष्टि से नुकसान की स्थिति में संबंधित बीमा कंपनी या कृषि विभाग के कार्यालय में 72 घंटे के अंदर सूचना दें. इस तरह आवेदन मिलते ही बैंक और इंश्योरेंस कंपनियों को जल्द से जल्द वेरिफिकेशन और क्लेम देने में आसानी रहेगी.
राजस्थान सरकार ने किसानों की सुविधा के लिए राज्य में कार्यरत फसल बीमा कंपनियों के नाम और फोन नंबर जारी कर दिए हैं. राज्य के कई इलाकों में फसलें ओलावृष्टि से बर्बाद हो गई हैं. ऐसी स्थिति में किसान 72 घंटे के अंदर अपनी बीमा कंपनियों या कृषि अधिकारी को आवेदन के जरिए सूचित कर दें.
कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के कारण अभी नुकसान का खतरा टला नहीं है. किसानों को सावधान रहने की सख्त जरूरत है. यदि खेतों में कटाई के बाद सुखाने के लिए रखी गई फसल 14 दिन के अंदर खराब हो गई है तो किसान क्लेम का हकदार होगा.
हरियाणा में भी गेहूं, सरसों और खेतों में खड़ी तमाम रबी फसलों में गंभीर नुकसान हुआ है. 72 घंटे के अंदर फसल नुकसान की जानकारी देने के लिए हजारों की संख्या में किसान कृषि विभाग के कार्यालय पहुंच रहे हैं. कई जिलों में किसानों के लिए स्पेशल हेल्प डेस्क भी बनाई गई है. सरकार ने जल्द से जल्द विशेष गिरदावरी करवाने के निर्देश जारी किए हैं. रिपोर्ट आते ही किसानों को राहत मुआवजा जारी कर दिया जाएगा
मध्य प्रदेश के बैतूल, खंडवा, खरगोन समेत कई जिलों के दर्जनों गांव में खेत बारिश और ओलावृष्टि के चलते सुनसान हो गए हैं. गेहूं के दाना पतला पड़ गया है. कई किसानों ने कटाई को बीच में ही रोक दिया है, जबकि कई इलाकों में 2-3 दिन पहले ही गेहूं ,चना, मक्का और बाजरा की फसल की कटाई का काम चालू हुआ था और फसलें खेत मे सुखाने के लिए रखी हुई थीं.
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