एक्सप्लोरर

Stem Planting: जब किसी पेड़ की टहनी से पौधा उगाएं तो ये काम ज़रूर करें, वर्ना अच्छे से नहीं उगेगा पौधा

तना रोपण करने के लिए लंबे प्रोसेस को पूरा किया जाता है. पेड़ से तने की कटाई, धूप में रखना, पानी लगाना, छंटाई करना, जड़ों का ख्याल रखना और अंत में जमीन में बुआई करना सभी महत्वपूर्ण हैं.

Stem Planting In Delhi: आमतौर पर किसी पौधे या पेड़ की बुआई दो तरह से होती है. बीजारोपण कर या फिर टहनिया काटकर उन्हें खेत या किसी जमीन में बो दिया जाता है. खेत, घर या आंगन में बीज से बुआई करने में इतनी मेहनत नहीं करनी होती है, जितनी मेहनत टहनी की बुआई करने में होती है. लेकिन आज हम जानने की कोशिश करते हैं कि पेड़ की टहनी से पौधा उगाते समय क्या सावधानी बरतने की जरूरत है. इस पूरी प्रक्रिया में गूलर के पेड़ का उदाहरण लेते हैं. 

सही मौसम का इंतजार करें

पेड़ या पौधे की बुआई के लिए सही मौसम का इंतजार भी जरूरी है. मसलन, गुड़हल की बुआई गर्मी के सीजन में सबसे ज्यादा अच्छी होती है. गर्मियों में गूलर तेजी से ग्रोथ कर रहा होता है. इस दौरान टहनी लेने से टहनी तेजी से ग्रोथ करती है. 

हरे तने की टहनी देखें

टहनी सिलेक्ट करते समय यह ध्यान रखना जरूरी है कि शाखा हरी भरी हो. वह स्मूद, ग्रीन गोथ वाली हो. यह दिखने में स्मूद, डार्क हो. हालांकि हल्का ब्राउन या डार्क ग्रीन तने की कटिंग्स भी ली जा सकती है. लेकिन इन्हें टॉपसाइल में लगाना होता है. 

छह से 10 इंच लंबी टहनी काटें

जिस टहनी की कटिंग कर रहे हैं. उसे देख लें कि हरी भरी हो. कटिंग के लिए तेज धार के लिए प्रूनिं शियर्स का प्रयोग करें. 6 से 10 इंच या थोड़ी और बड़ी लंबाई की टहनी काट लें. काटकर उसे आराम से एक बॉक्स में रख लें. एक ही जगह से अधिक टहनी काटने से बचें. इससे नुकसान मूल पेड़ को होगा. अधिक टहनी काटने से मूल पेड़ की ग्रोथ पर असर पड़ेगा. इसलिए छह, सात से अधिक कटिंग्स न लें. कटिंग लेने के बाद टहनी को ढंग से साफ कर दें. जंग न लगने पाए. इसका विशेष ध्यान रखें. 

इस तरह से पत्तियों को हटाएं

कटिंग करते समय एक बात का विशेष ध्यान रखें. चार से 6 पत्तियां ही टहनी पर रहनें दें. ऐसे होने पर टहनी की ऑक्सीजन लेवल बेहतर हो सकेगी. यदि पत्तियां लंबी हैं तो उन्हें मुरझाने से रोकने के लिए हॉरिजॉन्टली आधे में काट दें. पत्तियों को काटें ही, उन्हें खीचें बिल्कुल नहीं. इससे पत्तियों के स्टेम के फाइबर्स को नुकसान पहुंच सकता है. इससे उनकी ग्रोथ में दिक्कत आ सकती है. 

रूटिंग हार्माेन का प्रयोग करें

स्टेम के सिरे को रूटिंग हॉरमोन में डुबोए. दरअसल, रूटिंग हार्माेन पाउडर या लिक्विड होता है. यह तने को नई जड़ बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करता है. बहुत सारे माली इस प्रोसेस में शहद का प्रयोग करते हैं. कटिंग के सिरे को सीधे तौर पर हाथ से न छूएं. इससे तने की ग्रोथ प्रभावित हो सकती है. 

ग्रोथ मॉनीटर करने के लिए पानी में रखें

यदि आप तने की ग्रोथ मॉनीटर करना चाहते हैं तो कटिंग को पानी मे ंरखें. गर्म पानी का प्रयोग कर उसमें हाइड्रोजन पैरॉक्साइड की एक बूंद डाल दें. यहां यह ध्यान रखना जरूरी है कि पत्तियों को पानी से टच नहीं होना चाहिए. एक सप्ताह में पानी चेंज कर लें. कटिंग को पानी से बाहर निकाल लें. उसकी जगह नया पानी एड कर दें. करीब एक हफ्ते के बाद सफेद उभार दिखने शुरू हो जाएंगे. चार सप्ताह बाद जड़ भी दिखनी शुरू हो जाएंगी. इस प्रक्रिया में नल का पानी भी इस्तेमाल में लाया जा सकता है. उसमें वॉटर सॉफ्टनर न इस्तेमाल किया हो. सॉफ्ट किए पानी में गुड़हल अच्छे से नहीं हो पाता है. 

इस तरह से करें बुआई

बाद में टहनी की बुआई की प्रक्रिया शुरू कर दें. एक कंटेनेर में टॉपसॉइल भरें और कटिंग के लिए छेद बनाने के लिए किसी लकड़ी की वस्तु का प्रयोग करें. आराम से कटिंग छेद में रख दें. उसके आसपास मिट्टी को दबाएं. एक बात ध्यान रखें, बिना छेद किए टहनी का  मिट्टी में बिल्कुल न डालें. न टहनी मिटटी में दबाने में जबरदस्ती करें. इससे रूटिंग हार्माेन में दिक्कत आ सकती है. आसपास की मिट्टी को फिर उंगलियों से दबा दें. 

सीधे धूप में न रखें

टहनी को सीधे धूप में रखने से बचें. इसे क्लीयर ट्रांसपेरेंट प्लास्टिक से कवर कर दें. प्लास्टिक को नीचे हल्का सा खुला रखें. यदि ऐसा नहीं कर पा रहे हैं तो उपर से थोड़ा काटकर टहनी के लिए हवा पास होने की व्यवस्थ कर दें. मिट्टी को नम रखने के लिए प्लांटेड कटिंग को हर दिन थोड़ा बहुत पानी देते रहें. यह भी ध्यान रखें कि पानी अधिक न हो. ऐसा होने पर पौधों की जड़ों में सड़न हो सकती हैं. इसके लिए प्लास्टिक के बैग को हटा दें. कंटेनर ऐसी जगह मेें रख दें, जहां धूप कम हो. 

2 से 3 महीने तक जड़ आने का करें इंतजार

दो से तीन महीने तक कटिंग में जड़ आने का इंतजार करें. जब जड़ें किसी बड़े स्थान पर ट्रांसप्लांट करने के हिसाब से हार्ड हो जाए, तो तने के ऊपर नई पत्तियाँ उगती हुई दिखाई देना शुरू हो जाएंगी. इस अवस्था में आराम से टहनी को निकालकर दूसरी जगह बुआई कर दें. इसके बाद टहनी की लगातार मॉनीटरिंग करते रहें. 

Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

यह भी पढ़ें: दुनिया की सबसे महंगी लकड़ी अफ्रीकन ब्लैक वुड, चंदन से लाख गुना ज्यादा हैं इसके भाव, जानें किस काम आती है?

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

Modi Govt 100 Days: मोदी 3.0 के 100 दिन: 15 लाख करोड़ के प्रोजेक्ट, जानें बुनियादी ढांचे से किसान तक किस पर रहा ध्यान
मोदी 3.0 के 100 दिन: 15 लाख करोड़ के प्रोजेक्ट, जानें बुनियादी ढांचे से किसान तक किस पर रहा ध्यान
केजरीवाल के बाद कौन संभालेगा दिल्ली की गद्दी? रेस में हैं ये तीन नाम लेकिन राह में रोड़े भी बहुत, जानें इनसाइड स्टोरी
केजरीवाल के बाद कौन संभालेगा दिल्ली की गद्दी? रेस में हैं ये तीन नाम लेकिन राह में रोड़े भी बहुत
काश! नफ्फो बीबी नगर निगम की बात मान लेती तो टल जाता मेरठ हादसा, 6 महीने पहले दिया था नोटिस
काश! नफ्फो बीबी नगर निगम की बात मान लेती तो टल जाता मेरठ हादसा, 6 महीने पहले दिया था नोटिस
काली और लाल मिट्टी की पिच में क्या अंतर होता है? चेन्नई टेस्ट में किस तरह की पिच पर खेलेंगे भारत-बांग्लादेश
काली और लाल मिट्टी की पिच में क्या अंतर होता है? चेन्नई टेस्ट में किस तरह की पिच पर खेलेंगे भारत-बांग्लादेश
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

Maharashtra News: गणेश उत्सव के 10वें दिन VIP लोगों ने किए दर्शन | ABP News | Ganesh UtsavHaryana Election 2024: 17 सितंबर को Congress जारी कर सकती है घोषणापत्र | ABP NewsDelhi Politics: Arvind Kejriwal के बाद सीएम की रेस में किन लोगों का नाम चल रहा सबसे आगे ? | ABP NewsSandeep Chaudhary: Kejriwal का 'खेल'..राजनीति किसकी होगी डिरेल ? | Breaking News | Breaking | Delhi

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
Modi Govt 100 Days: मोदी 3.0 के 100 दिन: 15 लाख करोड़ के प्रोजेक्ट, जानें बुनियादी ढांचे से किसान तक किस पर रहा ध्यान
मोदी 3.0 के 100 दिन: 15 लाख करोड़ के प्रोजेक्ट, जानें बुनियादी ढांचे से किसान तक किस पर रहा ध्यान
केजरीवाल के बाद कौन संभालेगा दिल्ली की गद्दी? रेस में हैं ये तीन नाम लेकिन राह में रोड़े भी बहुत, जानें इनसाइड स्टोरी
केजरीवाल के बाद कौन संभालेगा दिल्ली की गद्दी? रेस में हैं ये तीन नाम लेकिन राह में रोड़े भी बहुत
काश! नफ्फो बीबी नगर निगम की बात मान लेती तो टल जाता मेरठ हादसा, 6 महीने पहले दिया था नोटिस
काश! नफ्फो बीबी नगर निगम की बात मान लेती तो टल जाता मेरठ हादसा, 6 महीने पहले दिया था नोटिस
काली और लाल मिट्टी की पिच में क्या अंतर होता है? चेन्नई टेस्ट में किस तरह की पिच पर खेलेंगे भारत-बांग्लादेश
काली और लाल मिट्टी की पिच में क्या अंतर होता है? चेन्नई टेस्ट में किस तरह की पिच पर खेलेंगे भारत-बांग्लादेश
Narendra Modi Birthday: कभी 'शेखों' संग ली सेल्फी तो कभी की दुआ... देखें, कौन-कौन से मुल्कों की मस्जिदों में जा चुके हैं PM नरेंद्र मोदी
कभी 'शेखों' संग ली सेल्फी तो कभी की दुआ... देखें, कौन-कौन से मुल्कों की मस्जिदों में जा चुके हैं PM नरेंद्र मोदी
'बिग बॉस 18' की पहली कंफर्म कंटेस्टेंट बनीं टीवी की ये इच्छाधारी नागिन, आपने पहचाना ?
'बिग बॉस 18' की पहली कंफर्म कंटेस्टेंट बनीं ये इच्छाधारी नागिन, पहचाना ?
क्या आपको भी पढ़ने के समय आती है नींद? जानिए इसके पीछे का साइंस
क्या आपको भी पढ़ने के समय आती है नींद? जानिए इसके पीछे का साइंस
शिमला मस्जिद विवाद के बाद पहली कैबिनेट मीटिंग 20 सितंबर को, किन फैसलों को मिल सकती है मंजूरी?
शिमला मस्जिद विवाद के बाद पहली कैबिनेट मीटिंग 20 सितंबर को, किन फैसलों को मिल सकती है मंजूरी?
Embed widget