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Crop Season: क्यों रबी, खरीफ, जायद ही पड़ा भारत के प्रमुख फसल सीजन का नाम, इन अरबी शब्दों का भी है मुगल कालीन कनेक्शन

Indian Crop Season: भारत में खेती के 3 मौसम हैं- रबी, खरीफ और जायद. अरबी भाषा के ये शब्द काफी पुराने समय से ही चलन मे हैं, लेकिन क्या जानते हैं कि इनका मतलब और किसानों के लिए इनकी उपयोगिता क्या है?

Indian Farming Season: भारत एक कृषि प्रधान देश है. यहां की एक बड़ी आबादी अपनी आजीविका के लिए खेती पर निर्भर है. देश में उगाए जा रहे फल, सब्जी, अनाजों से घरेलू खाद्य आपूर्ति के साथ अंतर्राष्ट्रीय मांग को भी पूरा किया जा रहा है. अब भारत में भी खेती के लिए आधुनिक तकनीकों और मशीनीकरण को बढ़ावा दे रहे हैं. केंद्र और राज्य सरकारें भी कृषि और किसानों को प्राथमिकता से लेकर चल रही हैं. तब ही तो आज भारत अपने पड़ोसी देशों की तुलना में एक प्रमुख कृषि उत्पादक बनकर उभरा है. यहां मौजूद प्राकृतिक संसाधनों का भी इस काम में अहम रोल है. इस तरक्की के बीच आज भी एक चीज की कमी खटकती है और वो है कृषि के बारे में ​जागरूकता.

आज किसान खेती-किसानी में कठिन परिश्रम तो कर रहे हैं, लेकिन सही ज्ञान और ​जागरूकता की कमी के चलते कई बार नुकसान भी झेलना पड़ जाता है. कल के किसानों से लेकर आज कृषि से जुड़ने वाली नई पीढ़ी के लिए भी कुछ बातों की जानकारी होना बेहद जरूरी है.

इन्हीं जानकारियों में शामिल है भारत का फसल मौसम या फसल सीजन. वैसे तो नई तकनीकों के आ जाने से खेती के लिए अब मौसम की बाध्यता नहीं रही, लेकिन पारंपरिक खेती करने वाले नए-पुराने किसानों को प्रमुख फसल मौसम- रबी, खरीफ और जायद के बारे में पता होना चाहिए.

क्या है रबी, खरीफ, जायद के पीछे की कहानी
किसान तक की रिपोर्ट के मुताबिक, रबी, खरीफ और जायद तीनों अरबी शब्द है, लेकिन भारत में इनका इस्तेमाल सबसे ज्यादा होता है. आम बोली-चाली की भाषा में या किसान भी इन्हीं सीजनों के आधार पर खेती करते हैं. आपको जानकर हैरानी होगी कि ये तीनों ही शब्द काफी पुराने हैं. इनका इस्तेमाल मुगलकाल से चला आ रहा है.

अरबी भाषा में रबी सीजन को बसंत का मौसम और खरीफ सीजन को पतझड़ का मौसम कहते हैं, हालांकि आज तो रबी और खरीफ सीजन को अलग-अलग फसलों की खेती के लिए जानते हैं, लेकिन पुराने समय में इन शब्दों को फसल की कटाई और मौसम की जानकारी के लिए इस्तेमाल किया जाता था, ताकि किसान फसल की बुवाई के बाद उसकी कटाई का ध्यान रखें.

रबी सीजन की फसलें
भारत में रबी सीजन में उगाई जाने वाली प्रमुख फसलों में गेहूँ, जौ,आलू, चना, मसूर, अलसी, मटर और सरसों का नाम शीर्ष पर है, जो बसंत के सीजन तक कटाई के लिए तैयार हो जाती हैं.

खरीफ सीजन की फसलें
खरीफ सीजन की प्रमुख नकदी फसलों में धान (चावल), मक्का, ज्वार, बाजरा, मूँग, मूँगफली, गन्ना, सोयाबीन, उडद, तुअर, कुल्थी, जूट, सन, कपास का नाम शामिल है, जो पतझड़ तक पककर तैयार हो जाती हैं.

जायद सीजन की फसलें
तरबूज, खीरा,खरबूजा, ककड़ी, मूंग, उड़द, सूरजमुखी शामिल हैं, जो 2 से 3 महीने में हार्वेस्टिंग के लिए तैयार हो जाती हैं और खाली समय में भी किसानों को बढ़िया मुनाफा देती हैं.

कब होती थी फसल की कटाई
खेती-किसानी तो प्राचीन काल से चली आ रही है, लेकिन आज इस काम को करने के तरीकों में काफी बदलाव हुआ है. इस आधुनिक दौर में कृषि को किसानों के लिए आसान बनाने के लिए नई-नई तकनीकें इजाद की जा रही है, ताकि किसानों को फसल उत्पादन से लेकर कटाई-बिक्री की जानकारी रहे, लेकिन पुराने समय में लोग इन सभी कामों को एक मौसम से जोड़ा हुआ था.

उदाहरण के लिए- रबी फसलों का मतलब बसंत के महीने में कटाई के लिए तैयार होने वाली फसलें और खरीफ सीजन का अर्थ पतझड़ के मौसम में कटाई के लिए तैयार होने वाली फसलें.आज इन दोनों मौसम के बीच जायद भी जुड़ गया है, क्योंकि बसंत में रबी फसलों की कटाई के बाद खरीफ सीजन की शुरुआत के बीच एक टाइम गैप हो जाता है, जिसमें भी अब फसल उत्पादन होने लगा है.

Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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