Stubble Burning: क्या पराली जलाने के मामले में आगे है पंजाब, हरियाणा? ये फैक्ट कहते हैं कुछ और कहानी
पंजाब गवर्नमेंट पराली न जलाने वाले किसानों को प्रोत्साहित कर रही है. हाल में राज्य के 6 जिलों को 700 किसानों को प्रदूषण के खिलाफ योद्धा के रुप में सम्मानित किया गया
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Stubble Management: पराली हर साल देश के लोगों का दम घोंट देती थी. पंजाब, हरियाणा में सबसे ज्यादा पराली जलाने के केस दर्ज किए जाते. दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, यूपी समेत कई स्टेट में पराली संकट बनकर उभरती. लेकिन इस साल केंद्र सरकार और राज्य सरकार की सख्ती की वजह से इस साल पराली देश में इतना बड़ा संकट नहीं बना है. इसके पीछे किसानों का जागरूक होना भी है. काफी संख्या में किसान ऐसे हैं, जो पराली जलाने से परहेज कर रहे हैं. राज्य सरकारें भी ऐसे किसानों को सम्मानित और प्रोत्साहित कर रही हैं. पंजाब गवर्नमेंट और अन्य संस्थाओं ने भी ऐसे किसानों को सम्मान दिया है.
प्रदूषण के खिलाफ योद्धा बने 700 किसान
पंजाब गवर्नमेंट ने ऐसे किसानों को मोटिवेट कर रही है, जो खुद पराली नहीं जला रहे हैं और दूसरे लोगों को भी हतोत्साहित कर रहे हैं. स्टेट में ऐसे ही 6 जिलों के 700 किसानों को सम्मानित किया गया है. अधिकारियों का कहना है कि ये सभी 700 किसान प्रदूषण के खिलाफ वॉरियर के रूप में सामने आए हैं. अन्य किसानों को भी ऐसे ही काम करना चाहिए. इससे एनवायरमेंट सुधरेगा और लोगों को भी हेल्थ संबंधी समस्याएं नहीं होंगी.
लुधियाना में 55 प्रतिशत कम जली पराली
हरियाणा में पराली जलाने की घटनाएं 55 प्रतिशत कम दर्ज की गई हैं. बता दें कि पंजाबा के लुधियाना में हर साल काफी संख्या में किसान खेतों में पराली को जला देते थे. इससे स्मॉग का खतरा पैदा हो जाता था. अब पराली जलाने की घटनाएं कम होने से प्रशासन संतुष्ट हैं. हालांकि पराली जलाने की घटनाओं को जीरो पर लाने की कवायद जारी है.
पंजाब, हरियाणा में इतने कम हुए पराली जलाने के मामले
इंडियन एग्रीकल्चर रिसर्च इंस्टीटयूट का हाल में डाटा सामने आया था. उसके अनुसार, 15 सितंबर से 23 नवंबर तक पंजाब में 30 प्रतिशत और हरियाणा में 48 प्रतिशत तक पराली जलाने का ग्राफ घट गया है. आंकड़ों के अनुसार, 15 नवंबर से 23 नवंबर के बीच में पंजाब में अभी तक 49604 पराली जलाने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं. 2021 में यह आंकड़ा 71181 रहा. जबकि 2020 में 82693 पराली जलाने की घटनाएं सामने आई थीं. हरियाणा के आंकड़ें देखें तो 5 सितंबर से 23 नवंबर तक 3549 पराली जलाने की घटनाएं देखने को मिली हैं. पिछले साल यह आंकड़ा 6792 रहा. 2020 में 4026 संख्या थी. उत्तर प्रदेश में इस साल के इसी पीरियड में 2100 पराली जलाने की घटनाएं सामने आई हैं. 2021 में 3376, वर्ष 2020 में 3629 पराली जलाने के केस सामने आए.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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