Stubble Management: खरीफ की फसल कटकर बिक्री के लिए मंडी पहुंच रही हैं. किसान फसल अवशेष को पराली के रूप में खेतों में छोड़ रहे हैं. काफी किसानों ने पराली निस्तारण के लिए दवा व अन्य प्रयोग नहीं किए हैं. खेतों में पड़ी पराली में ही आग लगा दे रहे हैं. Punjab, Haryana, Rajasthan, Madhya Pradesh, Uttar Pradesh समेत कई राज्यों से पराली जलाए जाने की खबरें सामने आने लगी हैं. इसका असर पर्यावरण भी पर दिख रहा है. ठंड के साथ ही स्मॉग के कण बढ़ गए हैं. डॉक्टरों का कहना है कि मौजूदा हालात से लोगों को सांस की बीमारी अधिक होने लगी है. लोगों को खुद का ख्याल रखने की जरूरत है. लेकिन चिंताजनक यह है कि राज्य सरकार की सख्ती के बावजूद किसान खेतों में पराली जलाने से बाज नहीं आ रहे हैं. इसको लेकर सरकार अलर्ट मोड पर है.


पंजाब में 40 हजार से अधिक पराली जलाने के केस दर्ज


पंजाब में पिछले कुछ दिनों से पराली जलाए जाने की घटनाओं में कमी दर्ज की जा रही थी. श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व के आसपास पराली की घटनाएं कम देखने को मिलीं. प्रकाश पर्व गुजरते ही लोग फिर से खेतों में अधिक पराली जलाने लगे हैं. पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के रिमोट सेंसिंग सिस्टम के आंकड़ों के अनुसार इस सीजन में राज्य में 3900 से अधिक स्थानों पर पराली जलाने के केस दर्ज किए गए हैं. जबकि पंजाब में अभी तक कुल पराली जाने का आंकड़ा 40 हजार क्रॉस कर गया है. 


पंजाब का मालवा क्षेत्र बना सेंसटिव 


आंकड़ों के अनुसार, पूरे पंजाब में पराली कम जलाई जा रही है. जबकि पंजाब का मालवा क्षेत्र पराली जलाने के मामले में हॉटस्पॉट बन गया है. पंजाब में पराली जलाए जाने के कुल 3900 मामलों में से मालवा क्षेत्र में ही 3700 से अधिक स्थानों पर पराली जलती मिली है. पंजाब के दोआबा क्षेत्र में 134 और माझा क्षेत्र में सबसे कम सिर्फ 74 जगह पराली जलाने के केस रिकॉर्ड किए गए हैं. 


बठिंडा में सबसे अधिक जली पराली 


पंजाब में यदि क्षेत्रों की स्थिति देखे तो पराली जलाने के सबसे अधिक 523 केस बठिंडा में रिपोर्ट हुए हैं. इसके अलावा मोगा में 446, मुक्तसर में 434, फाजिल्का में 385, फिरोजपुर में 305, मानसा में 306, लुधियाना में 296, बरनाला 296, फरीदकोट 280, मुख्यमंत्री के जिला संगरूर में 233 केस पराली जलाने के सामने आए हैं. वहीं, पटियाला में 114, मालेरकोटला 61 और फतेहगढ़ साहिब में 32 केस आग लगाने के मिले. वहीं, माझा का गुरदासपुर स्टेट का इकलौता ऐसा जिला है, जहां एक भी केस पराली जलाने का नहीं सामने आया है. 



Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.



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