(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Stubble Burning: अभी मुसीबत टली नहीं....पंजाब में बाकी है 10% धान की कटाई, इतने दिनों की और है दिक्कत, रहें सावधान
Stubble Burning Cases: पंजाब में अभी 10 फीसदी धान की कटाई बाकी है. कई खेतों में पराली साफ होने के लिए पड़ी है. ऐसे में प्रबल संभावना है कि उस पराली को किसान आग की भेंट चढ़ा सकते हैं.
Stubble Burning in Punjab: उत्तर भारत के प्रमुख बड़ शहरों में वायु प्रदूषण (Air Pollution) का स्तर बढ़ता जा रहा है. कई राज्यों में तो पराली जलाने के मामले कम हुए हैं, लेकिन तमाम कोशिशों और कानूनी कार्रवाईयों के बावजूद पंजाब में पराली जलाने (Stubble Burning) की समस्या वैसी ही बनी हुई है. पंजाब सरकार के तमाम कदम नाकाम साबित होते दिखाई पड़ रहे हैं. यहां आधी से ज्यादा पराली जलने से वायु प्रदूषण (AQI Delhi-NCR) बढ़ता जा रहा है. इससे पशुओं के साथ-साथ लोगों की सेहत भी बिगड़ रही है और बड़ी संख्या में लोग अस्पतालों में भी भर्ती हो रहे हैं.
ताजा आंकड़ों के मुताबिक, अभी से समस्या अगले 15 दिन के अंदर और भी बिगड़ सकती है. रिपोर्ट्स की मानें तो पंजाब में अभी 10 फीसदी धान की कटाई बाकी है. कई इलाकों में पराली खेतों में ही पड़ी है, जिसका कोई प्रबंधन नहीं हुआ है. ऐसे में प्रबल संभावना है कि किसान उस पराली को आग की भेंट चढ़ा सकते हैं.
क्या है पूरा मामला
मीडिया रिपोर्ट्स के मुकाबिक, कृषि विभाग के अधिकारियों का अनुमान है कि मालवा क्षेत्र में अभी भी 2 लाख हेक्टेयर में धान की कटाई के बाद पराली खेतों में ही पड़ी है. वहीं अभी 10 फीसदी धान की कटाई होना बाकी है, जिससे बड़ी मात्रा में पराली निकलेगी. जैसा कि अभी किसान पराली जलाने की घटना को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं. इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि अगले 15 दिन और ये पराली जलाने का काम जारी रह सकता है. इससे साफ जाहिर होता है कि उत्तर भारत में वायु प्रदूषण का स्तर अभी और बढ़ने वाला है, जिससे आम जनता पर ही बुरा असर पड़ेगा.
इन इलाकों में बाकी है धान की कटाई और पराली
कृषि विभाग की जानकारी के मुताबिक, अभी पंजाब के कई इलाकों में धान की कटाई और पराली जलाने के बाद किसानों ने रबी फसलों की तैयारियां चालू कर दी हैं. अभी मालवा इलाके में 10 फीसदी धान की कटाई बाकी है. साथ ही 2 लाख हेक्टेयर से पराली का प्रबंधन नहीं हुआ है. अगर जल्द ही सख्त एक्शन नहीं लिया गया तो किसान इस पराली को भी आग के सुपुर्द कर सकते हैं. कृषि विभाग के आंकड़ों से पता चला है कि इस साल राज्य में करीब 38 लाख हेक्टेयर में धान की बुवाई हुई थी. मालवा का करीब 68 फीसदी इलाका धान के तहत आता है, जो कटाई के लिए बाकी है.
यहां जली सबसे ज्यादा पराली
पंजाब में 15 सितंबर से 7 नवंबर 2022 के बीच धान की कटाई के बाद पराली जलाने की 32486 घटनाएं दर्ज की हुई है. पंजाब के जिस इलाके में सबसे ज्यादा पराली जली है वो मुख्यमंत्री भगवंत मान का गृह जिला संगरूर है. यहां 2 महीने के अंदर 5025 मामले दर्ज हुए हैं. बाकी जिलों में भी हालात काफी खस्ता है.
आंकड़ों के मुताबिक, पटियाला में पराली जलाने की 3091 घटनाएं, तरनतारन में 2973, फिरोजपुर में 2788, बठिंडा में 2415, बरनाला में 1849, मानसा में 1641, लुधियाना में 1501, मोगा में 1460, अमृतसर में 1452, मुक्तसर में 1385, होशियारपुर में 220, रोपड़ में 198, नवांशहर में 198 और मोहाली में पराली जलाने के 99 मामले दर्ज किए गए हैं. सबसे ज्यादा पराली जलाने के मामले 2 नवंबर को 3,634 तक रहे. वहीं 7 नवंबर तक ये आंकड़ा गिरकर सिर्फ 2,487 रह गया है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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