Stubble Management: खरीफ सीजन की फसल कटकर मंडी जा चुकी है. फसल अवशेष के रूप में पराली खेतों में ही पड़ी हुई है. पंजाब, छतीसगढ़, हरियाणा, उत्तरप्रदेश, राजस्थान समेत अन्य स्टेट में कहीं कहीं पराली जलाने की घटनाएं सामने आ रही हैं. फसल जलाने वालों के खिलाफ सख्त वायु प्रदूषण निवारण और नियंत्रण अधिनियम के तहत सख्त कार्रवाई का प्रावधान है. 


6 महीने तक खानी होगी जेल की हवा
पराली जलाने से पर्यावरण को नुकसान होता है. खेत के केंचुए मरने से मिट्टी की उर्वरता भी कम हो जाती है. उत्तर प्रदेश सरकार का अफसरों का कहना है कि यदि कोई व्यक्ति पराली जलाता मिल जाये या फिर उसके खिलाफ साक्ष्य मिल जाये. उसके खिलाफ न केवल जुर्माना लगेगा. बल्कि दूसरी बार पराली जलाता मिलने पर उसे 6 माह के कारावास की सजा भी मिलेगी.


15 हजार तक जुर्माने का प्रोविजन
Haryana Government ने Agriculture and Farmer Welfare Department ने पराली जलाने वाले किसानों खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. खेत में फसल अवशेष जलाने पर दो एकड़ तक 2500 रुपये, 2 से 5 एकड़ तक 5000 रुपये व इससे अधिक जलाता मिलने पर 15000 रुपये जुर्माने का प्रावधान है. पिछले साल धान के सीजन में फसल अवशेष जलाने पर 61 चालान हुए. एक लाख 52 हजार 500 रुपये जुर्माना किया गया.


लंग्स को इफेक्ट करता है Smog
पराली जलाने की घटनाओं में कुछ कमी जरूर आई है, लेकिन हालात चिंताजनक है. स्पेशलिस्ट्स का कहना है कि पराली जलाने की घटनाएं कंट्रोल में रहीं तो स्मॉग परेशान नहीं करेगा. यदि घटनाएं बढ़ी तो आने वाले दिनों में पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश के लोगों की सांसो पर स्मॉग अटैक कर सकता है. जो पहले से अस्थमेटिक हैं, उनको सचेत रहने की जरूरत है. डॉक्टरों का कहना है कि स्मॉग में कार्बन कण अधिक होते हैं. यह लंग्स के लिए खतरनाक होते हैं. स्मॉग होने पर घर से बाहर ना निकले. यदि बाहर निकलेना पड़ रहा है तो मास्क पहन कर निकले. इससे काफी हद तक कार्बन कणों से बचा जा सकता है. जिन्हें अस्थमा, ब्रोंकाइटिस या फेफड़ों संबंधित डिसीज है. वो सावधानी बरतें.



Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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