Stubble Burning: यहां सरकार ने किसानों पर लगाया इतने लाख जुर्माना, पराली जलाने का ग्राफ 46% तक घटा
पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ स्टेट गवर्नमेंट सख्ती बरत रही हैं. हरियाणा सरकार ने पराली जलाने वाले किसानों पर लाखों रुपये जुर्माना लगाया है. उधर पंजाब में हालात अभी भी चिंताजनक हैं.
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Stubble Management: पराली जलाने से प्रदूषण का खतरा होता है. जमीन की उर्वरक क्षमता भी खत्म होती है. पिछले कुछ सालों में पराली अधिक जलाने से हालात खराब हुए हैं. हालांकि सभी स्टेट गवर्नमेंट की सख्ती से पराली जलाने के मामले में भी घट गए हैं. अकेले Haryana में ही पराली जलाने की घटनाओं में कमी दर्ज की गई है. हरियाणा गवर्नमेंट पराली जलाने वालों पर जुर्माना भी लगा रही है. वहीं, Punjab में अभी भी पराली जलाई जा रही है. अधिकारियों का कहना है कि पिछले साल के मुकाबले इस साल पराली कम जलाई गई है. सभी जिलों में पराली जलाने वालों पर सख्ती बरतनी शुरू कर दी गई है
26 लाख लगा जुर्माना
हरियाणा में 24 घंटे में 30 से 40 केस ही पराली जलाने के सामने आ रहे हैं. वर्ष 2021 में हरियाणा में पराली जलाने के कुल 6464 जगह पराली जलाने के केस दर्ज हुए. वहीं, इस साल यह संख्या अभी तक 3491 जगह पराली जलती मिली है. पिछले साल और इस साल के आंकड़ों की तुलना करें तो पराली जलाने के मामलों में 46 प्रतिशत कमी दर्ज की गई है.. हरियाणा गवर्नमेंट के अधिकारियों का कहना है कि अच्छी बात है कि किसान पराली कम जला रहे हैं. लेकिन स्टेट गवर्नमेंट पराली जलाने के आंकड़ों को जीरो पर लेकर आएगी.
पंजाब में 55 हजार तक आंकड़े पहुंचने का अनुमान
हरियाणा में सख्ती का असर जमीन पर दिख रहा है. लेकिन पंजाब में सख्ती उतनी कारागर नहंी हो रही है. पंजाब में अभी तक पराली जलाने के मामले 49 हजार से अधिक हो गए हैं. वहीं, एक्सपर्ट का कहना है कि जिस हिसाब से पंजाब में पराली जा रही है. इस सीजन में आंकड़ा 55 हजार तक पहुंचने का अनुमान है. अकेले रविवार को पराली जलाने के करीब 368 मामले सामने आए है.
पराली जलाने के ये रहे आंकड़े
पिछले कुछ सालों के आंकड़ों पर गौर करें तो 15 सितंबर से 20 नवंबर, 2020 तक 75,986 केस सामने आए. 2021 में इसी अवधि में 70,711 केस रिपोर्ट किए गए. इस साल पंजाब में अभी तक 49,283 मामले ही अभी तक दर्ज किए गए हैं. एक्सपर्ट अंदेशा जता रहे हैं कि जिस हिसाब से सरकार कदम उठा रही है. उससे आने वाले सालों में पराली जलाने के केसों में कमी दर्ज की जाएगी. कई मीलियन टन पराली सर्दियों में जलाई जाती है. इससे कार्बन कण हवा में तैरने लगते हैं. डॉक्टरों का कहना है कि पराली में मौजूद कार्बन के कणों से सांस की बीमारियों के होने का खतरा रहता है. पराली का असर जिन क्षेत्रों में अधिक दिख रहा है. वहां लोगों को अधिक सावधानी बरतने की जरूरत है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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