Subsidy Scheme In Bihar: देश के किसान बागवानी पर निर्भर रहते हैं. उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, मध्य प्रदेश समेत सभी राज्यों में बागवानी की जाती है. किसान लाखों रुपये की इनकम करते हैं. वहीं, राज्य सरकारों के स्तर से भी किसानों की मदद की जाती है. वहीं, अब बिहार सरकार ने किसानों की मदद के लिए बड़ा कदम उठाया है. राज्य सरकार जहां बागवानी के लिए किसानों को फ्री पौधे देगी, वहीं मोटी सब्सिडी भी किसानों को दी जाएगी. राज्य सरकार की योजना से किसान खासे खुश हैं.
ऐसे मिलेंगे किसानों को फ्री पौधे
बिहार सरकार के अधिकारियों का कहना है कि नालंदा जिले में प्राइवेट जमीन पर 15 हेक्टेयर में आम का बगीचा कोई किसान करता है तो उसे फ्री पौधे दिए जाएंगे. सघन बागवानी मिशन के तहत 10 हेक्टेयर में आम का बगीचा लगाने का टारगेट तय किया गया है, एक किसान 8 कट्ठा और अधिक से अधिक एक हेक्टेयर में पौधे लगा सकते हैं. 5 हेक्टेयर में अमरूद और 5 हेक्टेयर में केला और बाग लगाने वाले किसानोें को भी अनुदान दिया जाएगा.
पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर चयन
किसानों इसका लाभ पाने के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. इसमें पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर चयन होगा यानि योजना के तहत जो पहले आवेदन करेगा. उसे ही योजना का लाभ मिलेगा. द्यान विभाग के पोर्टल (horticulture.bihar.gov.in) पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं.
इस तरह खर्च होगी धनराशि
राज्य सरकार के अनुसार, 50 प्रतिशत सब्सिडी के बाद प्रति हेक्टेयर 50,000 रुपये के प्रोजेक्ट पर तीन किस्तों में धनराशि खर्च होनी है. पहले वर्ष में 60 प्रतिशत तक धनराशि मिलेगी. यह 30,000 रुपये तक होगी. एक हेक्टेयर में लगाए जाने वाले 400 पौधों की कीमत 29,000 रुपये होगी. शेष धनराशि किसान के खाते में भेज दी जाएगी. दूसरे साल में 10 हजार, तीसरे साल में भी 10 हजार रुपये ही सब्सिडी मिलेगी. हालांकि इस दौरान पौधों का स्वस्थ्य रहना जरूरी है. मुख्यमंत्री बागवानी मिशन के तहत 5 हेक्टेयर में आम का बाग लगाया जाना है. प्रति हेक्टेयर 100 पौधों पर 18 हजार रुपये खर्च होंगे. आम की प्रजाति में मालदाह, गुलाब खास, आम्रपाली, मल्लिका, बंबइया शामिल है.
ये डॉक्यूमेंट हैं जरूरी
किसानों के लिए कुछ डॉक्यूमेंट भी जरूरी है. आवेदन के साथ जमीन की रसीद, पहचान पत्र, आधार कार्ड, पोसपोर्ट साइज पफोटो, बैंक पासबुक की डिटेल भरनी होगी. डॉक्यूमेंट न होने की स्थिति में किसान को पात्र नहीं माना जाएगा.