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Success Story: अकाउंटेंट से बने किसान, मिलिट्स के एग्री बिजनेस ने दिलाई देश-दुनिया में पहचान

Successful Farmer: दिल्ली में अंकाउंटेंट रहे केवी रामा सुब्बा रेड्डी आज मिलिट्स के रेडीमेड फूड प्रोडक्ट्स की नामी एग्रो कंपनी सत्व मिलिट एंड फूड प्रोडक्ट्स के मालिक हैं. यहां जानिए इनकी सफलता की कहानी

Millet Man of Andhra Pradesh: भारत के प्रस्ताव पर साल 2023 को पूरी दुनिया अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष के तौर पर मनाने जा रही है. इस कार्यक्रम का मेन फोकस लोगों को मिलिट्स यानी मोटे अनाजों के बारे में जागरूक करने पर रहेगा. बता दें कि पोषक अनाज कभी हमारी थाली का अहम हिस्सा हुआ करता था. हमारे पूर्वजों को आरोग्य का वरदान इन मोटे अनाजों से मिला, लेकिन जागरुकता की कमी की वजह से इनका हमारे आहार में इस्तेमाल कम होने लगा. आज बीमारियों के दौर में इन्हें दोबारा आहार से जोड़ने की कवायद की जा रही है.

इस काम में हमारे किसान, एग्री बिजनेस और एग्री स्टार्टअप के साथ सरकार भी जोरों-शोरों से काम कर रही है. इस मुहीने ने नौकरी-पेशा करने वाले युवाओं को भी अपनी तरफ आकर्षित किया है. ऐसे ही पेशेवर है केवी रामा सुब्बा रेड्डी, जिन्हें आज आंध्र प्रदेश के मिलिट मैन के नाम से जानते हैं. कभी दिल्ली में अकाउंटेंट रहे केवी रामा सुब्बा रेड्डी आज मिलिट्स के रेडीमेड फूड प्रोडक्ट्स की नामी  एग्रो कंपनी सत्व मिलिट एंड फूड प्रोडक्ट्स के मालिक है और बाजार में होल ग्रेन्स की दूसरी नामी कंपनियों रेनाडु और मिबल्स को कड़ी टक्कर दे रहे हैं. 

संघर्षों से हुई शुरुआत
हर सफलता की कहानी का एक फ्लैशबैक जरूरी होता है. केवी रामा सुब्बा रेड्डी के पास भी ऐसी ही एक संघर्ष भरी कहानी है, जिसने आज उन्हें मिलिट्स का सुपर हीरो बना दिया है. काफी लंबे समय तक दिल्ली में अकांउटेंट की नौकरी करने के बाद केवी रामा सुब्बा रेड्डी अपने पैतृक गांव नंदयाल चले गए और अपनी ही जमीन पर माता-पिता और दो भाईयों के साथ मोटे अनाजों की खेती करने लगे. कुछ समय बाद ही बाजरा की प्रोसेसिंग चालू कर दी और बाजार में एक उद्यमी बनकर उतर आए. उस समय सुब्बा रेड्डी की कंपनी ने अपोलो हॉस्पिटल के मरीजों को पोषक अनाजों से बना सप्लाई करना चालू किया. इसी का नतीजा है कि मिलिट्स की दो बड़ी कंपनियां मिबल्स और रेनाडु को भी टक्कर दे रहे हैं. हर फूड एक्जीबीशन या मिलिट्स से जुड़े हर प्रोग्राम में सुब्बा रेड्डी की कंपनी सत्व मिलिट्स के प्रोडक्ट्स खूब नजर आते हैं.

यहां से मिली प्रेरणा
अकाउंटेंट से आज कृषि उद्यमी बने केवी रामा सुब्बा रेड्डी के पास एमबीए और एफसीएमए की डिग्री के साथ कॉर्पोरेट का 27 साल का एक्सपीरियंस भी है, जो उन्हें आज एग्री बिजनेस में पैसा और नाम कमाने में मदद कर रहा है. केवी रामा सुब्बा रेड्डी बताते हैं कि कई सालों से उनका रुझान गांव की तरफ बढ़ ही रहा था. इस पर अधिक सोचने के बाद साल 2014 में पण्यम मंडल के अनुपुरु गांव में 20 एकड़ जमीन खरीद ली, जो आज नंदयाल जिले में स्थित है. जमीन खरीदने के बाद वापस ऑफिस लौट आए, लेकिन मन हमेशा कुछ अलग करने का रहा, इसलिए काम के बीच-बीच में वापस लौटकर प्राकृतिक खेती करने लगे. इस बीच केवी रामा सुब्बा रेड्डी ने प्राकृतिक विधि से अनाज, अमरूद और केला का प्रोडक्शन लिया. साल 2017 के बाद वो हमेशा के लिए अपने गांव लौट आए और भारत के 'भारत के मिलिट मैन खादर वल्ली' (Millet Man of India) से प्रेरित होकर मिलिट्स की खेती करने का मन बनाया.


Success Story: अकाउंटेंट से बने किसान, मिलिट्स के एग्री बिजनेस ने दिलाई देश-दुनिया में पहचान

70 एकड़ जमीन पर की मिलिट्स की खेती
कई आशाओं के साथ केवी रामा सुब्बा रेड्डी ने मिलिट्स की खेती चालू की. अपनी 70 एकड़ जमीन पर माता-पिता और दो भाईयों के साथ प्राकृतिक खेती करके रागी, ज्वार, बाजरा के अलावा ब्राउनटॉप, फॉक्सटेल, लिटिल मिलिट, कोदो की खेती करने लगे. इसके बाद मिलिट्स की खेती सिर्फ उत्पादन तक सीमित नहीं रही. किसानों को मिलिट्स के प्रति जागरुक करने के लिए आरएआरएस नंदयाल के माध्यम से करीब 4000 एकड़ में पोषक अनाजों के बीजों की सप्लाई करने लगे. किसानों को इन पोषक अनाजों के बारे में बताया और उन्हें फसल के सही दाम दिलवाने के लिए बिचौलियों का भी झंझट खत्म कर दिया. इसके लिए केवी रामा सुब्बा रेड्डी ने अपने भाईयों के साथ मिलकर कृषि उद्यम यानी एग्री बिजनेस की यूनिट भी चालू कर दी. 

कोविड लॉकडाउन में ठप हुआ कारोबार
सुब्बा रेड्डी बताते हैं कि इस यूनिट के फंडिंग अपने पुराने से मिली. जब पुराने बॉस को मिलिट्स के बारे में बताया तो खूब प्रोत्साहन के साथ निवेश करने को राजी हो गए, हालांकि ये बिजनेस 10 से 15 लाख में चालू होना था, लेकिन डीपीआर 1.5 करोड़ का था. संघर्ष यहीं खत्म नहीं हुए, मार्च 2020 में प्रोडक्शन यूनिट लगाने के बाद कोविड लॉकडाउन अनाउंस हो गया और यूनिट को 6 महीने के लिए बंद करना पड़ा. लॉकडाउन खुलने पर नई शुरुआत की और कच्चे माल की आपूर्ति के लिए किसान उत्पादक संगठनों के साथ कांट्रेक्ट भी कर लिया. साल 2021-22 में वापस के बाद अपनी यूनिट मे साबुत अनाज के साथ होल ग्रेन मिलिट साइस, उपमा रवा, इडली रवा और पोषक अनाजों से भी फॉक्सटेल बिस्कुट, ब्राउनटॉप बिस्कुट, ज्वार बिस्कुट, रागी बिस्कुट, मुरुकु, चिड़वा, रागी माल्ट, मल्टी-बाजरा लड्डू, हेल्थ मिक्स, मल्टी-बाजरा खिचड़ी मिक्स आदि बनाने लगे.

मिला बेस्ट स्टार्ट अप का अवॉर्ड 
पोषक अनाजों को बढ़ावा देने के लिए लगातार काम चलता रहा. इस बीच केवी रामा सुब्बा राव अपनी कंपनी सत्व मिलिट्स और फूड प्रोडक्ट्स के जरिए प्रोटीन फूड बनाते रहे. इनकी यूनिट में बने प्रोडक्ट्स की खास बात यह थी कि ज्यादातर ग्लूटन फ्री प्रोडक्ट्स थे, जो सेहत के लिए हर तरह फायदेमंद रहते हैं. यही वजह है कि आज देशभर में सत्व मिलिट्स के फूड प्रोडक्ट्स पंसद किए जा रहे हैं. बड़े पैमाने पर मिलिट्स प्रोडक्ट्स की आपूर्ति के लिए केवी रामा सुब्बा रेड्डी को ANGRAU- RARS नंदयाल से 'सर्वश्रेष्ठ प्रगतिशील किसान' पुरस्कार और हैदराबाद के ICAR-IIMR से 'सर्वश्रेष्ठ स्टार्टअप किसान कनेक्ट' अवॉर्ड मिल चुका है. सफलता की ऊंचाईयों को छूने के बाद केवी रामा सुब्बा रेड्डी ने अपनी सफलता श्रेय अपनी बेटी श्वेता को दिया. वो बताते हैं कि उनकी बेटी ही ज्यादातर फूड प्रोडक्ट्स डिजाइन करती है. किसानों से सीधा खरीदकर बनाए गए ये फूड प्रोडक्ट्स ना सिर्फ ग्राहक की सेहत के लिए बल्कि किसानों के लिए भी फायदेमंद हैं.

Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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