Success Story: मोटे अनाजों से बना दिये कमाल के फूड़ प्रॉडक्ट्स, 7,000 किसानों के दम पर चलता है शर्मिला का प्रोसेसिंग बिजनेस
Millets Food Processing: शर्मिला ओसवाल ने मोटे अनाजों की जैविक खेती के लिये अहम योगदान दिया है. साथ ही पोषक अनाजों से हेल्दी और टेस्टी फूड प्रॉडक्ट बनाकर कई महिलाओं और किसानों को आत्मनिर्भर बनाया है.
Food Processing Business: आज भारत आधुनिकता की तरफ बढ़ रहा है. चाहे खेती हो या फूड प्रोसेसिंग, इन दोनों ही कामों से जुड़कर आज कई किसानों, युवाओं और महिलाओं को सफलता मिली है. जब खेती में मुनाफा कम होने लगता है तो बाजार मांग के हिसाब से खाद्य प्रसंस्करण यानी फूड प्रोसेसिंग (Food Processing) करने की सलाह दी जाती है. इस तरह खेती के साथ-साथ तमाम फूड प्रॉडक्ट्स बनाकर बेचने पर बाजार में काफी अच्छे दाम मिल जाते हैं. खाद्य प्रसंस्करण से जुड़े इस काम में महिलायें भी बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही हैं और आत्मनिर्भर बनकर दूसरों को भी रोजगार दे रही हैं. इन्हीं महिलाओं की लिस्ट में शामिल है शर्मिला ओसवाल (Sharmila Oswal) का नाम.
विदेश से वापसी के बाद किया बिजनेस
आज शर्मिला बेसिलिया ऑर्गेनिक्स नाम की कंपनी चला रही हैं. इन्होंने ना सिर्फ मोटे अनाजों की खेती के क्षेत्र में अहम योगदान दिया है, बल्कि पोषक अनाजों से हेल्दी और टेस्टी फूड प्रॉडक्ट बनाकर देश-विदेश में ख्याति पाई है. कभी कनाडा और इंग्लैंड जैसे देशों में रह चुकी शर्मिला ओसवाल आज भारत में मोटे अनाजों की खेती और इसकी प्रोसेसिंग के लिए किसानों से लेकर महिलाओं को प्रोत्साहित कर रही हैं. स्वदेश लौटने के बाद आज 20 साल बाद भी शर्मिला ओसवाल किसानों के साथ बीज की क्वालिटी, मोटे अनाजों के बेहतर उत्पादन, फूड सिक्योरिटी और सिंचाई जैसे मुद्दों पर काम कर रही हैं. इतना ही नहीं, वो किसान और महिलाओं को मोटे अनाजों की खेती के साथ-साथ उसकी प्रोसेसिंग की भी ट्रेनिंग दे रही है.
खुद को बताया मिट्टी की बेटी
मोटे अनाजों की खेती और उसके प्रसंस्करण के क्षेत्र में अपार सफलता हासिल करने वाली शर्मिला ओसवाल बताती हैं कि 'मैं मिट्टी की बेटी हूं और मुझे मिट्टी से बहुत लगाव है. यही चीज मुझे विदेशों से खींचकर भारत ले आईं.' जानकारी के लिए बता दें कि आज शर्मिला के बिजनेस से महाराष्ट्र के विदर्भ से लेकर गुजरात और राजस्थान के किसान तक जुड़े हुये हैं. इन किसानों में नई उमंग भर के शर्मिला ने मोटे अनाजों की खेती के लिए प्रोत्साहित किया है. इतना ही नहीं, मेघालय जैसे राज्य में भी उन्होंने महिलाओं के साथ मिलकर मोटे अनाजों की खेती और उनके मूल्य संवर्धन पर काफी काम किया है.
फूड प्रोसेसिंग कर बनाए स्वादिष्ट उत्पाद
शर्मिला ओसवाल अपने फूड प्रोसेसिंग यूनिट में मोटे अनाजों से नूडल, लड्डू, सेव, नमकीन, बिस्किट जैसे कई स्वादिष्ट और रोजाना खाए जाने वाले हेल्दी प्रॉडक्ट्स बना रही हैं. इससे उन्हें अच्छी आमदनी तो होती ही है, साथ ही इस बिजनेस से जुड़कर दूसरी महिलाओं के जीवन स्तर में भी सुधार आ रहा है. मोटे अनाजों की प्रोसेसिंग करने के साथ-साथ शर्मिला उनसे बने उत्पादों की पैकेजिंग और फूट ग्रेडिंग पर भी काफी फोकस करती हैं. इसके लिए उन्होंने कई किसान और महिलाओं को ट्रेनिंग भी दी है.
मोटे अनाजों की जैविक खेती
शर्मिला ओसवाल ने खेती और प्रसंस्करण के क्षेत्र में यूं ही नाम नहीं कमाया, बल्कि उनके यहां फूड प्रोसेसिंग के लिए जैविक विधि (Organic Farming) से उगाये गये मोटे अनाजों (Millets farming) का इस्तेमाल किया जाता है. आज शर्मिला प्रोसेसिंग के साथ-साथ खेती से अच्छा क्वालिटी उत्पादन हासिल करने के लिये किसानों को जैविक खेती करने के लिए प्रेरित कर रही हैं. इसके लिए वह किसानों को जैविक अर्क बनाने की भी ट्रेनिंग देती है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अभी तक शर्मिला ओसवाल जैविक खेती की ट्रेनिंग और फूड प्रोसेसिंग बिजनेस से करीब 7000 किसान को लाभान्वित कर चुकी है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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