एक्सप्लोरर

Success Story: बंजर पड़ी जमीन पर लगाये चंदन-रुद्राक्ष और अंजीर के पौधे, 71 की उम्र में भी जैविक खेती से कमाते हैं लाखों

Organic Farming: ऐसी शायद ही कोई फसल हो, जो रतन लाल डागा के खेतों में पैदा न होती है. यहां 7 से 8 किसान परिवारों से 15 लोगों की टीम भी खेती में हाथ बटाती है. साथ-साथ 21 गायों की देखभाल भी हो रही है.

Organic Farming in Rajasthan: रसायनों से बंजर होती धरती के लिये जैविक खेती (Organic Farming) वरदान बन रही है. अब बंजर जमीन पर जैविक खेती कर तमाम फसलों की अच्छी पैदावार ली जा रही है, हालांकि रसायनिक खेती करने वाले किसानों को जैविक खेती अपनाने में कुछ समस्यायें आती हैं. ऐसी कई समस्याओं से गुजर चुके हैं 71 साल के बीएससी डिग्रीधारक किसान रतन लाल डागा(Ratan Lal Daga). जैविक खेती के साथ एक लंबा सफर तय करके नुकसान को कम करके अपनी आमदनी को बढ़ा लिया है.

वो बताते हैं कि रसायनों का इस्तेमाल बंद करने पर उन्हें 2 साल तक सही उत्पादन नहीं मिल पाया, जिससे खेती में घाटा भी हुआ, लेकिन जैविक खेती करते रहने पर आज उन्होंने अनाज के लेकर फल, सब्जी मसाले और यहां तक की अंजीर, रुद्राक्ष और चंदन की खेती (Sandalwood farming) भी अच्छा मुकाम हासिल कर लिया है. जोधपुर के मथानिया कस्बा में उन्होंने 150 बीघा जमीन पर अपना फार्म हाउस बनाया है. यहां वो खुद तो 1976 से खेती कर ही रहे हैं, साथ ही अपने साथ किसानों के 8 परिवारों को भी जोड़ लिया है. उनके खेत पुराने समय से लेकर आज तक देश-विदेशी विशेषज्ञों, किसानों और खेती सीखने वाले लोगों का तांता लगा रहता है. रिपोर्ट्स की मानें तो अब तमाम फसलों की जैविक खेती करके रतन लाल डागा सालाना करीब 20 लाख रुपये की आमदनी ले रहे हैं.

खेती में हुआ घाटा
71 साल के रतन लाल डागा ने करीब 1976 में खेती-किसानी में कदम रखा. बीएससी ग्रेजुएट डागा पहले रसायनिक खेती करते थे.  उस समय फसलों का उत्पादन और गुणवत्ता दोनों ही गिरने लगे. मिट्टी को रसायनों की आदत लग चुकी थी. इस बीच फल और सब्जियां भी कीट-रोगों की शिकार होने लगीं. कीटनाशकों के बावजूद फसलों पर कोई असर नहीं हुआ. धीरे-धीरे मिट्टी की उपजाऊ शक्ति गिरने लगी और खेत बंजर होने लगे.

जब उजड़ते हुये खेतों की समस्या चरम पर पहुंची तो जब पूरी तरह जैविक खेती करने का फैसला किया. इससे भी शुरू के दो साल तक खेती घाटे में ही रही, क्योंकि रसायनों के कारण मिट्टी काफी हद तक खराब हो चुकी थी. जब लगातार 3 साल तक जैविक खाद का इस्तेमाल करके फसलें लगाईं तो खेतों में केंचुए, मित्रकीट और जीवाशों की संख्या बढ़ने लगी और मिट्टी की उर्वरत वापस लौट आई. इसके बाद रतन लाल डागा ने फसल चक्र बदलकर 3 से 4 फसलें लगाने का फैसला किया. 

आम लोगों तक पहुंचाये जैविक उत्पाद
जब रतन लाल डागा ने 3 से 4 जैविक खेती पर ही ध्यान दिया तो बाजार में इन उत्पादों को काफी पसंद किया जाने लगा. जब लोग इनसे फल, सब्जी और जैविक मसालों की मांग करने लगे तो अनाज के साथ बागवानी और तिलहन की खेती भी शुरू कर दी. इनके प्रयासों से प्रभावित होकर जैविक उत्पाद खरीदने वाले एक परिवार ने जोधपुर में एक दुकान खरीदकर दे दी. इसके बाद इनके खेतों से निकले जैविक उत्पाद सीधा आम जनता तक पहुंचने लगे.

आज रतन लाल डागा के खेतों से निकलने वाले जैविक उत्पादों की इतनी डिमांड है कि लोगों को एडवांस में बुकिंग करवानी पड़ती है. इस तरह माल को बेचने के लिये मंडियों और गोदाम के चक्कर नहीं काटने पड़ते, बल्कि सीधा ग्राहकों को लाभ पहुंचाया जाता है. ये सिर्फ जैविक खेती ही नहीं करते, बल्कि बैंगन, फूलगोभी, धनिया, गाजर, ग्वार, लौकी, तुरई, मिर्च, गेंहू व सरसों के बीज तैयार करके किसानों में भी बांटते हैं.

यहां होती है अनोखी जैविक खेती
आज जैविक किसान रतनलाल डागा के फार्म हाउस पर खेती के साथ-साथ 21 गौवशों की देखभाल भी होती है. यही से दूध, छाछ, गोबर और गोमूत्र लेकर जैविक और प्राकृतिक खाद-उर्वरक बनाये जाते हैं. इन खाद-उर्वरकों को बनाने में पेड़ों की पत्तियों, फसल के अवशेष, घास-फूस के कचरे और भूसे से वर्मी कंपोस्ट तैयार की जाती है. वहीं कीटनाशक के लिये तुम्बा, लहसुन, ऐलोवेरा, करंज, आक, धतूरा, सहजना, सीताफल, नीम सोना मुखी की पत्तियों का प्रयोग किया जाता है.

साथ ही गोमूत्र के साथ गाय का दूध, छाछ व हींग, काली मिर्च, लाल मिर्च, हल्दी से भी कीट नियंत्रण का काम होता है. इनके खेतों में अब रसायनों का कोई काम नहीं होता. डागा अब अरंडी की खेती भी कर रहे हैं, जिनसे फलों का उत्पादन लेकर तेल निकालते हैं और बाजार में बेचते हैं. अरंडी का तेल निकालने के बाद बची खली का इस्तेमाल दोबारा खेतों में खाद के तौर पर किया जाता है.

बंजर जमीन पर उगाये चंदन-रुद्राक्ष और अंजीर
एक समय वो भी था, जब रसायनों का इस्तेमाल करने के कारण खेत बिल्कुल बंजर हो चुके थे, लेकिन आज इसी जमीन पर चंदन, रुद्राक्ष, अंजीर और चीकू के पेड़-पौधे लहलहा रहे हैं. इसकी जमीन पर नीम के 297, रोहिड़ा के 30, गुंदे के 81 समेत चंदन, मौसमी, सीताफल, बेर, जामुन, नारंगी के पेड़ों के साथ-साथ मेंहदी की झाडियां भी है.

खाद्यान्न से लेकर दलहन, तिलहन, सब्जी, फल और मसालों से लेकर आज रतन लाल डागा के खेतों से हर्बल चाय (Herbal Tea Farming) का भी अच्छा-खासा प्रॉडक्शन मिल रहा है. इसके खेतों में बीजों का उत्पादन भी किया जाता है. ऐसी शायद ही कोई फसल हो, जो रतन लाल डागा के खेतों में पैदा ना होती है. इनके इस लंबे-चौड़े काम में 7 से 8 किसान परिवारों से 15 लोगों की टीम भी हाथ बटाती हैं. आज इनके फार्म पर खेती के साथ-साथ 21 गायों की देखभाल (Cow farming) भी हो रही है.

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारियों पर आधारित है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

इसे भी पढ़ें:-

इस तरह बनता है व्रत का साबूदाना, बस खाने से पहले असली-नकली की पहचान कर लें, बड़ी मिलावट चल रही है

Stubble Management: बडे़ काम की होती है बारिश में भीगी हुई पराली, ये उपाय करने पर डबल दाम पर बिकेगी

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

Maulana Tauqeer Raza: ‘अंदर ही अंदर भर रहा लावा, किसी दिन फट जाएगा ज्वालामुखी’, तौकीर रजा ने मुस्लिमों से कर दी ये अपील
‘अंदर ही अंदर भर रहा लावा, किसी दिन फट जाएगा ज्वालामुखी’, तौकीर रजा ने मुस्लिमों से कर दी ये अपील
नतीजों से पहले शिवसेना प्रवक्ता का बड़ा दावा, 'एकनाथ शिंदे ही मुख्यमंत्री होंगे लेकिन...'
नतीजों से पहले शिवसेना प्रवक्ता का बड़ा दावा, 'एकनाथ शिंदे ही मुख्यमंत्री होंगे लेकिन...'
IND vs AUS: कप्तान जसप्रीत बुमराह ने पहले टेस्ट में कर दिया क्लियर, एकतरफा नहीं होगी बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी की यह सीरीज
कप्तान जसप्रीत बुमराह ने पहले टेस्ट में कर दिया क्लियर, एकतरफा नहीं होगी बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी की यह सीरीज
'वो अभी भी शादीशुदा हैं', एआर रहमान-सायरा बानो के तलाक पर वकील का खुलासा, हैशटैग वाले मामले पर दी सफाई
'वो अभी भी शादीशुदा हैं', एआर रहमान-सायरा बानो के तलाक पर वकील का खुलासा
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

Gautam Adani Bribery Case Update: अदाणी ग्रुप पर आरोपों का चीन कनेक्शन?Delhi-NCR में प्रदूषण को लेकर Supreme Court का केंद्र सरकार को बड़ा निर्देश | PM ModiDelhi BJP Meeting : संगठन चुनाव को लेकर दिल्ली में बीजेपी की बड़ी बैठक जारी | Breaking NewsPunjab Police Encounter : आतंकी लखबीर सिंह के दो गुर्गों का पुलिस से एनकाउंटर | Breaking News

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
Maulana Tauqeer Raza: ‘अंदर ही अंदर भर रहा लावा, किसी दिन फट जाएगा ज्वालामुखी’, तौकीर रजा ने मुस्लिमों से कर दी ये अपील
‘अंदर ही अंदर भर रहा लावा, किसी दिन फट जाएगा ज्वालामुखी’, तौकीर रजा ने मुस्लिमों से कर दी ये अपील
नतीजों से पहले शिवसेना प्रवक्ता का बड़ा दावा, 'एकनाथ शिंदे ही मुख्यमंत्री होंगे लेकिन...'
नतीजों से पहले शिवसेना प्रवक्ता का बड़ा दावा, 'एकनाथ शिंदे ही मुख्यमंत्री होंगे लेकिन...'
IND vs AUS: कप्तान जसप्रीत बुमराह ने पहले टेस्ट में कर दिया क्लियर, एकतरफा नहीं होगी बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी की यह सीरीज
कप्तान जसप्रीत बुमराह ने पहले टेस्ट में कर दिया क्लियर, एकतरफा नहीं होगी बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी की यह सीरीज
'वो अभी भी शादीशुदा हैं', एआर रहमान-सायरा बानो के तलाक पर वकील का खुलासा, हैशटैग वाले मामले पर दी सफाई
'वो अभी भी शादीशुदा हैं', एआर रहमान-सायरा बानो के तलाक पर वकील का खुलासा
इस राज्य में होगी सरकारी डॉक्टरों की भर्ती, यूपीएससी के जरिए भरे जाएंगे पद
इस राज्य में होगी सरकारी डॉक्टरों की भर्ती, यूपीएससी के जरिए भरे जाएंगे पद
Vidhan Sabha Chunav Results 2024: कहां है शिवसेना-शिवसेना और NCP-NCP में कांटे की टक्कर, BJP-JMM में भी कड़ा मुकाबला, ये रहीं महाराष्ट्र और झारखंड की सारी VIP सीटें
कहां है शिवसेना-शिवसेना और NCP-NCP में कांटे की टक्कर, BJP-JMM में भी कड़ा मुकाबला, ये रहीं महाराष्ट्र और झारखंड की सारी VIP सीटें
Gold Loan: RBI को गोल्ड लोन देने में मिली गड़बड़ी, ईएमआई और टर्म लोन की ओर रुख कर सकते हैं लेंडर्स
RBI को गोल्ड लोन देने में मिली गड़बड़ी, ईएमआई और टर्म लोन की ओर रुख कर सकते हैं लेंडर्स
पीएम आवास योजना की लिस्ट में नहीं आ रहा है नाम? जान लें कैसे करना है आवेदन
पीएम आवास योजना की लिस्ट में नहीं आ रहा है नाम? जान लें कैसे करना है आवेदन
Embed widget