Lumpy Animal Disease: भारत के कई राज्यों में लंपी स्किन डिजीज दुधारु पशुओं पर कहर बरपा रही है. खासकर राजस्थान, गुजरात, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब समेत कई राज्यों में अलर्ट (Lumpy Disease Alert in India) जारी कर दिया गया है. इस बीमारी से हजारों गायों की जान जा रही है, जिससे पशुपालकों में भी तनाव का माहौल है.


इस समस्या से दुधारु पशुओं को छुटकारा दिलाने के लिये पशुपालक हर संभव कोशिशों में लगे है. इसी बीच बाड़मेर के एक पशुपालक ने अपने गौवंशों को बचाने के लिये देसी नुस्खा (Home Remedies for Lumpy Skin Disease) आजमाया है, जिसके बाद गायों की सेहत में काफी सुधार हुआ है. 


लंपी त्वचा रोग के लक्षण (Symptoms of Lumpy Skin Disease) 
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बाड़मेर के नागाराम चौधरी के पास चाय गाय हैं, जो पिछले दिनों लंपी त्वचा रोग की चपेट में आ गई थी. इन गायों ने शुरुआत में दूध देना बंद कर दिया और बाद में तेज बुखार के कारण गायों की भूख भी खत्म हो गई.


इस बीमारी के इलाज के लिये नागाराम चौधरी ने पशु चिकित्सालय से भी संपर्क किया, लेकिन उसके इलाज का कोई असर नहीं हुई. इसके बाद नागाराम चौधरी और उनके परिवार ने घर पर ही देसी इलाज शुरु किया और सुबह से शाम तक गायों की देखभाल के लिये एक खास रुटीन भी फॉलो किया.


ये है लंपी त्वचा रोग का देसी इलाज (Desi Remedies for Lumpy Skin Disease)
गौवंशों की देखभाल के लिये नागाराम चौधरी और उनके परिवार ने नीम की पत्तियों(Neem Leaves) , फिटकरी से साफ-सफाई और पशु आहार में गायों को हल्दी और रोटी देना शुरु किया.



  • सबसे पहले सुबह तड़के 5 बजे गायों को चारा और पशु आहार दिया गया, जिसमें हल्दी और दलिया के साथ-साथ रोटी के टुकड़े खिलाये जाने लगे.

  • मक्खी-मच्छर और वायरस का प्रकोप दूर करने के लिये शुरुआती 15 दिनों तक उन्होंने गायों के आस-पास और उनके तबेले में नीम की पत्तियों का धुंआ दिया.

  • गायों को दिन में तीन बार फिटकरी के पानी से नहलाकर इसका स्प्रे भी तैयार किया गया.

  • कुछ दिनें तक यही रुटीन फॉलो करने पर एक-एक करके गायों की सेहत में सुधार आने लगा.

  • फिलहाल नागाराम चौधरी की दो गाय लंपी त्वचा रोग (Lumpy Skin Disease)  से ग्रस्त हैं और उनकी देखभाल जारी है


Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारियों पर आधारित है. ABPLive.com किसी भी तरह की जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.


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