Sugar Free Rice Production: देश के किसान अच्छी प्रजाति के बीजों की बुवाई कर उन्नत खेती करते हैं. किसानों की कोशिश करहती है कि उन्हें अच्छी उपज मिले. वहीं वैज्ञानिक भी लोगों की सेहत को देखते हुए अनाज की विभिन्न प्रजातियों को विकसित करते हैं. वहीं, शुगर पेशेंट के साथ दिक्कत रहती है कि मीठा युक्त कोई भी खाना ऐसे पेशेंट नहीं खा पाते हैं. उनकी डाइट में शर्करा की मात्रा का सही उपयोग करना बेहद जरूरी है. चावल में शुगर की मात्रा खासी अधिक होती है, इसलिए उन्हें ये चावल नहीं खाने की सलाह दी जाती है. 


चावल उत्पादन को लेकर हुआ एमओयू


मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, चावल उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान(IRRI) और उत्तर प्रदेश 4 कृषि विश्वविद्यालयों के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर हुए हैं. इस समझौते के अंतर्गत चावल आधारित कृषि खाद्य प्रणाली को विकसित कर गुणत्तापरक बनाया जाएगा. आचार्य नरेंद्र देव कृषि और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, बांदा कृषि और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, कानपुर की चंद्रशेखर कृषि और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. 


विकसित होगी शुगर फ्री चावल प्रजाति


इस एमओयू का मकसद शुगर फ्री चावल विकसित करना भी रहेगा. अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान और वाराणसी स्थित संस्थान के दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केंद्र को उत्तर प्रदेश सरकार ने बढ़ते डायबिटीज पेशेंट को देखते हुए इस तरह की प्रजाति विकसित करने का निर्णय लिया है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय चावल शोध संस्थान के महानिदेशक डॉ. जान बेरी ने कहा कि कृषि को विकसित करने के लिए तकनीक का समावेश जरूरी है. कृषि क्षेत्र को बेहतर करना है तो इसमें लगातार रिसर्च होना जरूरी है. 


उत्तर प्रदेश सरकार करेगी सहयोग


उत्तरप्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि यह समझौता एतिहासिक है. इससे चावल की नई नई प्रजातियों को विकसित करने में मदद मिलेगी. यह कृषि और किसानों के भविष्य को संवारने का काम करेगा. राज्य सरकार कृषि, कृषि शिक्षा और कृषि अनुसंधान के क्षेत्र में पूरा सहयोग करेगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिशा-निर्देशन में वर्ष 2018 में अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान की स्थापना की गई थी. अपर मुख्य सचिव कृषि डॉ. देवेश चतुर्वेदी ने कहा कि इन समझौतों से प्रदेश के कृषि विश्वविद्यालय और आईआरआरआई के बीच मजबूत संबंद्ध स्थापित होंगे. इससे कृषि और किसान के विकास में अहम विकास हो सकेगा. 


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