Sugar Price: सुधरेगा रसोई का बजट, आमजन की होगी बल्ले-बल्ले, 2000 रुपये तक कम हो सकते हैं चीनी के दाम
देश में गन्ने का रिकॉर्ड 5 लाख मीट्रिक टन उत्पादन हुआ है. इसका असर आने वाले दिनों में आमजन की रसोई पर देखने को मिलेगा. दरअसल, उत्पादन बढ़ने से चीनी के दामों में गिरावट दर्ज की जा सकती है.
Sugar Price In India: आटे की बढ़ी कीमतों ने केंद्र सरकार की चिंता बढ़ा रखी है. आटे की कीमतों को कम करने के लिए केंद्र सरकार हर संभव कदम उठाने की कोशिश कर रही है. देश में गन्ना का बंपर प्रॉडक्शन हुआ है. देश में गन्ना के अधिक उत्पादन से केंद्र सरकार खुश है. केंद्र सरकार के अधिकारियों के अनुसार, गन्ने से बने उत्पादों की खपत और निर्यात को लेकर वृहद लेवल पर रणनीति तैयार की जा रही है. गन्ने की अधिकता का असर आम लोगों की रसोई पर भी देखने को मिल सकता है. चीनी के दाम घट सकते हैं.
प्रति टन 2000 रुपये किलो सस्ती हो सकती है चीनी
गन्ना वर्ष 2021-22 में गन्ना उत्पादन 5 लाख मीट्रिक टन हो चुका है. मार्केट से जुड़े लोगों का कहना है कि बंपर गन्ना उत्पादन का प्रभाव चीनी की कीमतों पर पड़ सकता है. गर्मियों में चीनी की कीमतों पर इसका बड़ा असर देखने को मिलेगा. अगर यही हाल रहे तो चीनी की कीमतों में रिटेल लेवल पर प्रति टन 2000 रुपये तक कम हो सकती है, जबकि प्रति किलोग्राम यह 2 रुपये होगी. चीनी के दाम 40 रुपये प्रति किलो से नीचे हो सकती हैं. डिपार्टमेंट ऑफ कंज्यूमर अफेयर के रिकॉर्ड अनुसार, शनिवार को देश में चीनी के औसत दाम करीब 42 रुपये रहे. आने वाले दिनों में ये 40 से नीचे हो सकते हैं.
देश में रिकॉर्ड 5,000 लाख मीट्रिक गन्ने की पैदावार
गन्ने की रिकॉर्ड पैदावार का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वर्ष 2021-22 के सत्र में देश में 5,000 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा गन्ने की पैदावार हुई है. इसमें से 3574 एलएमटी गन्ने की चीनी मिलों में पेराई की गई हैं. इससे 394 लाख मीट्रिक टन चीनी (सुक्रोज) पैदा हुई. इसमें से 36 लाख चीनी टन चीनी का प्रयोग एथेनॉल बनाने में किया गया. चीनी मिलों के स्तर से 359 लाख मीट्रिक टन चीनी का उत्पादन किया गया.
चीनी सस्ती होने की ये भी है बड़ी वजह
चीनी सस्ती होने के पीछे बड़ी वजह यह भी है कि चीनी सत्र में 260 से 280 लाख मीट्रिक टन चीनी का उत्पादन का लक्ष्य तय किया जाता है. लेकिन देश में गन्ने की बंपर पैदावार की स्थिति को देखते हुए 320 से 360 लाख मीट्रिक टन तक चीनी उत्पादन हो जाता है. इतना अधिक चीनी उत्पादन होने के कारण भारतीय बाजार में चीनी की खपत कम नहीं पड़ती है. इसी के चलते भारत ब्राजील के बाद विश्व में दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक देश हैं. चीनी मिलों के पास भी काफी स्टॉक बचा रहता है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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