Sugar Production: बिगड़ सकता है रसोई का बजट, महंगी हो सकती है चीनी, ये है वजह
देश में चीनी का बंपर उत्पादन किया जाता है. महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश बड़े चीनी उत्पादक राज्य हैं. इस बार महाराष्ट्र में चीनी उत्पादन कम होने की संभावनाएं हैं. इसका असर चीनी की कीमतों पर पड़ सकता है.
Sugar Production In Maharashtra: भारत में खाद्य भंडार की कोई कमी नहीं है. गेहूं, मक्का, धान समेत अन्य फसलों का बंपर उत्पादन होता है. किसान भी खेती से खूब आमदनी करते हैं. गन्ना उत्पादन में भारत विश्व में बेहतर प्रदर्शन कर रहा है. इसी का नतीजा है कि देश ने चीनी का रिकॉर्ड निर्यात किया है. इसी कारण चीनी की कीमत बढ़ नहीं पाती हैं. लेकिन इस बार इस राज्य से चीनी उत्पादन को लेकर अच्छी खबर नहीं आ रही है. आने वाले दिनों में चीनी उत्पादन में गिरावट दर्ज की जा सकती है. इससे चीनी की कीमतों पर प्रभाव पड़ सकता है. चीनी कुछ महंगी हो सकती है.
महाराष्ट्र में 7 प्रतिशत तक घट सकता है चीनी प्रॉडक्शन
महाराष्ट्र बड़ा चीनी उत्पादक राज्य है. चीनी को लेकर यह देश की बड़ी जरूरत पूरी करता है. वहीं, महाराष्ट्र में उत्पादित हुई चीनी अन्य देशों में भी भेजी जाती है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, महाराष्ट्र में चालू सीजन में 7 प्रतिशत तक चीनी का उत्पादन कम हो सकता है. इससे अन्य देशों को भेजी जाने वाले चीनी के निर्यात में कटौती की जा सकती है.
129 लाख टन हो सकता है चीनी उत्पादन
चीनी उत्पादन को लेकर राज्यों में बैठकों का दौर जारी है. रिपोर्ट के अनुसार, महाराष्ट्र के चीनी आयुक्त ने चीनी मिल प्रबंधकों के साथ बैठक की थी. बैठक में गन्ना उत्पादन, चीनी उत्पादन और एथेनॉल उत्पादन पर चर्चा की गई. शेखर गायकवाड़, आयुक्त (चीनी), महाराष्ट्र ने बताया कि पिछले साल जितने रकबे में गन्ने की बुवाई हुई थी. इस साल भी उतने ही रकबे में बुवाई की गई है. मराठवाड़ा क्षेत्र में गन्ने की प्रति एकड़ उत्पादकता में लगभग 20 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है. इथेनॉल निर्माण के लिए भी गन्ने का अधिक प्रयोग किया जा सकता है. चीनी उत्पादन का अनुमान 138 लाख टन से अधिक जताया गया था, जो अब घटकर 129-130 लाख टन रह सकता है.
वर्ष 2021-22 में हुआ था रिकॉर्ड 138 लाख टन चीनी उत्पादन
महाराष्ट्र में पिछले साल चीन उत्पादन को लेकर रिकॉर्ड बना था. वर्ष 2021-22 के सीजन में पहली बार 138 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था.राज्य में आधे से अधिक पेराई सत्र गुजर चुका है. चीनी मिलों पर जो गन्ना पहुंच रहा है. उसमें चीनी उत्पादन उतना नहीं हुआ है. लिहाजा चीनी उत्पादन में भी गिरावट दर्ज की जाएगी. बता दें कि गन्ने का उत्पादन प्रभावित होता देखा केंद्र सरकार ने चीनी निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था. केवल 60 लाख टन के कोटा के निर्यात की अनुमति दी गई थी. हालांकि केंद्र सरकार निर्यात को लेकर नए सिरे से विचार कर रही है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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