Sugarcane SMS slip UP: विश्व के कुल गन्ना उत्पादन में भारत दूसरे नंबर पर है. यहां यूपी के गन्ना का सबसे अधिक उत्पादन मिलता है. आंकड़े बताते हैं कि यूपी में कुल गन्ना उत्पादन का 51% गन्ना और 38% चीनी का उत्पादन मिलता है. देश की 520 चीनी मिलों में से 119 अकेले यूपी (UP Sugar Mill) में ही है. यहां करीब 48 लाख किसान 46 लाख से अधिक चीनी मिलों को गन्ना उपलब्ध करवाते हैं. गन्ना के भुगतान की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए यूपी सरकार लगातार प्रयासरत है.
इसी बीच यूपी के गन्ना विभाग ने किसानों के लिए गाइडलाइंस जारी की हैं. इसमें बताया गया है कि गन्ना की एसएमएस पर्ची (Sugarcane SMS Slip) प्राप्त करने के लिए किसान अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर की जांच करवा लें, क्योंकि फोन ऑफ रहने या नेटवर्क कवरेज से बाहर होने पर गन्ना पर्ची का एसएमएस अगले 24 घंटे में अपने आप कैंसिल हो जाएगा.
इस वजह से कैंसिल हो सकती है गन्ना एसएमएस पर्ची
अकसर गन्ना किसान पंजीकरण करते समय गलत नंबर दर्ज कर देते हैं. कुछ किसान रजिस्टर्ड नंबर डालते तो हैं, लेकिन कुछ दिन बाद नंबर बदल देते हैं. ऐसी स्थिति में गन्ना विभाग की तरफ से एसएमएस पर्ची मिलने में समस्या हो सकती है. वहीं कभी-कभी एसएमएस इनबॉक्स फुल रहने पर भी गन्ना की एसएमएस पर्ची रद्ध हो सकती है. इन सभी कारणों से किसानों को गन्ना की आपूर्ति सुनिश्चित करने में परेशानियां आ सकती हैं.
गन्ना विभाग ने जारी की गाइडलाइंस
उत्तर प्रदेश के चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग ने गन्ना की एसएमएस पर्ची प्राप्त करने के लिए किसानों को अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर की जांच करने की निर्देश दिए हैं. अगर कोई समस्या आ रही है तो अपने गन्ना पर्यवेक्षक या समिति सचिव से भी संपर्क कर सकते हैं. गन्ना विभाग ने यह भी बताया है कि किसानों को गन्ना की एसएमएस पर्ची मिलने तक नेटवर्क कवरेज एरिया में रहना होगा. ऐसा ना करने पर गन्ना पर्ची का एसएमएस 24 घंटे के अंदर खुद ही कैंसिल हो जाएगा. किसानों की मदद के लिए यूपी गन्ना विभाग ने एक हेल्पलाइन नंबर- 1800-121-3203 भी जारी किया है. यहां कॉल करके भी इस संबंध में बात कर सकते हैं.
अधिकारियों ने बताया सोल्यूशन
गन्ना एसएमएस पर्ची को प्राप्त करने में आ रही समस्या को लेकर गन्ना एवं चीनी आयुक्त संजय आर भूसरेड्डी ने गन्ना किसानों को अपना रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर जांचने की अपील की है. यदि किसान का नंबर गलत है या नया नंबर जारी हुआ है तो इस बात की जानकारी अपने गन्ना पर्यवेक्षक को दें और समिति सचिव से संपर्क करके नए नंबर को अपडेट करवा लें, जिससे गन्ना की आपूर्ति में कोई परेशानी ना आए.
उन्होंने ये भी बताया कि गन्ना विकास विभाग ने गन्ना किसानों को एसएमएस गन्ना पर्ची भेजने का काम शुरू कर दिया है. इस गन्ना पेराई सत्र में करीब 46.42 लाख गन्ना किसानों को इंटेंड जारी करने वाली 82 चीनी मिलों ने गन्ना की आपूर्ति के लिए 60 लाख गन्ना पर्चियां कैलेंडर के बेस मोड पर जारी की गई हैं. राज्य के छोटे किसानों को भी कुल 60 लाख गन्ना पर्चियों में से 2.55 लाख पर्चियां कैलेंडर के बेसमोड पर जारी हुई हैं.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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