Sugarcane Price: इस राज्य में लाखों किसानों की बल्ले, इतने बढ़ सकते हैं गन्ने के दाम
इस प्रदेश की सरकार किसानों के हित में बड़ा कदम उठाने जा रही है. यहां गन्ने के भाव में 10 रुपये प्रति क्विंटल तक की बढ़ोत्तरी हो सकती है. इससे राज्य के लाखों किसानों को फायदा होगा.
Sugarcane Price In UP: देश की बड़ी आबादी कृषि क्षेत्र से जुड़ी हुई है. किसान खेती कर अपना भरण पोषण करते हैं. देश के अलग अलग हिस्सों में किसान खेती से ही कमाई कर रहे हैं. उत्तर प्रदेश जनसंख्या के मामले में देश का बड़ा राज्य है. यहां की बड़ी आबादी गन्ना उत्पादन से जुड़ी हुई है. अब इसी प्रदेश से गन्ना क्षेत्र से जुड़े किसानों के लिए राहत की खबर है. यहां प्रति क्विंटल गन्ना के दाम बढ़ाये जा सकते हैं.
बढ़ सकते हैं 10 रुपये क्विंटल भाव
राज्य सरकार गन्ना किसानों को राहत देने में जुटी हुई है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, गन्ने के भावों में प्रति क्विंटल 10 रुपये तक बढ़ोत्तरी की जा सकती है. बताया गया है कि किसानों को मौजूदा भाव से 3.3 प्रतिशत अधिक गन्ने का भाव किसानों को मिल सकता है. राज्य सरकार की इस कवायद से किसान बेहद खुश हैं. उन्होंने राज्य सरकार के निर्णय पर खुशी जताई है.
राज्य सरकार ने की है सिफारिश
राज्य सरकार गन्ने के भाव बढ़ाने की कवायद में जुटी है. इसके लिए सिफारिश कमिशन फ़ॉर एग्रीकल्चर कोस्ट्स एंड प्रोसेस(CACP) की ओर से को गई है. यदि समिति की सिफारिश स्वीकार कर ली जाती हैं तो गन्ने का प्रति क्विंटल भाव 10 रुपये तक बढ़ सकता है.
इतना कर दिया जाए गन्ने का भाव
CACP ने अपनी सिफारिश में कहा है कि 10.25 प्रतिशत चीनी रिकवर रेट के गन्ने की कीमत के मौजूदा भाव 305 रुपये से बढ़ाकर 315 रुपये कर दिया जाए. यहां गन्ने की कीमत का मतलब उसकी एफआरपी से है. यदि सिफारिश मान ली जाती है तो किसानों को बड़ी दरों पर ही धनराशि मिलेगी.
इसी महीने लिया जा सकता है निर्णय
वहीं मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार, केंद्र की कैबिनेट गन्ने की एफआरपी बढ़ाने पर डिसीजन ले सकती है. गन्ने से जितनी अधिक चीनी बनेगी. उतना ही अधिक गन्ने का रेट किसानों को मिलेगा.
इतना हो सकता है चीनी उत्पादन
चीनी उत्पादन को लेकर भी खबरें सामने आ रही हैं. रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल चीनी उत्पादन 35.76 मिलियन टन हुआ था जोकि इस साल घटकर 32.28 लाख टन आ सकता है. इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन के आंकड़ों के अनुसार, घरेलू खपत पर लगातार नजर रखी जा रही है. हालांकि यह भी देखा जा रहा है कि देश में बढ़ रहे इथेनॉल उत्पादन से चीनी उत्पादन की स्थिति तो नहीं बिगड़ सकती है.
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