(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Sugarcane Production: 46 लाख गन्ना किसानों का भला करेगी ये राज्य सरकार, चल रही है ऐसी तैयारी
उत्तर प्रदेश में लाखों की संख्या में गन्ना खेती से जुड़े हैं. योगी सरकार गन्ना किसानों के हित में लगातार कदम उठा रही है. सिंचाई के लिए भी मोटी सब्सिडी दी जा रही हैं.
Sugarcane Production In UP: देश के कई राज्यों में गन्ना की खेती की जाती है. गन्ना से किसान अच्छी खासी इनकम भी कमा लेते हैं. उत्तर प्रदेश की बड़ी आबादी गन्ना खेती से जुडे हुए हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गन्ना किसानों के हित में लगातार कदम उठा रहे हैं. एक आंकड़े के अनुसार, प्रदेश उत्तर प्रदेश में करीब 46 लाख किसान गन्ने की खेती को सक्रिय तौर पर करता है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ऐसे किसानों का भला करने के लिए लगातार नई-नई योजनाएं चला रहे हैं
ड्रिप इरीगेशन पर मिल रही 90 प्रतिशत तक सब्सिडी
उत्तर प्रदेश सरकार राज्य मेें ड्रिप इरीगेशन तकनीक को बढ़ावा दे रही है. इसे टपक प्रणाली के नाम से भी जाना जाता है. इससे कम समय में खेत में सिंचाई हो जाती है. पानी की भी कम जरूरत होती है. इसी कारण सरकार ड्रिप एवं स्प्रिंकलर विधी से सिंचाई कराने पर जोर दे रही है. प्रदेश सरकार लघु सीमांत किसानों को उसके जमीन के हिसाब से सब्सिडी देती है. ये सब्सिडी 90 प्रतिशत तक हो सकती है.
20 प्रतिशत मिलेगा ब्याज फ्री लोन
उत्तर प्रदेश गन्ना विभाग भी किसानों के हित में लगातार कदम उठा रहा है. ड्रिप इरीगेशन तकनीक के प्रयोग के लिए किसानों को 20 प्रतिशत ब्याज फ्री लोन भी दिया जाता है. ये लोन किसानों को चीनी मिल एवं गन्ना विकास विभाग की ओर से उपलब्ध कराया जाएगा. 90 प्रतिशत से अधिक किसान इस योजना का लाभ ले सकते हैं.
प्रति किलोग्राम गन्ना उत्पादन मेें इतना पानी आता काम
गन्ने को अधिक पानी की जरूरत होती है. इसे सिंचाई के तौर पर 3 से 7 बार तक पानी दिया जाता है. एक आंकड़ें के अनुसार, गन्ने की फसल के लिए 1500 से 2500 मिलीमीटर पानी चाहिए होता है. वहीं, प्रति किलो गन्ना उत्पादन में 1500 से 3000 हजार लीटर पानी खप जाता है. आमतौर पर खेतों में सिंचाई नहर, तालाब, पोखर, नलकूप, पंपसेट से की जाती है. इसमें पानी बहुत अधिक लगता है. लेकिन ड्रिप इरीगेशन में आधे से अधिक पानी बचा लिया जाता है.
यूपी में बनेगा गन्ना विकास कोष
यूपी के गन्ना किसानों को सीधे तौर पर लााभान्वित करने के लिए गन्ना विकास कोष बनाने की तैयारी चल रही हैं. इस कोष से लघु सीमांत किसान लोन पा सकेंगे. गन्ना समितियों में पंजीकृत किसानों को ही इस लोन का लाभ मिल सकेगा.
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