Sugarcane Seeds List: भारत गन्ना उत्पादन के मामले में दुनिया में अलग पॉजीशन रखता है. भारत के गन्ने की मांग दूसरे देशों में होती है. लेकिन गन्ना हो या कोई भी फसल इसकी बेहतर उपज के लिए बीज की क्वालिटी बेहतर होना जरूरी है. शोध संस्थान फसलों के बीज विकसित करने पर लगे रहते हैं. कोशिश रहती है कि ऐसी फसलों को विकसित किया जाए, जोकि बारिश, गर्मी की मार अधिक झेल सकें. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान ने गन्ने की 3 नई ऐसी ही प्रजातियां विकसित की गई हैं. ये प्रजातियां कई प्राकृतिक आपदाओं को झेलने में सक्षम होंगी, साथ ही किसानों की इनकम बढ़ाने में भी मददगार साबित होंगी.
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अनुसंधान संस्थान ने लंबी मेहनत के बाद ये प्रजाति विकसित की है. इसके रस में 17.65 प्रतिशत शर्करा और पोल प्रतिशत केन की मात्रा 13.42 प्रतिशत है. इस प्रजाति के गन्ने की लंबाई थोड़ी कम और मोटी अधिक है. इस गन्ने की बुवाई पंजाब, हरियाणा और उत्तराखंड में की जा सकती है. यहां का मौसम इस किस्म के लिए अनुकूल है. इसका रंग हल्का पीला है. यदि पैदावार की बात करें तो यह प्रति हेक्टेयर 91.5 टन पैदावार मिलेगी. यह प्रजाति लाल सड़न रोग से लड़ने में सक्षम है.
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इस प्रजाति की बुवाई उत्तराखंड, पंजाब, राजस्थान, हरियाणा, पश्चिमी उत्त्तर प्रदेश में की जा सकती है. यहां का मौसम और मिटटी इस प्रजाति के लिए अनुकूल है. इसका रंग हरा और मोटाई थोड़ी कम है. इससे प्रति हेक्टेयर 82.8 टन उपज मिल जाती है. इसके रस में शर्करा 17 प्रतिशत, पोल प्रतिशत केन की मात्रा 13.22 प्रतिशत है.
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इस प्रजाति की बुवाई उत्तर प्रदेश में की जा सकती है. इस प्रजाति का गन्ना पीले रंग का होता है. एक हेक्टेयर में इसकी पैदावार 95 टन गन्ना प्राप्त होगा. इसमें 18.60 प्रतिशत शर्करा, पोल प्रतिशक 14.55 प्रतिशत है. किसान इससे अच्छी पैदावार पा सकते हैं.
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