इस वैरायटी की बदौलत गन्ना उत्पादन में यूपी का दबदबा, चीनी उत्पादन में अभी भी इस राज्य के साथ कड़ी टक्कर
Sugarcane: यह किस्म CO-0238 है, जिसने साल 2016-17 में गन्ना की उत्पादकता को 1.5 फीसदी बढ़ा दिया था और इससे चीनी की रिकवरी ग्रोथ भी 2% तक दर्ज की जा चुकी है.
Sugar Production: पिछले साल मौसम की अनिश्चितताओं ने किसानों को एक बड़े संकट में डाल दिया था.उत्तर प्रदेश के कुछ इलाके सूखा से परेशान थे तो कहीं बाढ़ का पानी निकालने में ही कई दिन लग गए. इससे खेती-किसानी पर बुरा असर पड़ा. इन घटनाओं के चलते गन्ना उत्पादन में गिरावट की अटकलें भी लगाई जाने लगीं, लेकिन यूपी को गन्ना उत्पादन में सर्वोच्च बनाए रखने में एक खास किस्म का अहम योगदान रहा. इससे खेती करने पर ही कीट-रोग के प्रकोप और मौसम की अनिश्चितताओं के बावजूद गन्ना के उत्पादन में गिरावट नहीं आई.
यह किस्म CO-0238 है, जिसने कुछ साल पहले गन्ना की उत्पादकता को 1.5 फीसदी बढ़ाया और चीनी की रिकवरी ग्रोथ भी CO-0238 किस्म से 2 प्रतिशत दर्ज की गई. इसकी खेती करने वाले गन्ना किसानों को काफी फायदा हुआ.
Co-0238 ने बढ़ा दिया था गन्ने का उत्पादन
मीडिया रिपोर्ट की मानें तो साल 2016-17 में उत्तर प्रदेश की चीनी मिलों ने भी सबसे ज्यादा चीनी का उत्पादन किया था और यह पहले पायदान पर काबिज हुआ था. इस सफलता का श्रेय एक खास किस्म Co-0238 को जाता है, जिसने ना सिर्फ गन्ने की उत्पादकता बढ़ाने में किसानों की मदद की, बल्कि गन्ने के रस की रिकवरी में भी काफी सुधार देखा गया.
इसका नतीजा ये रहा कि जब 2019 के दौरान पूरे देश में चीनी की उपज में 2% तक की गिरावट दर्ज हुई, तब यूपी ने चीनी का उत्पादन 126.38 लाख टन के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा दिया था.
हाल ही में, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री संजीव बालियान ने भी चीनी उत्पादन की इस खास किस्म का जिक्र किया और चीनी उत्पादन को फिर से बेहतर बनाने के लिए Co-0238 किस्म का विकल्प खोजने की जरूरत पर प्रकाश डाला.
महाराष्ट्र में बढ़ा चीनी उत्पादन
बेशक उत्तर प्रदेश गन्ना का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य हो, लेकिन अब चीनी उत्पादन में महाराष्ट्र बाजी मार रहा है. इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन की रिपोर्ट के मुताबिक, चालू गन्ना सीजन (अक्टूबर 2022 से सितंबर 2023) में 15 जनवरी तक 156.8 लाख टन चीनी का उत्पादन दर्ज किया गया है, जबकि पिछले साल की इसी अवधि तक यह 150.8 लाख टन था.
महाराष्ट्र ने पिछले साल 58.87 लाख टन चीनी का उत्पादन किया था, जबकि इस साल ये बढ़कर 60.3 लाख टन हो गया है. उत्तर प्रदेश की चीनी मिलों में भी चीनी के उत्पाददन में ग्रोथ दर्ज की गई है. पिछले साल यूपी की चीनी मिलों से 40.2 लाख टन टीनी का उत्पादन मिला था, जबकि इस साल 40.7 लाख टन प्रोडक्शन दर्ज हुआ है.
चीनी के निर्यात में दर्ज हुई रिकॉर्ड वृद्धि...
— Agriculture INDIA (@AgriGoI) January 18, 2023
वर्ष 2017-18 में जहां चीनी का निर्यात 6.8 लाख मीट्रिक टन था, वो अब वर्ष 2021-22 में रिकॉर्ड उछाल के साथ बढ़कर 110 लाख मीट्रिक टन हो गया।#AgriGoI #sugar #sugarexport #aatmnirbharbharat #G20India @g20org @PIBAgriculture pic.twitter.com/vyhjM5cmJ2
इन राज्यों में भी चीनी का बड़ा उत्पादन
इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन की रिपोर्ट के मुताबिक, महाराष्ट्र में साल 2021-22 में 137.2 लाख टन चीनी का उत्पादन दर्ज हुआ है और इसी के साथ महाराष्ट्र देश का सबसे बड़ा चीनी उत्पादक बन गया है, हालांकि इस लिस्ट में उत्तर प्रदेश भी दूसरे स्थान पर है.
तीसरे नंबर पर कर्नाटक है, जहां की मिलों ने पिछले साल के 32.7 लाख टन की तुलना में 33.6 लाख टन चीनी का प्रोडक्शन किया है. इस लिस्ट में तमिलनाडु और गुजरात का नाम भी शामिल है, जहां चीनी के प्रोडक्शन में अच्छी ग्रोथ दर्ज की गई है. तमिलनाडु में चीनी का उत्पादन 2.1 लाख टन से बढ़कर 3.6 लाख टन पहुंच गया है, जबकि गुजरात में भी 4.6 के मुकाबले 4.8 लाख टन उत्पादन दर्ज किया गया है.
बढ़ गया चीनी का निर्यात
कृषि मंत्रालय के आंकड़ों की मानें तो चीनी निर्यात में रिकॉर्ड वृद्धि दर्ज की गई है. साल 2017-18 में चीनी का निर्यात 6.8 लाख मीट्रिक टन तक सीमित था, लेकिन साल 2021 के दौरान इसमें रिकॉर्ड ग्रोथ दर्ज की गई है.
इस दौरान देश से 110 लाख मीट्रिक टन चीनी का निर्यात हुआ है. इस पर इंडियन शुगर मिल एसोसिएशन ने बताया कि निर्यात के लिए चीनी मिलों ने 55 टन चीनी का कांट्रेक्ट किया है, जिसमें से 18 लाख टन का पहले ही एक्सपोर्ट हो चुका है. पिछले सीजन भी 112 लाख मीट्रिक टन चीनी का निर्यात किया था.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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