Super Cow In China: चीन अपनी आधुनिक तकनीक के नाम से जाना जाता है. उन्नत तकनीक से नई राहें दिखाई हैं. अब एक और कमाल चीन के वैज्ञानिकों ने किया है. चीन के वैज्ञानिकों ने उन्नत तकनीक तकनीक विकसित की है, जिससे देश में दूध की कमी ही नहीं होगी. एक गाय ही साल में इतना दूध देगी कि कई लोगों की पूर्ति आसानी से हो जाएगी. दूध उत्पादन की दुनिया में इस कदम को क्रांति के तौर पर देखा जा रहा है.
वैज्ञानिकों ने तैयार किया सुपर काऊ का क्लोन
चीनी वैज्ञानिकों ने सुपर काऊ का क्लोन तैयार किया है. इस क्लोन से जो विकसित होकर गाय बनेगी. वह भविष्य में बहुत अधिक दूध देगी. चीनी मीडिया के अनुसार, 23 जनवरी को लूनर न्यू ईयर से पहले निजियांग क्षेत्र में कलोन से तैयार हुए बछड़ों का जन्म हुआ है. अब वैज्ञानिक इन बछड़ों की देखभाल में लगे हुए है. पैदा हुए पहले बछड़े का वजन 120 पाउंड था और यह 2 फीट 6 इंच लंबा था. बछड़ों का रंग, आकार और त्वचा गाय के सामान ही है.
जीवन भर में देगी एक लाख लीटर दूध
वैज्ञानिकों ने बताया कि बछड़ा मां बनने पर एक साल में 18 टन दूध देगी. साल भर की बात करें तो एक सुपर गाय जीवनकाल में 100 टन दूध देगी. इस हिसाब से देखें तो जीवनभर में गाय एक लाख लीटर दूध देगी. इतना अधिक दूध उत्पादन होने से पशुपालकों की इनकम भी बढ़ जाएगी.
गायों के कान की सेल्स से बने 120 क्लोन भ्रूण
चीनी मीडिया के अनुसार, वैज्ञानिकों ने क्लोन विकसित करने के लिए अच्छे दूध उत्पादन करने वाली गायों की मदद ली. उनके कानों की कोशिकाओं से 120 भ्रूण तैयार किए गए. गायों में सेरोगेसी कर उनसे बछड़ों का जन्म कराया गया. चीनी ने दूध उत्पादन के क्षेत्र में इसे बड़ी सफलता बताया है.
बनाई जाएंगी 1000 से अधिक सुपर गायें
देश में दूध उत्पादन को लेकर चीन कितना गंभीर है. इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इस तकनीक से देश में 1000 से अधिक गाय क्लोन के जरिए विकसित की जाएंगी. वैज्ञानिकों का कहना है कि इस दिशा में तेजी से काम करना शुरू कर दिया है. अगले दो से तीन साल में ऐसा करने में सफलता हासिल कर ली जाएगी.
ऐसा करने की चीन को जरूरत क्यों पड़ी?
चीन देश में सबसे बड़ी आबादी वाला देश हैं. यहां दूध की खपत भी बेहत अधिक है. विशेषज्ञों का कहना है कि कहा कि चीन में 10,000 गायों में से केवल पांच ही अपने जीवनकाल में 100 टन दूध का उत्पादन कर सकती हैं. लेकिन एक समय के बाद गायों का प्रजनन बंद हो जाता है. ऐसा होने पर पशुपालकों के सामने आमदनी का संकट छाता है. वहीं दूध उत्पादन की खपत कम होती है. दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए चीन ने यह कदम उठाया है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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