Advanced Variety Swarn Shakti: खरीफ सीजन (Kharif Season) की ज्यादातर फसलों से बेहतर उत्पादन के लिये अच्छी बारिश या अधिक मात्रा में सिंचाई (Irrigation) की जरूरत होती है. दो फसलें की खेती का पानी अकेला धान की खेती (Paddy Cultivation) में खर्च होता है, जिससे कम बारिश वाले इलाकों में धान की खेती करना चुनौती पूर्ण काम बन जाता है. कृषि वैज्ञानिक भी पानी की ज्यादा खपत को देखते हुये कई राज्यों को धान की खेती नहीं करने की सलाह देते हैं.
इस समस्या का समाधान करते हुये कृषि विज्ञान केंद्र, जमुई और भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, पटना के वैज्ञानिकों (Agriculture Scientist) ने मिलकर कम पानी में बंपर पैदावार (High production in Shortage of Water) देने वाली किस्म स्वर्ण शक्ति (Swarn Shakti) का आविष्कार किया है.
स्वर्ण शक्ति धान की खासियत
कम पानी वाले इलाके, असिंचित क्षेत्र या कम बारिश वाले इलाकों में स्वर्ण शक्ति धान उगाने पर दूसरी किस्मों से ज्यादा उत्पादन मिलता है.
- रिपोर्ट्स की मानें तो अचानक सूखा पड़ने पर भी इस किस्म की धान पर कुछ खास असर नहीं होता.
- ओलावृष्टि जैसी प्राकृतिक आपदाओं में भी ये किस्म 15 दिन तक जमकर खड़ी रहती है.
- स्वर्ण शक्ति धान उगाने पर कम खर्च और कम पानी में ही अच्छी पैदावार मिल जाती है.
- यह एक मध्यम अवधि की किस्म है जो 115-120 दिन में पक जाती है.एक हेक्टेयर खेत से स्वर्ण शक्ति धान से 45-50 क्विंटल तक स्वस्थ उत्पादन लिया जा सकता है.
ऐसे करें बुवाई
- स्वर्ण शक्ति धान (Swarn Shakti Paddy)की बुवाई के लिये जून-जुलाई का समय सबसे बेहतर रहता हैं.
- इस दौरान सीड़ ड्रिल विधि (Seed Dril Method)से बुवाई के लिये 25-30 किग्रा प्रति हेक्टेयर के हिसाब से बीजदर का प्रयोग करना चाहिये.
- खेत में बीजों की बुवाई से पहले इन्हें थीरम और कार्बेंडाजिम से उपचारित कर लेना चाहिये.
- फसल की अच्छी बढ़वार के लिये खेत में 120 किग्रा. नाइट्रोजन, 60 किग्रा. फास्फोरस और 40 किग्रा. पोटाश को गोबर की खाद में मिलकार खेत में डाल देना चाहिये.
- इसकी बुवाई के लिये खेत में जल भराव, कीचड़ या नर्सरी तैयार करने की जरूरत नहीं होती.
- हल्की नमी वाले खेत में सीड़ ड्रिल की मदद से 3-5 से.मी. गहराई और 20 सेमी. दूरी वाली लाइनों में इसकी बुवाई की जाती है.
- सूखाग्रस्त इलाकों में भी इसकी खेती करने के लिये सिर्फ हल्की नमी की जरूरत होती है.
- स्वर्ण शक्ति धान (Swarn Shakti Rice) की बुवाई के बाद खेतों में खरपतवारों का प्रकोप बढ़ जाता है.
- इस समस्या के लिये खेत में निराई-गुड़ाई करते रहें, जिससे फसल को भी बढ़ने में मदद मिलेगी.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारियों पर आधारित है. ABPLive.com किसी भी तरह की जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
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