Tips for Pregnant Cow & Buffalo: किसानों और पशुपालकों की सफलता और मुनाफा काफी हद तक पशुओं के स्वास्थ्य से जुड़ी होती है. विशेषज्ञों के मुताबिक एक सफल डेयरी व्यवसाय (Dairy Business Tips) वही है, जो पशुओं की सेहत कायम रखते हुये बेहतर दूध उत्पादन (Milk Production) हासिल कर पाये और इससे पशुपालकों को मुनाफा हो. आम दिनों में तो पशुओं की सेहत का ख्याल (Animal Care Tips) रखना आसान है, लेकिन गाय और भैंसों को गर्भावस्था में खास देखभाल (Pregnant Buffalo Care) की जरूरत होती है. इस समय दुधारु पशुओं के खान-पान से लेकर, रहन-सहन, साफ-सफाई और उन्हें तनावमुक्त रखना बेहद जरूरी होता है, क्योंकि जरा सी लापरवाही पशुओं की सेहत और पशुपालकों को नुकसान पहुंचा सकता है, इसलिये इन बातों को ध्यान में रखकर गाभिन दुधारु पशुओं का ख्याल (Pregnant Cattles Care) रखना चाहिये.
 
कितने महीने की होती है गर्भावस्था
एक गाय की गर्भावस्था 9 माह 9 दिन तक की होती है, वहीं भैंस की गर्भावस्था 10 माह 10 दिन तक की होती है. इस बीच भैंस की गर्भावस्था ज्यादा लंबी होती है, इसलिये गाभिन होने के तीन महीने के अंदर पशु आहार में पोषक तत्वों की मात्रा बढ़ाई जाती है. इस दौरान भैंस का वजन भी 20 से 30 किलो तक बढ़ जाता है, जिसके चलते गाभिन भैंस की दिनचर्या में कुछ खास बातों का ध्यान रखना चाहिये.


आखिरी तीन माह में सावधानी
भैंसों की शुरुआती गर्भावस्था आसान होती है. इस बीच भैंसों को अच्छा पशु आहार, पानी का सेवन और सैर-सपाटा करवाया जाता है, लेकिन गर्भावस्था के आखिरी तीन महीनों में भैंस का वजन 20 से 30 किलो तक बढ़ जाता है, इसलिये भैंसों की आवाजाही, सैर-सपाटा और खान-पान का खास ख्याल रखने की जरूरत होती है.



  • गर्भावस्था में भैंसों को दौड़ने या अधिक चलने से बचाना चाहिये. 

  • इस समय भैंस को फिसलन वाले स्थान पर नहीं ले जाना चाहिये.

  • गर्भवती भैंसों को तनावमुक्त रखें और उन्हें तेज स्वभाव वाले पशुओं से दूर रखना चाहिये.

  • गाभिन भैसों को अलग शांत तबेले में रखें और उन्हें दिन में दो बाद जरूर नहलायें.

  • इस अवस्था में भैंसों के आहार में 3 किग्रा और 1 प्रतिशत नमक जोड़ना चाहिये.

  • गाभिन भैसों को खुले स्थान पर रखें और समय-समय पर पानी पिलाते रहे.


गर्भाकाल के आखिरी माह में देखभाल
गाभिन भैंस को गर्भावस्था के 9 वें या 10 वें माह से दुहाना बंद करके दस्तावर आहार जैसे गेहूं का चोकर, अलसी की खल आदि को आहार में जोड़ना फायदेमंद रहता है. 



  • पहली बार ब्यांत की भैंसों को तनावमुक्त रखने के लिये दुलार करें और उनकी चमड़ी पर हाथ फिराकर देखभाल(Animal Care) करें.

  • गाभिन भैंस को शांत स्थान पर रखें और 25 से 30 किलोग्राम हरा चारा, 2 से 4 किग्रा सूखा चारा, 3 से 3 किग्रा दाना और 50 ग्राम नमक रोजाना भैंसों को आहार (Animal Fodder) में देना चाहिये.


Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारियों पर आधारित है. ABPLive.com किसी भी तरह की जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.


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