Rain-based Vegetable Farming:भारत में मानसून सीजन (Monsoon Season) का आगाज हो चुका है. इस बीच ज्यादातर किसान खाद्यान्न फसलों को छोड़कर फल और सब्जियों की खेती (Vegetable Farming) कर रही है. पिछले कुछ सालों में सब्जियों की खेती से किसानों को काफी लाभ हुआ है. खासकर बारिश के मौसम में सब्जियों की खेती (Rain Based Farming) से बंपर उत्पादन (Vegetable Production) तो मिलता ही है, साथ ही सिंचाई के खर्च (Irrigation) में भी बचत होती है. हालांकि इस दौरान सब्जियों की खेती (Vegetable Cultivation in Rain) में काफी सावधानियां बरतने की भी जरूरत होती है, वरना जरा सी लापरवाही से काफी नुकसान झेलना पड़ सकता है. इसके बावजूद कम देखभाल में बंपर उत्पादन देने वाली सब्जियों की खेती करना फायदे का सौदा साबित हो सकता है.


सेम
बारिश का मौसम बेलदार सब्जियों की खेती के लिये सबसे बढ़िया रहता है. इस दौरान बेलों में तेजी से वृद्धि होती है. सेम फली भी इन्हीं सब्जियों में से एक है, जिसकी खेती के लिये जून-अगस्त का समय अनुकूल रहता है. इसकी खेती से अच्छी आमदनी लेने के लिये उन्नत किस्मों वाले प्रमाणित बीजों का चुनाव करना चाहिये. एक बार बेल वाली सेम फली की रोपाई करने पर ये लंबे समय तक बेहतर उत्पादन लेने में किसानों की मदद करती है.


करेला
वैसे तो करेला की खेती मार्च-अप्रैल के महीने में की जाती है, लेकिन बारिश के मौसम में इसकी बढ़वार तेजी से होती है, जिस कारण किसान खरीफ सीजन में करेला की खेती करना पसंद करते हैं. इसकी खेती के लिये बारिश के मौसम में बीजों को नर्सरी या खेतों में लगा सकते हैं. बता दें कि बरसाती करेला लंबा और पतले आकार का होता है, जिसे आम भाषा में करेली कहते हैं. इसकी बढ़वार के समय बेलों को बांधने के लिये रस्सी और मचान का प्रयोग किया जाता है, जिससे फल जमीन को न छुयें और फसल में गलन न हो. 


बैंगन
मानसून में बरसाती बैंगन की खेती के लिये इसके बीजों को जून-जुलाई के महीने में लगाया जाता है, जिसके बाद सिंतबर-अक्टूबर तक बढ़िया उत्पादन मिल जाता है. इसकी बेहतर उपज लेने के लिये बरसात में नर्सरी तैयार करने के बाद ही इसके पौधों की रोपाई करनी चाहिये. सही खाद-उर्वरक और निगरानी के चलते बैंगन की फसल से 60-80 दिनों में फल मिलने शुरु हो जाते हैं. 


टमाटर
टमाटर एक बारहमासी फसल है, जिसे पहले सिर्फ सर्दियों में उगाया जाता था, लेकिन अब गर्मी और बरसात में इसकी उन्नत खेती की जाती है. इस मौसम में टमाटर के बीज लगाकर अच्छी पौध वाली नर्सरी तैयार करना फायदेमंद रहता है. इस दौरान पॉली हाउस में टमाटर की खेती करने पर रोपाई के 30-40 दिन में फल मिलने शुरु हो जाते हैं. खासकर देसी टमाटर की खेती करके कम मेहनत में अच्छा उत्पादन लिया जा सकता है.


मिर्च
किसान सर्दी और गर्मी दोनों मौसम में मिर्च की फसल लगाते हैं. देश-विदेश में इसकी मांग साल भर बनी रहती है, जिसके चलते किसानों को भी इसकी खेती से अच्छी आमदनी हो जाती है. इसकी खेती के लिये जुलाई के शुरुआत में बीज डालकर पौधे तैयार कर लेने चाहिये. अच्छे उत्पादन के लिये उन्नत किस्म के बीजों का ही प्रयोग करें.


बरतें ये सावधानी
बरसात (Rain Based Farming) के मौसम में बेशक सब्जियों की फसल से बेहतर उत्पादन (Vegetable Production) मिल जाता है, लेकिन इस दौरान खेती करते समय कई सावधानियां भी बरतनी चाहिये.



  • सब्जियों की खेती (Vegetable Cultivation) उन्नत और प्रमाणित बीजों (Advanced Seeds) से ही करें, जिससे पौधे ठीक प्रकार से बढ़ सकें और जल्दी उत्पादन मिल जाये.

  • खेतों में सब्जियां उगाने से पहले मिट्टी को भुरभुरा बना लें, जिससे फसल को सही पोषण (Plant Nutrition) मिल सके.

  • बरसात में मेड़ों पर सब्जियां उगाना फायदेमंद रहता है, इससे पौधों को जरूरत के हिसाब से ही पानी मिल जाता है.

  • सब्जियों के खेत में जल-निकासी की व्यवस्था भी कर लें, जिससे पौधों में ज्यादा पानी न भर पाये.

  • इस दौरान फसल में कीड़े और बीमारियों (Pest Control in Crop) की संभावना बनी रहती है, ऐसे में बीजोपचार करके ही बुवाई का काम करें.

  • बुवाई से पहले खेत में नीम की खली (Neem Fertilizer) को मिलाने से कीड़े और बीमारियों का प्रकोप कम हो जाता है.


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