Tea Production In India: देश के किसानों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. बारिशा, ओलावृष्टि और बाढ़ ने किसानों को खासा नुकसान पहुंचाया है. मार्च में हुई बारिश और ओलावृष्टि की मार से किसान अभी तक कराह रहे हैं. उनके नुकसान की भरपाई तक नहीं हो पा रही हैं. वहीं, अब एक और नया संकट किसानों के सामने आ खड़ा हुआ है. पूरे देश में कीटों ने फसल पर हमला किया है. किसानों को लाखों रुपये का नुकसान हो रहा है. किसान बचाव के लिए कृषि विशेषज्ञों के पास भटक रहे हैं. 


सालाना 14.7 करोड़ किग्रा चाय की फसल को नुकसान


देशभर में चाय की फसल बुरी तरह प्रभावित हो रही है. कीटों के हमले और बीमारी के कारण किसान परेशान हैं. चाय के नुसकान को लेकर उद्योग निकाय चाय अनुसंधान संघ के आंकड़ें सामने आए हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, संघ ने बताया है कि देश भर में चाय उत्पादकों को हर साल करीब 14.7 करोड़ किलोग्राम फसल का नुकसान हो रहा है.


कीटों के हमले से अधिक नुकसान


संगठन ने कहा है कि चाय को अधिक नुकसान कीटों के हमले से हो रहा है. इसके अलावा एनवायरमेंट चेंज, कई बार कम बारिश भी इसके प्रमुख कारण बने हैं. इससे सालाना 2,865 करोड़ रुपये के रेवेन्यू को नुकसान पहुंचने का अनुमान है. फसलों में लगने वाली बीमारी और कीट हमले पहले भी थे. मगर ये नुकसान अब अधिक बढ़ा है. 


ये कीट पहुंचा रहे नुकसान


उत्तर भारत में मौजूद चाय के बागानों में प्रमुख कीट चाय मच्छर कीड़े, थ्रिप्स, लूपर कैटरपिलर हैं. वहीं, पूर्वाेत्तर भारत में दीमक का हमला अधिक बढ़ रहा है. यह दूसरे क्षेत्रों मेें भी बहुत तेजी से फैल रहा है. 


इन राज्यों में हो रहा नुकसान


कीटों के हमले पहले पश्चिम बंगाल में डुआर्स के कुछ क्षेत्रों और असम के दक्षिण तट तक ही देखने को मिलते थे. पिछले कुछ दशकों में ये कछार, त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश, दार्जिलिंग और तराई के अन्य क्षेत्रों तक भी पहुंच गए हैं. 



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