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Tea In India : भारत में उगने वाली इन चाय के विदेशी भी हैं दीवाने, जानें इसकी खासियत
Types Of Tea: भारत में चाय की चुस्की का हर कोई दीवाना है. यहां उगने वाली चाय इतनी बेजोड़ होती है कि विदेश तक इसके स्वाद को पसंद किया जाता है. इनकी डिमांड दूसरे देशों में भी खूब है.
Indian Tea: चाय भारत का फेवरेट ड्रिंक माना जाता है. चाय की चुस्की के लिए लोग कहां-कहां नहीं पहुंच जाते. दिन की शुरुआत हो या रात का वक्त, हर समय चाय पीना भारतीयों को पसंद आता है. भारत में उगने वाली चाय (Indian Tea) को सिर्फ देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी बहुत ज्यादा पसंद किया जाता है. विदेशियों के सिर भारतीय चाय की दीवानगी चढ़कर बोलती है. आज हम ऐसे ही चार चाय के बारें में बताने जा रहे हैं, जो उगती तो भारत में है लेकिन इसको पसंद दूर तलक किया जाता है..
असम वाली चाय
भारत में उगने वाली चाय में से सबसे मशहूर चाय असम की चाय के तौर पर मानी जाती है. असम के इलाके में उगाई गई चाय को भारत में सबसे ज्यादा पसंद की जाने वाली चाय में से एक माना जाता है. यहां की चाय की मांग देश के कोने कोने से ही नहीं, बल्कि विदेशों से आती रहती है. असम में उगाई जाने वाली चाय की एक खास तरह की चाय को ब्लैक टी के नाम से भी बुलाया जाता है. इसे असम में बहने वाली ब्रह्मपुत्र नदी के किनारों में बसे तराई इलाके में उगाया जाता है. असम में कुछ जगहों पर ऐसी मान्यताएं भी हैं कि असम की चाय इंसानों के दिमाग को तरो- ताजा रखने के साथ - साथ कई तरह के कैंसर से भी बचाने में मदद करती है.
दार्जिलिंग की चाय
मौसम और टूरिस्ट स्पॉट के लिए मशहूर दार्जिलिंग में जो चाय उगाई जाती है, उसे दुनियाभर में पसंद किया जाता है. दार्जिलिंग में सबसे पहली बार चाय को उगाया गया था. वहां की मिट्टी और पहाड़ी इलाके से आने वाली हवा के बीच उगाई जाने वाली चाय को उसकी बेहतरीन क्वालिटी के लिए पहचाना जाता है. छोटे-छोटे पत्तों से बनाई गई दार्जिलिंग की चाय खास तौर पर काले, सफेद और हरे रंग में मिलती है. यहां की चाय को जीआई टैग भी दिया गया है. दार्जिलिंग में बनाई जाने वाली चाय को मोटापा कम करने में मदद करने वाली चाय के अलावा पेट के अल्सर की समस्या में आराम देने वाली माना जाता है.
नीलगिरी की चाय
नीलगिरी की चाय को भारत में उगाई जाने वाली एक और फेमस चाय के तौर पर जाना जाता है. बीते करीब 100 सालों से यहां पर चाय उगाई जाती है. मुन्नार और नीलगिरी की पश्चिमी घाटी के दक्षिणी इलाके में उगाई जानी वाली इस चाय को उसकी तेज सुगंध की वजह से अलग पहचान मिली हुई है. नीलगिरी में उगाई जाने वाली चाय का इस्तेमाल ज्यादातर आइस-टी के तौर पर किया जाता है. डायबिटीज के मरीजों के अलावा यह दांतों की समस्या में भी मददगार मानी जाती है.
कांगड़ा वाली चाय
हिमाचल प्रदेश में मौजूद कांगड़ा घाटी में उगाई जाने वाली कांगड़ा की चाय, ब्लैक और ग्रीन टी की तरह की है. इस चाय को पालमपुर और धर्मशाला में लोग बहुत ज्यादा पसंद करते हैं. साल 2005 में इस चाय को जीआई टैग भी दे दिया जा चुका है. वहां पर चाय के पौधों की पत्ती और कली से बनाई जानी वाली इस चाय को दुनिया की सबसे टेस्टी चाय में से एक माना गया है. स्वाद में लाजवाब होने के साथ साथ यह कई सारे गुणों से भी भरपूर है. कांगड़ा चाय को हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए फायदेमंद माना जाता है.
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प्रशांत कुमार मिश्र, राजनीतिक विश्लेषक
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