Mission Palm Oil: 'फार्मिंग फ्रंट' बनेगा तेलंगाना, परंपरागत फसल छोड़कर ताड़ की खेती करेंगे किसान
Palm Cultivation: तेलंगाना में अदीलाबाद जिले के किसान अब दोगुना लाभ कमाने के लिये पारंपरिक फसलों की खेती के बजाये ताड़ की खेती को ओर रुख कर रहे हैं.
Palm Plantation in Telangana: भारत सरकार की ओर चलाये जा रहे मिशन पाम ऑइल (Mission Oil Palm) से ज्यादा से ज्यादा तटीय इलाकों को जोड़ा जा रहा है. इस कड़ी में तेलंगाना (Telangana) के अदीलाबाद (Adilabad District) जिले ने पाम की खेती (Palm Cultivation) को लेकर नया कीर्तिमान स्थापित किया है. यहां के किसान अब दोगुना लाभ कमाने के लिये पारंपरिक फसलों (Traditional Crops) की खेती के बजाये ताड़ की खेती को ओर रुख कर रहे हैं. अदीलाबाद जिले के किसानों को देखकर अब दूसरे राज्य के किसानों भी पाम की खेती (Palm Cultivation) करने के लिये रुचि दिखा रहे हैं.
किसानों को भरपूर समर्थन
केंद्र और राज्य सरकार इस कदम के लिये किसानों को खूब प्रोत्साहित कर रही है और राज्य में 3,876 एकड़ की नर्सरी में 1 लाख 93 हजार उन्नत किस्म के पौधे तैयार किये जा रहे हैं. कृषि अधिकारी भी किसानों को 1,368 एकड़ में पाम की खेती के लिये जल्द 64,800 पौधों का वितरण करेंगे, जिससे किसानों को बेहतरीन क्वालिटी के ताड़ की खेती करने में खास मदद मिलेगी.
ऐसे तैयार की जा रही ताड़ की नर्सरी
रिपोर्ट्स की मानें तो अदीलाबाद की नर्सरी में तैयार किये जा रहे ताड़ के पौधों की लंबाई 11 मीटर है, जिन्हें लगाये 11 महीने का समय हो चुका है. ये ताड़ की सबसे बेहतर मलेशियाई प्रजाति एम 1161 है. फिल्हाल नर्सरी में बेहतर पौध बनाने के साथ समय-समय पर मिट्टी की क्वालिटी और पानी की उपलब्धता की जांच भी की जा रही है. सबसे खास बात यह है कि तटीय इलाकों में जमीन और पानी दोनों ही काफी मात्रा में होते हैं और ताड़ के बागों में कीड़े का आंतक, बंदरों की समस्या या दूसरे पशुओं से नुकसान की कोई संभावना नहीं रहती, जिससे कीट नाशक और निगरानी का खर्चा बच जाता है.
क्यों जरूरी है ताड़ की खेती
भारत में बड़े पैमाने पर ताड़ का तेल यानी पाम ऑइल (Palm Oil Import) का आयात किया जा रहा है, जिसे कंट्रोल करने के लिये भारत में मिशन पाम ऑइल (Mission Oil Palm)योजना शुरु की गई. इस योजना के तहत देश के किसानों को पारंपरिक फसलों के बजाये ताड़ की खेती करने के लिये प्रोत्साहित किया जा रहा है. इसके लिये किसानों को उचित दरों पर अनुदान (Subsidy) भी दिया जा रहा है. बता दें कि ताड़ एक बारहमासी फसल है, जिससे एक हेक्टेयर 4-5 मीट्रिक टल तेल का उत्पादन (Oil Production) होता है. ताड़ की खेती और इसके तेल की प्रोसेसिंग (Oil Processing) करके देश में खाद्य तेल (Edible Oil) की आपूर्ति करने में खास मदद मिलेगी. अनुमान के मुताबिक, जल्द ही ताड़ के तेल के उत्पादन (Palm Oil Production) को दूसरी तिलहनी फसलों (Oil Based Crops) के उत्पादन से 5 गुना ज्यादा बढ़ाया जायेगा.
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