Agri Production: इन मानकों के आधार पर 'कृषि का सरताज' बनने जा रहा ये राज्य, यहां जानें सरकार की पूरा प्लानिंग
Paddy Cultivation: ये किसान हितैषी नीतियों का ही नतीजा है कि राज्य में कृषि उत्पादन का क्षेत्र 1.34 करोड़ से बढ़कर 2.3 करोड़ एकड़ के भी पार हो गया है. कुल फसल उत्पादन भी बढ़कर 3.5 करोड़ टन हो गया है.
Horticulture Production: आज पूरी दुनिया के सामने भारत का कृषि क्षेत्र बेहतर स्तर पर काम कर रहा है. यहां मौसम संबंधी जोखिम तो है, लेकिन इन सब के बावजूद देश की खाद्य सुरक्षा और विदेशों को खाद्य आपूर्ति जारी है. यहां के कृषि उत्पादों की दुनियाभर में डिमांड है. यही वजह है कि अब फसल की पैदावार के साथ-साथ उपज की क्वालिटी पर भी फोकस किया जा रहा है, ताकि किसानों को सही दाम मिल सकें. इस काम में तेलंगाना राज्य पूरे देश के सामने नए मानक स्थापित कर रहा है.
ये किसान हितैषी नीतियों का ही नतीजा है कि राज्य में कृषि उत्पादन का क्षेत्र 1.34 करोड़ से बढ़कर 2.3 करोड़ एकड़ के भी पार हो गया है. कुल फसल उत्पादन भी बढ़कर 3.5 करोड़ टन हो गया है, जिसमें ग्रोथ जारी है. राज्य ने धान का उत्पादन काफी अधिक है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, साल 2014-15 तक तेलंगाना में धान की पैदावार 68 लाख टन तक सीमित थी, ये साल 2021-22 में 2.49 करोड़ पर पहुंच गई है.
किसानों को बड़ी राहत
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, तेलंगाना में अब कृषि को काफी प्राथमिकता दी जा रही है. तेलंगाना सरकार के निर्देशों पर राज्य में कृषि का इंफ्रास्ट्रक्चर बेहतर बनाने और बिजली के साथ-साथ समय पर सिंचाई की व्यवस्था सुनिश्चित करने के हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं. रायथु बंधु कृषि निवेश सहयोग, किसानों के लिए रायथु बीमा योजना, समय पर फर्टिलाइजर और बीजों की सप्लाई ने भी किसानों के आगे आकर बेहतर उत्पादन लेने में खास सहायता की है.
2.3 करोड़ एकड़ वाले तेलंगाना के कृषि क्षेत्र में अकेले 11.5 लाख एकड़ को बागवानी से कवर किया जा रहा है. राज्य में कपास का उत्पादन भी 44.7% से बढ़कर 10.53 लाख एकड़ हो गया. साल 2014-15 तक कपास की खेती का रकबा सिर्फ 41.83 लाख एकड़ तक ही सीमित था.
धान उत्पादन में रिकॉर्ड कायम
तेलंगाना सरकार के धान उत्पादन को लेकर जारी आंकड़े बताते हैं कि सरकार ने राज्य में पैदा होने वाला पूरा धान किसानों से खरीदा है. करीब 6.06 करोड़ टन धान खरीदकर राज्य सरकार ने किसानों के बैंक खातों में 1.07 करोड़ रुपये डायरेक्ट ट्रांसफर किए हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, आज तेलंगाना अपने वार्षिक बजट में से 50,000 करोड़ की धनराशि अकेले कृषि क्षेत्र और संबंधी योजनाओं के लिए खर्च करता है.
हर साल तेलंगाना के कृषि क्षेत्र में करीब 10,500 करोड़ की बिजली सब्सिडी पर खर्च होने का दावा है. वहीं रायथु बंधु योजना के तहत पिछले 5 वर्षों में राज्य सरकार ने 9 किस्तों में किसानों को 10,000 रुपये प्रति एकड़ की सहायता राशि सीधा बैंक खातों में ट्रांसफर की है. रायथु बीमा योजना के तहत भी किसान के निधन के बाद 88,963 परिवारों को प्रति परिवार 5 लाख रुपये की बीमा राशि का भुगतान किया गया है.
कृषि से बढ़ी प्रति व्यक्ति आय
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, तेलंगाना में कृषि और कृषि संबंधी दूसरे कार्यों से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को काफी मजबूती मिली है. यहां के लोगों की प्रति व्यक्ति आय 2014-15 में 1,12,162 रुपये से बढ़कर 2,78,833 रुपये यानी लगभग दोगुनी हो गई है. कृषि अधिकारियों ने बताया कि कृषि के प्रति 5,000 एकड़ क्षेत्र की निगरानी के लिए राज्य में कृषि विस्तार अधिकारियों की भी नियुक्ति हुई है.
राज्य के किसानों का 273.5 करोड़ रुपये का ट्रेक्टर परिवाहन माफ किया गया है. कृषि भंडारण जो साल 2014-15 में 39 लाख टन तक ही सीमित था, साल 2021-22 तक बढ़ाकर 68.28 लाख टन पहुंच गया है. इस तरह तेलंगाना के किसानों को परिवाहन शुल्क में राहत से लेकर उचित भंडारण की सुविधा भी उपलब्ध करवाई जा रही है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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