Thailand Farmer Sell Fresh Air: कोई भी बिजनेस छोटा या बड़ा नहीं होता है, लेकिन उस बिजनेस को एक्जीक्यूट करने के तरीका ही उसकी सफलता निर्धारित करता है. आज के आधुनिक दौर में बिजनेस करने वाले लोगों का यही मानना है. यदि आपके पास कोई खास या सबसे अलग बिजनेस आइडिया है तो उस पर काम करके अच्छा पैसा कमाया जा सकता है. कभी बिजनेस को शहरों से ही जोड़कर देखा जाता है, लेकिन आज गांव से जुड़े बिजनेस असल में सुर्खियां बटोर रहे हैं. चाहे ऑर्गेनिक स्टार्ट अप हो या फिर गोबर से जुड़ा कोई प्लांट, फूड प्रोसेसिंग यूनिट हो या फिर डेयरी से जुड़ा कोई स्टार्ट अप. हर फील्ड में प्रोफिट बढ़ता जा रहा है. ये बिजनेस आइडिया तो हर किसी के दिमाग में होता है, लेकिन थाईलैंड के एक किसान ने खेत की शुद्ध हवा को बेचने को बिजनेस सेट किया है. इस बिजनेस आइडिया ने सोशल मीडिया पर सनसी फैला दी है कि आखिर कोई खेत की ताजा-शुद्ध हवा से किस तरह पैसा कमा सकता है.
खेत की ताजी हवा का बिजनेस सेटअप
शहरों की भागदौड़ भरी जिंदगी से दूर अब हर कोई सुकून की तलाश में गांव की ओर रुख कर रहा है. लोगों की इसी जरूरत से एग्रो टूरिज्म का कांसेप्ट निकलकर आया, जो इन दिनों भारत में काफी लोकप्रिय हो रहा है. थाईलैंड के एक किसान ने भी कोरोना महामारी के दौरान कुछ इसी तरह के कांसेप्ट पर काम किया. डेली स्टार की एक रिपोर्ट के मुताबिक, यह किसान अपने खेत पर सैलानियों को साफ-शुद्ध हवा का आनंद लेने की एवज में 1 घंटे के 2,500 रुपये चार्ज कर रहा है.
हवा से मुनाफा?
डेली स्टार की रिपोर्ट के मुताबिक, इस किसान की प्रॉपर्टी थाइलैंड के हेलफायर पास एरिया में है, जो भारत के शिमला-मनाली की तरह ही प्राकृतिक खुबसूरती से फलीभूत है. यहां अपने खेतों में किसान धान उगाता है. साथ में एक कैंपिंग एरिया भी बनाया है, जहां 1 घंटा ठहरने के बदले में सैलानियों से 1,000 baht यानी भारतीय करेंसी के हिसाब से 2,500 रुपये चार्ज किए जाते हैं. बदले में टूरिस्ट को लंच-डिनर भी उपलब्ध करवाया जाता है. ये पूरी तरह टूरिस्ट के ऊपर है कि वो कितनी देर यहां बिताना चाहते हैं.
लोगों को पंसद आया आइडिया
थाईलैंड के किसान का कांसेप्ट कुछ-कुछ एग्रो टूरिज्म की तरह ही तो है, जहां लोगों को गांव में खेतों के आस-पास ठहरने की सुविधा दी जाती है, ताकि वो गांव की हवा में सुकून की सांस ले सकें. इसी तर्ज पर थाईलैंड के किसान का कहना है कि उसके खेतों के आसपास की हवा काफी शुद्ध है. रिपोर्ट की मानें तो यह आइडिया किसी और का नहीं, बल्कि एशियन लाइफ ऑर्गनाइजेशन फॉर द एडवांसमेंट ऑफ सोशल वेलफेयर के सचिव दुसित का है, जो अपने खेत पर आने वाले बच्चों और बुजुर्गों से कोई फीस नहीं लेते. नजदीकी इलाकों से विजिट करने वाले लोगों को लिए निशुल्क सुविधा है.
प्रदूषण के बीच हिट फॉर्मूला
दुनियाभर में वायु प्रदूषण बढ़ता रहा है, जिससे बूढ़े और युवा तो क्या बच्चों को भी टीबी, अस्थमा और सांस से जुड़ी समस्याएं हो रही हैं. थाईलैंड के ज्यादातर शहरों में भी प्रदूषण का स्तर काफी अधिक है. यहां के लोग ताजी और शुद्ध हवा के लिए तरस जाते हैं. कुछ समय पहले कोरोना महामारी ने भी सांस से जुड़ी बीमारियों को काफी बढ़ा दिया है. ऐसे में लोग सुकून की तलाश में नेचर पॉइंट्स पर जाते हैं, जो प्रकृति, हरियाली और शोर-शराबे से दूर हों.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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