Seed Minikit Scheme: रबी 2022-23 के लिए, मॉनसून की कमी के कारण फसलों पर अधिक प्रभाव पड़ा है. खरीफ की फसल जहां इफेक्टेड हुई है, वहीं रबी पर भी इसका असर देखने को मिल सकता है. केंद्र सरकार ने किसानों की मदद के ऐसी ही योजना तैयार की है, इससे दलहन और तिलहन के बीजों का नियमित तौर पर डिस्ट्रीब्यूशन हो सकेगा. केंद्र सरकार इसके लिए राज्यों को बीज मिनीकिट उपलब्ध कराएगी. राष्ट्रीय बीज निगम (एनएससी), नेफेड आदि सेंट्रल एजेंसीज द्वारा यह किट उपलब्ध कराई जा रही है. यह योजना राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के माध्यम से भारत सरकार द्वारा फंडेड है. 


केंद्र सरकार ने इतने दिए बीज मिनीकिट


सरकार ने 2022-23 के दौरान दलहन को बढ़ावा देने के लिए 11 राज्यों के लिए मसूर और उड़द के 4.54 लाख बीज मिनीकिट और मसूर के 4.04 लाख बीज मिनीकिट दिए हैं. उत्तर प्रदेश को 1,11,563 नग, झारखंड को 12,500 नग, और बिहार को 12,500 नग डिस्ट्रीब्यूट किए हैं. बारिश की कमी से जूझने वाले  इन तीन राज्यों को कुल आवंटन का 33.8 प्रतिशत है. यह पिछले वर्ष की तुलना में 39.4 परसेंट अधिक है. 


8.3 लाख बीज मिनीकिट से तिलहन को मिलेगा बढ़ावा


तिलहन को बढ़ावा देने के लिए करीब 8.3 लाख बीज मिनीकिट राज्यों में बांटे जाएंगे. अलग-अलग फसलों पर 39.22 करोड़ रुपए की लागत है. इनमें सरसों पर 10.93 करोड़ रुपये की 575000 मिनीकिट, मूंगफली को 16.07 करोड़ रुपये की 70500 मिनीकिट, सोयाबीन में 11.00 करोड़ रुपये की 125000 मिनीकिट, कुसुम में 65 लाख रुपये की 32500 मिनीकिट, और अलसी 57 लाख रुपए की 26000 मिनीकिट किसानों को फ्री में दी जाएंगी. वर्ष 2022-23 में स्पेशल प्रोजेक्ट के तहत 18 राज्यों के 301 जिलों में रेपसीड और सरसों के 2653183 बीज मिनीकिट बांटा जाना है. इसके लिए केंद्र सरकार ने 50.41 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं.


योजना का ये है उद्देश्य


खरीफ सीजन को लेकर 2022 के दौरान उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल के उनहिस्सों में दलहन और तिलहन का बीज मिनीकिट वितरित करना जहां भारी बारिश हुई है.
महाराष्ट्र के विदर्भ एरिया में रेपसीड और सरसों (आरएंडएम) के क्षेत्र को कवर करना.
तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक जैसे दक्षिणी राज्यों के लिए मूंगफली के रूप में प्रमुख तिलहन और उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार और राजस्थान में अलसी जैसे छोटे तिलहन और महाराष्ट्र, कर्नाटक और तेलंगाना में कुसुम का डिस्ट्रीब्यूशन करना है.


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