Malvi Cow: मालवी भारत में सबसे ज्यादा दूध देने वाली गाय की नस्लों में से एक है. इस गाय की उत्पत्ति मध्य प्रदेश के मालवा पठार क्षेत्र से मानी जाती है इस गाय को महादेवपुरी और मंथनी नाम से भी जाना जाता है. देखने में यह गाय दूसरी गायों से कहीं सुंदर, बड़ी और सुडौल होती है.


कितना दूध देती है मालवी गाय?


मालवी नस्ल की गाय हर रोज 12 से 15 लीटर दूध देती है. जो दूसरी गायों की तुलना में करीब डेढ़ गुना है. यही नहीं मालवी गाय के दूध में वसा की मात्रा भी दूसरी गायों से ज्यादा पाई जाती है. मालवी गाय के दूध में 4.5 फीसदी से ज्यादा फैट पाया जाता है. इस नस्ल की गाय 20 से 50 हजार रुपये तक मिल जाती है.


कहां पाई जाती है मालवी गाय?


पश्चिमी मध्य प्रदेश के मालवा पठार के अलावा इंदौर, उज्जैन, रतलाम, देवास, शाजापुर आदि जिलों में ये गाय मिलती हैं. इसे हैदराबाद में भी पाला जाता है. सुडौल बनावट के कारण कई जगह मालवी प्रजाति के बैलों का भार ढोने और खेती के लिए भी किया जाता है. यह नस्ल गाय की कांकरेज नस्ल से काफी समान है.


इस नस्ल की विशेषताएं



  • ये गाय सामान्यतः सफेद, भूरे या सफेद-भूरे रंग की होती हैं.

  • गर्दन, कंधे, कूबड़ का रंग भूरा-काला होता है.

  • आंखों के के आसपास के बाल काले रंग के होते हैं.

  • छोटा सिर, चौड़ा थूथन होता है जो थोड़ा उठा हुआ होता है.

  • छोटे लेकिन मजूबत पैर होते हैं. इनके खुर काले और मजबूत होते हैं.

  • सींग बड़े और बाहर की ओर निकले होते हैं.

  • छोटे कान, मध्यम पूंछ, सीधी पीठ भी इस नस्ल की विशेषता है.

  • मालवी गाय का औसत वजन 350 किलो तक होता है.

  • ये मवेशी उबड़-खाबड़ सड़कों पर भारी भार उठाने में सक्षम होते हैं.


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