Green Fodder Varieties for Animal Nutrition & Milk Production:  एक पशुपालन (Animal Husbandry) व्यवसाय तभी सफल होता है, जब पशुओं के बेहतर स्वास्थ्य के साथ-साथ अच्छी क्वालिटी का दूध उत्पादन (Milk Production) मिलने लगे. इसके लिये जरूरी है कि पशुओं को पोषण से भरपूर हरा चारा खिलाया जाये. ज्यादातर पशुपालकों के लिये पशु चारा उगाना आसान है, क्योंकि वे पशुपालन के साथ खेती भी करते हैं. ऐसे में दुधारु पशुओं (Milky Cattles) के बेहतर स्वास्थ्य के लिये ये पशुपालक तीन तरह का हरा चारा अपने खेत में या खेत की मेड़ों पर उगा सकते हैं. कृषि विशेषज्ञों की मानें तो बेहतरीन पशु चारे (Animal Fodder) की श्रेणी में तीन प्रकार के हरे चारे (FGreen Fodder) को शामिल किया गया है, जिसमें बरसीम घास, जिरका घास और नेपियर घास शामिल है.


नेपियर घास (Napier grass)
गन्ने की तरह दिखने वाली नेपियर घास को आम भाषा में हाथी घास भी कहते हैं. कम समय में ही उगने और पशुओं में दूध देने की क्षमता को बढ़ाने के कारण इसे सबसे बेहतरीन पशु आहार का दर्ज मिला हुआ है. मात्र 2 महीने में तैयार होने वाली नेपियर घास से पशु की तंदुरुस्ती बढ़ती और उनमें फुर्ती आती है.  


बरसीम घास (Berseem grass)
कैल्शियम और फास्फोरस जैसे पोषक तत्वों से भरपूर बरसीम घास को उगाना बेहद आसान है. इससे पशुओं का पाचन भी बेहतर रहता है और पशुओं के दूध देने की क्षमता भी बढ़ती है. यही कारण है पशु इस हरे चारे को बड़े चाव से खाकर अपना पेट भर लेते हैं.


जिरका घास ( Jirka grass)
कम पानी वाले इलाकों में जिरका घास ही पशुओं के लिये सबसे अच्छा विकल्प है. खासकर गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के कम पानी वाले इलाकों में इसे आसानी से उगा सकते हैं. ये घास अक्टूबर से नबंबर के बीच बोई जाती है. इससे पशुओं की दूध उत्पादन क्षमता बढ़ती है और पशुओं का हाजमा भी बढिया रहता है.


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